शिमलाः राजधानी शिमला में बाल विकास परियोजना की ओर से पोषण माह पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में गुड़िया सक्षम बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने कहा कि पोषण माह का उद्देश्य देश के बच्चों, किशोरों और महिलाओं को कुपोषण मुक्त करना और स्वस्थ व मजबूत समाज का निर्माण करना है.
रूपा शर्मा ने कहा कि पोषण माह के दौरान प्रत्येक घर तक सही पोषण का संदेश पहुंच सके, इसके लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि गर्भ में पल रहे शिशु के पालन-पोषण का भी ध्यान रखना चाहिए. इसमें मुख्य जिम्मेदारी एक माता की होती है. साथ ही उन्होंने इस अवसर पर एक बूटा बेटी के नाम पर पेड़ रोपित किया.
उन्होंने कहा कि महिला व बाल विकास विभाग ने कुपोषण से मुक्ति पाने के लिए कई कार्यक्रम चलाएं हैं. इसमें गर्भावस्था में महिला को पौष्टिक आहार जरूर लेना चाहिए, जिससे गर्भ में पल रहे शिशु को अनीमिया जैसी बीमारी से दूर रखा जा सके. एक बूटा बेटी के नाम कार्यक्रम, खून की कमी को दूर करना, डायरिया और अतिसार जैसी बीमारी से बचना, हाथों की सफाई रखना जैसे कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में जो योगदान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्कर्स ने दिया है वह सराहनीय है. इन वर्करों ने घर-घर जाकर मास्क उपलब्ध करवाना, सेनिटाइजर लोगों को पहुंचाना और दूर-दराज व शहरी क्षेत्रों में पीपीई किट द्वारा लोगों की जांच में सहयोग किया है.
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग से डाॅ. हिमानी ने अनीमिया जैसी बीमारी के विषय में बात करते हुए बताया कि 5 फीसदी से अधिक महिलाएं एवं 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अनीमिया से ग्रस्त हैं. 25 से 30 फीसदी कम वजन के नवजात देश में पैदा हो रहे हैं. ऐसे बच्चों को मानसिक व शारीरिक विकास सामान्य नहीं हो पाता है. इसलिए माता को अपने शिशु एवं स्वयं को सम्पूर्ण पोषित रखने के लिए समय-समय पर पोषित भोजन का उपयोग करना चाहिए.
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