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हिमाचल कैबिनेट की बैठक में ठेकेदारों को राहत देने का ऐलान, सरकार के फैसले का कुल्लू में विरोध

हिमाचल कैबिनेट की बैठक में ठेकेदारों को राहत प्रदान की गई है. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों से संबंधित सड़कों के निर्माण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले गौण खनिज पदार्थों के उसी कार्य के लिए उपयोग की अनुमति खनन अधिकारी प्रदान करेंगे. सरकार ने माइनिंग एक्‍ट में संशोधन (amendment in mining act in hp) करने का निर्णय लिया है. वहीं, कुल्लू में ठेकेदारों ने सरकार के इस फैसले से असंतुष्ट नजर आए. उनका कहना है कि जब तक इस फैसले का पूरी तरह से प्रारूप तैयार नहीं हो जाता है, तब तक अपनी हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए जारी रखेंगे.

Himachal cabinet meeting
हिमाचल कैबिनेट की बैठक
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Published : Feb 9, 2022, 2:57 PM IST

शिमला/कुल्लू: ठेकेदारों को राहत प्रदान करते हुए हिमाचल कैबिनेट की बैठक में जयराम सरकार ने अहम फैसला लिया है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों से संबंधित सड़कों के निर्माण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले गौण खनिज पदार्थों के उसी कार्य के लिए उपयोग की अनुमति खनन अधिकारी प्रदान करेंगे. इसमें सड़कों के निर्माण सहित सुरक्षा दीवार, डंगों की सोलिंग इत्यादि के कार्य शामिल होंगे, जिसमें एक समय में 10 हजार मीट्रिक टन प्रतिमाह और अधिकतम 20 हजार मीट्रिक टन प्रति कार्य के उपयोग की ही अनुमति होगी, जिसके लिए कार्य करवा रहे प्रभारी अभियन्ता, जोकि सहायक अभियन्ता के पद से कम नहीं होगा, की रिपोर्ट को आधार माना जाएगा.


मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में हिमाचल प्रदेश गौण खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, उसके परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियम, 2015 में संशोधन (amendment in mining act in hp) को स्वीकृति प्रदान की गई, ताकि सड़कों व सुरक्षा दीवारों के निर्माण, डंगों की सोलिंग इत्यादि में लघु खनिज पदार्थों का सर्वोत्कृष्ट उपयोग सुनिश्चित किया जा सके. इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए पत्थर और रेत जैसे खनिज पदार्थों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.

मंत्रिमण्डल ने इसमें एक नियम सम्मिलित करने का भी निर्णय लिया, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति खनन लीज होल्डर नहीं है. उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है. ट्रांजिट फार्म उपलब्ध नहीं करवा सका है, तो उसे प्रचलित दरों पर राॅयल्टी और राॅयल्टी के 25 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान करना होगा.


बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण लागू नाइट कर्फ्यू हटाने का भी निर्णय (night curfew ends in himachal) लिया गया. इसके अतिरिक्त, सभी बाहरी एवं आंतरिक स्थलों में सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और अन्य समारोहों, जिसमें विवाह एवं अंतिम संस्कार इत्यादि शामिल हैं, में 50 प्रतिशत क्षमता तक लोगों के शामिल होने की भी अनुमति प्रदान की गई.

प्रदेश मंत्रिमंडल की अगली बैठक 14 फरवरी को राज्य सचिवालय में होगी. कैबिनेट बैठक में कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले दो कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया, विक्रम सिंह नहीं पहुंचे. जबकि कांगड़ा जिला से ही संबंध रखने वाली सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुईं. इसके अलावा अन्य सभी मंत्री बैठक में मौजूद रहे.

सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं ठेकेदार- हिमाचल कैबिनेट के फैसले के बाद भी कुल्लू जिला मुख्यालय ढालपुर स्थित पीडब्ल्यूडी ऑफिस के बाहर ठेकेदारों का धरना जारी है. ठेकेदारों ने रोष रैली निकालकर अपना विरोध व्यक्त किया और अधीक्षण अभियंता को एक मांग पत्र भी सौंपा. ठेकेदारों का कहना है कि एम व एक्स फार्म का स्थाई समाधान अभी भी नहीं निकल पाया है. हालांकि, सरकार के द्वारा कैबिनेट की बैठक में इसके बारे में चर्चा की गई है, लेकिन यह किस तरह से इसे मूर्त रूप दिया जाएगा. इसके बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. धरने पर बैठे ठेकेदार संदीप शर्मा का कहना है कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक में जो फैसला लिया है उससे संतुष्ट नहीं हैं और जब तक इस फैसले का पूरी तरह से प्रारूप तैयार नहीं हो जाता है, तब तक अपनी हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए जारी रखेंगे.

ये भी पढ़ें: जयराम कैबिनेट का बड़ा फैसला, प्रदेश में नाइट कर्फ्यू खत्म

शिमला/कुल्लू: ठेकेदारों को राहत प्रदान करते हुए हिमाचल कैबिनेट की बैठक में जयराम सरकार ने अहम फैसला लिया है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों से संबंधित सड़कों के निर्माण कार्यों के दौरान उत्पन्न होने वाले गौण खनिज पदार्थों के उसी कार्य के लिए उपयोग की अनुमति खनन अधिकारी प्रदान करेंगे. इसमें सड़कों के निर्माण सहित सुरक्षा दीवार, डंगों की सोलिंग इत्यादि के कार्य शामिल होंगे, जिसमें एक समय में 10 हजार मीट्रिक टन प्रतिमाह और अधिकतम 20 हजार मीट्रिक टन प्रति कार्य के उपयोग की ही अनुमति होगी, जिसके लिए कार्य करवा रहे प्रभारी अभियन्ता, जोकि सहायक अभियन्ता के पद से कम नहीं होगा, की रिपोर्ट को आधार माना जाएगा.


मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में हिमाचल प्रदेश गौण खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, उसके परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियम, 2015 में संशोधन (amendment in mining act in hp) को स्वीकृति प्रदान की गई, ताकि सड़कों व सुरक्षा दीवारों के निर्माण, डंगों की सोलिंग इत्यादि में लघु खनिज पदार्थों का सर्वोत्कृष्ट उपयोग सुनिश्चित किया जा सके. इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए पत्थर और रेत जैसे खनिज पदार्थों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.

मंत्रिमण्डल ने इसमें एक नियम सम्मिलित करने का भी निर्णय लिया, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति खनन लीज होल्डर नहीं है. उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है. ट्रांजिट फार्म उपलब्ध नहीं करवा सका है, तो उसे प्रचलित दरों पर राॅयल्टी और राॅयल्टी के 25 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान करना होगा.


बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण लागू नाइट कर्फ्यू हटाने का भी निर्णय (night curfew ends in himachal) लिया गया. इसके अतिरिक्त, सभी बाहरी एवं आंतरिक स्थलों में सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और अन्य समारोहों, जिसमें विवाह एवं अंतिम संस्कार इत्यादि शामिल हैं, में 50 प्रतिशत क्षमता तक लोगों के शामिल होने की भी अनुमति प्रदान की गई.

प्रदेश मंत्रिमंडल की अगली बैठक 14 फरवरी को राज्य सचिवालय में होगी. कैबिनेट बैठक में कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले दो कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया, विक्रम सिंह नहीं पहुंचे. जबकि कांगड़ा जिला से ही संबंध रखने वाली सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुईं. इसके अलावा अन्य सभी मंत्री बैठक में मौजूद रहे.

सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं ठेकेदार- हिमाचल कैबिनेट के फैसले के बाद भी कुल्लू जिला मुख्यालय ढालपुर स्थित पीडब्ल्यूडी ऑफिस के बाहर ठेकेदारों का धरना जारी है. ठेकेदारों ने रोष रैली निकालकर अपना विरोध व्यक्त किया और अधीक्षण अभियंता को एक मांग पत्र भी सौंपा. ठेकेदारों का कहना है कि एम व एक्स फार्म का स्थाई समाधान अभी भी नहीं निकल पाया है. हालांकि, सरकार के द्वारा कैबिनेट की बैठक में इसके बारे में चर्चा की गई है, लेकिन यह किस तरह से इसे मूर्त रूप दिया जाएगा. इसके बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. धरने पर बैठे ठेकेदार संदीप शर्मा का कहना है कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक में जो फैसला लिया है उससे संतुष्ट नहीं हैं और जब तक इस फैसले का पूरी तरह से प्रारूप तैयार नहीं हो जाता है, तब तक अपनी हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए जारी रखेंगे.

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