शिमला: जयराम सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग दिए जाने के बाद उसमें राजनीति शुरू हो गई है. पहले शिक्षक महासंघ वित्त आयोग के खिलाफ आया था और अब माकपा भी छठे वेतन आयोग के खिलाफ खड़ी हो गई है. इसी कड़ी में विधायक व माकपा नेता राकेश सिंघा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
छठे वेतनमान को लेकर माकपा विधायक राकेश सिंघा कर्मचारियों के हक में खड़े हो गए हैं और सरकार पर कर्मचारियों को बांटने के आरोप लगाए हैं. सिंघा ने कहा है कि सरकार ने वेतनमान को एक समान लागू नहीं किया है. सरकार (mla rakesh singha in shimla) ने दो कैटेगिरी बनाकर निचले दबके के कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है, जबकि निचले तबके के कर्मचारी ही हिमाचल प्रदेश की रीढ़ हैं. सरकार ने पहले ही पंजाब के समान वेतनमान लागू नहीं किया है.
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने शिमला में पत्रकार वार्ता (rakesh singha on 6th Pay Commission) कर कहा कि सरकार ने 4-9-14 का फॉर्मूला खत्म करके कर्मचारियों से अन्याय किया है. प्रदेश ने पंजाब की तर्ज पर छठा वेतनमान लागू किया है, लेकिन इसमें केवल दो ही विकल्प कर्मचारियों को दिए हैं, जबकि 2015 के बाद 15% हाइक का विकल्प भी कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए था, लेकिन प्रदेश सरकार ने नहीं दिया. कर्मचारियों को फिर से एकजुट होकर इसके लिए आंदोलन करना होगा तभी छठे वेतनमान का पूरा फायदा मिलेगा.
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