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शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ SFI का महाविद्यालयों में सत्याग्रह प्रदर्शन, दिया ये अल्टीमेटम...

छात्र संगठन SFI ने कोटशेरा कॉलेज और संजौली कॉलेज में नई शिक्षा नीति के खिलाफ सत्याग्रह प्रदर्शन किया और आरोप लगाए कि नई शिक्षा नीति निजीकरण, केंद्रीकरण और भगवाकरण को बढ़ावा देती है. SFI का कहना है कि नई शिक्षा नीति के कारण ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी.

SFI protest against Education Policy
shimla
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Published : Nov 11, 2021, 5:51 PM IST

शिमला: राष्ट्रीय कमेटी के आह्वान पर नई शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ एसएफआई (SFI) ने कोटशेरा काॅलेज और संजौली कॉलेज में सत्याग्रह प्रदर्शन किया. सत्याग्रह धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए काेटशेरा काॅलेज कैंपस अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि पिछले दाे वर्ष से महाविद्यालय कोरोना काल के दौरान बंद थे. लेकिन फिर भी कॉलेज प्रशासन द्वारा पीटीए फंड के नाम पर छात्रों से फीस वसूली गई. काॅलेज द्वारा एक वर्ष में लगभग 3600 छात्रों से 600 रुपए प्रति छात्र फंड लिया गया है जिसमें की 21 लाख 60 हजार रुपए छात्रों से वसूले गए.

उन्होंने कहा कि कई वर्षों से एसएफआई, कॉलेज प्रशासन से हॉस्टल की मांग कर रही है लेकिन अभी तक छात्रों की इस मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया है. उन्हाेंने कहा कि जिस प्रकार से नई शिक्षा नीति के अंदर आंगनबाड़ी को स्कूलों के साथ मर्ज करने की बात की गई है और गांव के अंदर छोटे-छोटे स्कूलों को बंद करके एक मॉडल स्कूल शुरू करने की बात की गई है उसकी वजह से गांव के पहाड़ी क्षेत्रों में 3 साल के छोटे बच्चों को स्कूल तक पहुंचने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.

वीडियो.

नई शिक्षा नीति निजीकरण, केंद्रीकरण और भगवाकरण को बढ़ावा देती है. उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत निजी स्कूल अपनी फीस निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होंगे. एसएफआई का कहना है कि अगर इसी तरह कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्रों को दबाने की कोशिश की गई तो एसएफआई आने वाले समय में कैंपस के अंदर एक उग्र आंदोलन करेगी.

ये भी पढ़ें: भरोग बनेड़ी स्कूल में हादसा: स्लैब गिरने से 5 बच्चे घायल, 3 को आईं गहरी चोटें

शिमला: राष्ट्रीय कमेटी के आह्वान पर नई शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ एसएफआई (SFI) ने कोटशेरा काॅलेज और संजौली कॉलेज में सत्याग्रह प्रदर्शन किया. सत्याग्रह धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए काेटशेरा काॅलेज कैंपस अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि पिछले दाे वर्ष से महाविद्यालय कोरोना काल के दौरान बंद थे. लेकिन फिर भी कॉलेज प्रशासन द्वारा पीटीए फंड के नाम पर छात्रों से फीस वसूली गई. काॅलेज द्वारा एक वर्ष में लगभग 3600 छात्रों से 600 रुपए प्रति छात्र फंड लिया गया है जिसमें की 21 लाख 60 हजार रुपए छात्रों से वसूले गए.

उन्होंने कहा कि कई वर्षों से एसएफआई, कॉलेज प्रशासन से हॉस्टल की मांग कर रही है लेकिन अभी तक छात्रों की इस मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया है. उन्हाेंने कहा कि जिस प्रकार से नई शिक्षा नीति के अंदर आंगनबाड़ी को स्कूलों के साथ मर्ज करने की बात की गई है और गांव के अंदर छोटे-छोटे स्कूलों को बंद करके एक मॉडल स्कूल शुरू करने की बात की गई है उसकी वजह से गांव के पहाड़ी क्षेत्रों में 3 साल के छोटे बच्चों को स्कूल तक पहुंचने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.

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नई शिक्षा नीति निजीकरण, केंद्रीकरण और भगवाकरण को बढ़ावा देती है. उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत निजी स्कूल अपनी फीस निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होंगे. एसएफआई का कहना है कि अगर इसी तरह कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्रों को दबाने की कोशिश की गई तो एसएफआई आने वाले समय में कैंपस के अंदर एक उग्र आंदोलन करेगी.

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