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शिमला में सरस मेले का आगाज, हिमाचल सहित 13 राज्यों के स्वयं सहायता समूह ले रहे हिस्सा

ऐतिहासिक रिज मैदान पर दस दिवसीय सरस मेले का आगाज हो (Saras fair Start at Ridge Ground) गया.इस मेले में मेले का शुभारंभ आज शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने किया. सरस मेले में मुख्य तौर पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चितकारी सूट, पेंटिंग, अचार, चटनी, आयुर्वेदिक वस्तुएं, हिमाचली शहद, चम्बा के अचार, वस्त्र, मसाले, तेल, और विभिन्न प्रदेशों के उत्कृष्ट हैंडीक्राफ्ट को बिक्री के लिए रख गए है.

Start of Saras fair in Shimla
शिमला में सरस मेले का आगाज,
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Published : Mar 25, 2022, 10:58 PM IST

शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान पर दस दिवसीय सरस मेले का आगाज हो (Saras fair start at Ridge Ground) गया.मेले में स्वयं सहायता समूहों के द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित किया गया. मेले का शुभारंभ आज शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने किया.सरस मेले में मुख्य तौर पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चितकारी सूट, पेंटिंग, अचार, चटनी, आयुर्वेदिक वस्तुएं, हिमाचली शहद, चम्बा के अचार, वस्त्र, मसाले, तेल, और विभिन्न प्रदेशों के उत्कृष्ट हैंडीक्राफ्ट को बिक्री के लिए रख गए. इस मेले में हिमाचल सहित 13 राज्यों के स्वयं सहायता समूह हिस्सा ले रहे.वहीं, करीब 80 प्रदर्शनी एवं बिक्री केन्द्र स्थापित किए गए हैं.

सुरेश भारद्वाज ने बताया कि मेले में कई प्रदेशों सहित हिमाचल के विभिन्न जिलों के स्वयं सहायता समूह मेले में आए हुए.हिमाचल की महिलाओं द्वारा जो उत्पादक बनाए जाते थे, उन्हें मार्केट नहीं मिलती थी. अब इस मेले के माध्यम से उन्हें अपनी वस्तु को बेचने के लिए एक बाजार उपलब्ध हुआ. साथ में उनके द्वारा तैयार किए उत्पादकों के बारे में जनता को भी पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इन महिलाओं की आर्थिकी भी मजबूत होगी.

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उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर काम करने वाले उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को उचित मंच प्रदान करने के लिए इस प्रकार के मेलों का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह बनाए गए. शहरी क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अर्बन हाट स्थापित किए जाएंगे. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत श्रेणी-1 जिलों शिमला, मंडी, कांगड़ा तथा ऊना में, समय पर किश्त का भुगतान करने की अवस्था में, भारत सरकार द्वारा ब्याज उपदान देने के बाद इन समूहों को अधिकतम 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है.

शेष 8 श्रेणी-2 जिलों में यह ब्याज दर 7 प्रतिशत है. वित वर्ष 2022-23 के बजट में श्रेणी-2 के 8 जिलों के स्वयं सहायता समूहों को भी श्रेणी-1 के 4 जिलों के समरूप 4 प्रतिशत की दर से ही ऋण उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया. भारत सरकार द्वारा ब्याज उपदान देने के बाद जो भी अतिरिक्त ब्याज देय होगा, उसे प्रदेश सरकार द्वारा ब्याज सबवेंशन के रूप में वहन किया जाएगा. वित वर्ष 2022-23 में विभिन्न सहायता समूहों के लिए 65 करोड़ रुपए व्यय करने का प्रावधान किया गया.

ये भी पढ़ें :Himachal High Court: मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने एंड्रॉइड मोबाइल एप्लीकेशन को लॉन्च किया

शिमला: ऐतिहासिक रिज मैदान पर दस दिवसीय सरस मेले का आगाज हो (Saras fair start at Ridge Ground) गया.मेले में स्वयं सहायता समूहों के द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित किया गया. मेले का शुभारंभ आज शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने किया.सरस मेले में मुख्य तौर पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चितकारी सूट, पेंटिंग, अचार, चटनी, आयुर्वेदिक वस्तुएं, हिमाचली शहद, चम्बा के अचार, वस्त्र, मसाले, तेल, और विभिन्न प्रदेशों के उत्कृष्ट हैंडीक्राफ्ट को बिक्री के लिए रख गए. इस मेले में हिमाचल सहित 13 राज्यों के स्वयं सहायता समूह हिस्सा ले रहे.वहीं, करीब 80 प्रदर्शनी एवं बिक्री केन्द्र स्थापित किए गए हैं.

सुरेश भारद्वाज ने बताया कि मेले में कई प्रदेशों सहित हिमाचल के विभिन्न जिलों के स्वयं सहायता समूह मेले में आए हुए.हिमाचल की महिलाओं द्वारा जो उत्पादक बनाए जाते थे, उन्हें मार्केट नहीं मिलती थी. अब इस मेले के माध्यम से उन्हें अपनी वस्तु को बेचने के लिए एक बाजार उपलब्ध हुआ. साथ में उनके द्वारा तैयार किए उत्पादकों के बारे में जनता को भी पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इन महिलाओं की आर्थिकी भी मजबूत होगी.

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उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर काम करने वाले उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को उचित मंच प्रदान करने के लिए इस प्रकार के मेलों का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह बनाए गए. शहरी क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अर्बन हाट स्थापित किए जाएंगे. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत श्रेणी-1 जिलों शिमला, मंडी, कांगड़ा तथा ऊना में, समय पर किश्त का भुगतान करने की अवस्था में, भारत सरकार द्वारा ब्याज उपदान देने के बाद इन समूहों को अधिकतम 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है.

शेष 8 श्रेणी-2 जिलों में यह ब्याज दर 7 प्रतिशत है. वित वर्ष 2022-23 के बजट में श्रेणी-2 के 8 जिलों के स्वयं सहायता समूहों को भी श्रेणी-1 के 4 जिलों के समरूप 4 प्रतिशत की दर से ही ऋण उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया. भारत सरकार द्वारा ब्याज उपदान देने के बाद जो भी अतिरिक्त ब्याज देय होगा, उसे प्रदेश सरकार द्वारा ब्याज सबवेंशन के रूप में वहन किया जाएगा. वित वर्ष 2022-23 में विभिन्न सहायता समूहों के लिए 65 करोड़ रुपए व्यय करने का प्रावधान किया गया.

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