रामपुर : अतिरिक्त जिला सत्र न्यायधीश किन्नौर स्थित रामपुर (पॉक्सो) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए रोहित मेहता गांव खनेवड़ी पोस्ट ऑफिस दतनगर तहसील रामपुर जिला शिमला को नाबालिग लड़की को भगाने व बलात्कार करने का मामला करने के जुर्म में 10 साल कारावास व 20 (Rampur court sentenced in rape case) हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.
2016 का मामला: मामला वर्ष 2016 का है. उस समय पीड़िता की आयु 14 वर्ष थी. आरोपी की पीड़िता के साथ फोन पर बात-चीत थी. 30 मार्च 2016 को फोन पर बतलाया की दो जोड़ी कपड़ों को तैयार रखना वह उसे लेने आ रहा है. आरोपी पीड़िता के घर पहुंचा और उसे गाड़ी में अपने साथ गांव खनेवड़ी ले गया. जहां पर आरोपी के माता-पिता ने पीड़िता को नाबालिग होने की वजह से आरोपी को वापस ले जाने को कहा लेकिन ,आरोपी उसे अपने मित्र के पास रोहडू ले कर गया जहां पर पीड़िता की इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाए.
12 गवाहों ने दिया बयान: उस दौरान आरोपी ने पीड़िता को तीन-चार दिन रोहडू में अलग- अलग जगह पर ले गया तथा उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा. 4 अप्रैल 2016 को आरोपी व पीड़िता को डूमरेडा नामक स्थान से रिकवर किया गया. पीड़िता के पिता ने अपनी बेटी के भगानेररि शिकायत थाना ननखड़ी में दर्ज करवा रखी थी. पुलिस ने सभी साक्ष्यों को एकत्रित किया व चालान अदालत में पेश किया गया. ट्रायल के दौरान 12 गवाहों के साक्ष्य दर्ज किए गए.
10 साल का कारावास: दोनों पक्षो को सुनने व वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर रोहित मेहता को नाबालिग लड़की को भगाने व उसकी इच्छा के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाने के जुर्म में दोषी पाया गया व 10 साल कारावास की सजा सुनाई गई. विक्टिम रिहैबिलिटेशन स्कीम के तहत पीड़िता को 6 लाख का मुवाअजा दिया गया, जिसकी अदायगी स्कीम के तहत सरकार द्वारा की जाएगी. मुकदमे की पैरवी उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की.
ये भी पढ़ें :नड्डा के दूत जयराम को कर गए मजबूत, धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर के भाषण के क्या हैं सियासी मायने...