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Shardiya Navratri 2022: शिमला में नवरात्रि के लिए सजने लगे मंदिर, कालीबाड़ी में होगी विशेष पूजा

26 सितंबर यानी सोमवार से शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत (Shardiya Navratri 2022) हो रही है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के सभी मंदिरों को सजाने का कार्य शुरू हो गया है. शिमला स्थित कालबाड़ी मंदिर में भी शारदीय नवरात्रि 2022 को लेकर भी तैयारिया शुरू हो गई हैं. दो साल बाद नवरात्रि पर मंदिर में फिर से विशेष पूजा की (Shardiya Navratri In Kalibari Temple)जाएगी.

Shardiya Navratri 2022.
शारदीय नवरात्रि 2022.
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Published : Sep 25, 2022, 1:23 PM IST

शिमला: नवरात्रि हिन्दुओं का विशेष पर्व है. इस बार सोमवार, 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत (Shardiya Navratri 2022) होगी और 5 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा. ऐसे में शारदीय नवरात्रि को लेकर देश भर में माता के मंदिर सजने लगे हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी शारदीय नवरात्रि को लेकर काफी धूम है. यहां स्थित कालबाड़ी मंदिर (Kalibari Temple of Shimla) लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है. ये मंदिर मां 'देवी श्यामला' को समर्पित है.

असुरों से संसार की रक्षा करती हैं मां: नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में हर दिन माता रानी के पूजन का खास महत्व होता है. मां भगवती के नौ रूपों की भक्ति करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इन नौ दिनों में मां के पूजा पाठ का खास ख्याल रखा जाता है और उनको प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. वेद-पुराणों में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है जो असुरों से इस संसार की रक्षा करती (Shardiya Navratri In Shimla) हैं.

10वें दिन होता है मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन: नवरात्रि में के समय मां के भक्त उनसे अपने सुखी जीवन और समृद्धि की कामना करते हैं. इस बार नवरात्रि का महापर्व 26 सितंबर, सोमवार से शुरू होगा और 5 अक्टूबर, बुधवार तक मनाया जाएगा. फिर दसवें दिन दुर्गा मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. मां के भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए नौ दिनों का उपवास रखते हैं. इस दौरान शराब, मांस, प्याज, लहसुन आदि चीजों का परहेज किया जाता है. नौ दिनों के बाद दसवें दिन व्रत पारण किया जाता है. नवरात्रि के दसवें दिन को विजयादशमी या दशहरा के नाम से जाना जाता है.

कालबाड़ी मंदिर में अष्टमी को होगी विशेष पूजा: शिमला के कालबाड़ी मंदिर में हर साल नवरात्रि बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि मां के नौ रूपों के नौ दिन पूजा की जाती है. कालबाड़ी मंदिर में नवरात्रि के समय विशेष पूजा अर्चना की जाती है और श्रद्धालु दूर-दूर से मंदिर आते (Shardiya Navratri In Kalibari Temple) हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जाती है और अष्टमी के दिन विशेष पूजा की जाती है. कोरोना संक्रमण के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब जब कोरोना संक्रमण धीमा पड़ गया है और सब कुछ खुल गया है एक बार फिर से कालीबाड़ी मंदिर में रौनक लौट आई है और इस बार नवरात्रि में फिर से विशेष पूजा का आयोजन किया गया है.

ये भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2022: मां करेगी मनोकामनाएं पूरी, ये रहेगा कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

शिमला: नवरात्रि हिन्दुओं का विशेष पर्व है. इस बार सोमवार, 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत (Shardiya Navratri 2022) होगी और 5 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा. ऐसे में शारदीय नवरात्रि को लेकर देश भर में माता के मंदिर सजने लगे हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी शारदीय नवरात्रि को लेकर काफी धूम है. यहां स्थित कालबाड़ी मंदिर (Kalibari Temple of Shimla) लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है. ये मंदिर मां 'देवी श्यामला' को समर्पित है.

असुरों से संसार की रक्षा करती हैं मां: नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में हर दिन माता रानी के पूजन का खास महत्व होता है. मां भगवती के नौ रूपों की भक्ति करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इन नौ दिनों में मां के पूजा पाठ का खास ख्याल रखा जाता है और उनको प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. वेद-पुराणों में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है जो असुरों से इस संसार की रक्षा करती (Shardiya Navratri In Shimla) हैं.

10वें दिन होता है मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन: नवरात्रि में के समय मां के भक्त उनसे अपने सुखी जीवन और समृद्धि की कामना करते हैं. इस बार नवरात्रि का महापर्व 26 सितंबर, सोमवार से शुरू होगा और 5 अक्टूबर, बुधवार तक मनाया जाएगा. फिर दसवें दिन दुर्गा मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. मां के भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए नौ दिनों का उपवास रखते हैं. इस दौरान शराब, मांस, प्याज, लहसुन आदि चीजों का परहेज किया जाता है. नौ दिनों के बाद दसवें दिन व्रत पारण किया जाता है. नवरात्रि के दसवें दिन को विजयादशमी या दशहरा के नाम से जाना जाता है.

कालबाड़ी मंदिर में अष्टमी को होगी विशेष पूजा: शिमला के कालबाड़ी मंदिर में हर साल नवरात्रि बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि मां के नौ रूपों के नौ दिन पूजा की जाती है. कालबाड़ी मंदिर में नवरात्रि के समय विशेष पूजा अर्चना की जाती है और श्रद्धालु दूर-दूर से मंदिर आते (Shardiya Navratri In Kalibari Temple) हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जाती है और अष्टमी के दिन विशेष पूजा की जाती है. कोरोना संक्रमण के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब जब कोरोना संक्रमण धीमा पड़ गया है और सब कुछ खुल गया है एक बार फिर से कालीबाड़ी मंदिर में रौनक लौट आई है और इस बार नवरात्रि में फिर से विशेष पूजा का आयोजन किया गया है.

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