शिमलाः प्रधानमंत्री ने सोमवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की. उन्होंने कोविड-19 महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्यों के किए गए प्रयासों की सराहना की.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों से आए लोगों के लिए क्वारंटाइन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए जियो फैंसिंग ऐप विकसित की है.
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों में हिमाचल के लगभग 55 हजार लोग फंसे हुए हैं, जो अपने घर वापस आना चाहते हैं और प्रदेश में ऐसे 68000 लोग हैं, जो अपने राज्य वापस जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इसी कारण प्रदेश में कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पहले प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 40 थी, लेकिन एक सप्ताह के अंदर- अंदर ही यह संख्या बढ़कर 59 हो गई है, जो कि चिंता का विषय है, लेकिन बाहरी राज्यों में फंसे हुए हिमाचलियों को हर संभव सहायता प्रदान करना भी प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रदेश की आर्थिकी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों से राज्य में हजारों लोग वापस आए हैं और उनकी विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हैं.
उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन लम्बा चले तो राज्य सरकार ने ऐसे लोगों की टेलेंट मैपिंग करने का निर्णय लिया है, ताकि वे लोग अपने घर में रहना चाहे तो उनकी सेवाओं का उपयोग प्रदेश हित में किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि सेब सीजन आने वाला है और दिल्ली की आजादपुर मंडी कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई है, इसलिए उन्होंने बागवानों को उनके उत्पादों को बेचने की सुविधा प्रदान करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का आग्रह किया. उन्होंने लॉकडाउन अवधि को बढ़ाने का समर्थन किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वह पूंजीगत व्यय में कटौती न करें, लेकिन इसके साथ ही सरकार अपव्यय को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएगी. साथ ही राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र के हर घर में 120 दिन का अकुशल रोजगार सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस महामारी के कारण पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इसलिए प्रदेश सरकार ने 6 महीने की अवधि के लिए बिजली मांग शुल्क को खत्म करने का निर्णय लिया है. इसी तरह आबकारी एवं कराधान लाइसेंस शुल्क को माफ किया गया है और बार का लिफ्टिंग कोटा प्रो-राटा के आधार पर होगा. उन्होंने कहा कि सरकार एचपीटीडीसी निगम के कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर एचपीटीडीसी को भी सहायता प्रदान कर रही है. इसके अलावा, टोकन टैक्स और विशेष सड़क कर को 4 महीने के लिए माफ कर दिया गया है. साथ ही निजी वाहनों के पंजीकरण और परमिट आदि के नवीकरण की देरी पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा.उन्होंने कहा कि एचआरटीसी को 55 करोड़ की मदद दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि औद्योगिक व्यावसायिक और कृषि उपभोक्ताओं को बिजली खपत शुल्क के भुगतान में छूट दी गई है. अप्रैल, 2020 की खपत के लिए मई 2020 में बिल दिया गया है, जबकि मई महीने का बिल 30 जून तक लंबित कर दिया गया है. इस शुल्क को जुलाई, अगस्त और सितंबर माह 2020 में तीन बराबर किश्तों में लिया जाएगा.