शिमला: उपमंडल ठियोग में करीब तीन महीने से लापता व्यक्ति का शव संदिग्ध हालत (dead body recoverd in theog) में मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव को लेने से इंकार कर दिया है. परिजनों ने भगत राम हत्या का आरोप लगाया है.
परिजनों का साफ कहना है कि जब तक दोषियों को पकड़ा नहीं जाता, तब तक शव का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा. परिजनों का कहना है कि सोमवार शाम से आईजीएमसी में बेठै हैं, लेकिन प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली. मृतक की पुत्री निशा कहना है कि जब तक दोषियों को पकड़ा नहीं जाता, धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा. हत्यारे की गिरफ्तारी के बाद ही शव को ले जाएंगे.
क्या है मामला: 21 नवंबर 2021 को भगत राम अपने घर से गाड़ी की किश्त जमा कराने निकला था, उसके बाद वह घर ही नहीं लौटा. परिजनों ने ठियोग थाना में मामले की सूचना दी. 3 महीने तक पुलिस द्वारा जांच के बाद भी कोई परिणाम सामने नहीं आया तो, परिजनों ने इसी माह फरवरी में डीजीपी संजय कुंडू से मुलाकात सीआईडी जांच की मांग की थी. इस पर एक कमेटी गठित की गई थी.
करीब 90 दिनों बाद संदिग्ध हालत (dead body recoverd in theog) में बीते सोमवार को शव मिला. 52 वर्षीय भगत राम 21 नवंबर 2021 से ही लापता था. मृतक की भाभी सीमा ने बताया कि भगतराम बहुत ईमानदार और अच्छा आदमी था. मामले में पुलिस ने उन्हें गुमराह किया है.
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