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फोन पर मुझसे कहती थी- लता...लता मंगेशकर नाम है मेरा: प्रेम चोपड़ा

भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. लता मंगेशकर को 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. कई बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर ईटीवी भारत से फिल्म अभिनेता प्रेम चोपड़ा ने अपनी भावनाएं व्यक्त की. ईटीवी भारत, दिल्ली एडिटर विशाल सूर्यकांत से हुई बातचीत में क्या कुछ कहा प्रेम चोपड़ा ने सुनिए...

Prem Chopra reaction on Lata Mangeshkar
लता मंगेशकर का निधन
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Published : Feb 6, 2022, 1:18 PM IST

नई दिल्ली: ''लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जब भी वो फोन करती तो मैं नमस्कार कहता, लेकिन उससे पहले ही वो कहती कि 'लता...लता मंगेशकर नाम है मेरा...मेरी हंसी फूट पड़ती...फिर मैं भी कहता प्रेम, प्रेम चोपड़ा नाम है मेरा...इसके बाद ही हमारी दूसरी कोई बातचीत होती". फिल्म अभिनेता प्रेम चोपड़ा ने स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपनी भावनाएं व्यक्त की.

ईटीवी भारत, दिल्ली एडिटर विशाल सूर्यकांत से हुई बातचीत में प्रेम चोपड़ा ने लता मंगेशकर के निधन को देश की अपूरणीय क्षति बताया. अपने साथ लताजी के संबंधों को याद कर प्रेम चोपड़ा ने कहा कि हाल ही में मुझे कोविड हुआ था, लीलावती अस्पताल में भर्ती था. तब उनका मेरे पास फोन आया था और पूरी आत्मियता से उन्होंने मेरा हाल-चाल जाना.

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प्रेम चोपड़ा ने कहा कि जब भी फोन पर हमारी बातचीत शुरू होती उससे पहले ही वो कहती - लता…लता मंगेशकर नाम है मेरा... फिर मुझे कहना होता था. प्रेम, प्रेम चोपड़ा नाम है मेरा... इसके बाद ही हमारी बातचीत आगे बढ़ती. प्रेम चोपड़ा ने ईटीवी भारत से हुई बातचीत में कहा कि लता मंगेशकर जी को मैं वैसे भी पर्सनली जानता था. वो एक कमाल की आर्टिस्ट के साथ एक मार्मिक इंसान भी थी. मुझे बहुत अफसोस हुआ है. ये मानना मुश्किल हैं कि अब लताजी हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका नाम सदियों के लिए अमर हो गया. उनका अपना गाना है मेरी आवाज ही मेरी पहचान है. वो ताउम्र इसे साबित करती रहीं और अब जब वो दुनिया में नहीं है. वाकई उनकी आवाज ही उनकी पहचान के रूप में जानी चाहिए. उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता.

ये भी पढ़ें: CM जयराम ने लता मंगेशकर के निधन पर जताया दुख, बताया- अपूरणीय क्षति

दुनिया में कहीं भी रह रहे न सिर्फ भारतीय, पाकिस्तानी, मॉरिशस समेत भारतीय उपमहाद्वीप देशों में लता जी की आवाज का ऐसा जादू था कि लोगों के घरों में, उनकी गाड़ियों में लता जी के गानों की एक सीरीज जरूर रहती. लोग अपनी जिंदगी के सफर को लताजी की आवाज में सुनते हैं. उनके सुरों में अपनी भावनाओं का इजहार पाते हैं.

प्रेम चोपड़ा ने कहा कि लताजी से आखिरी बार तब बात हुई थी जब उन्हें कोविड हो गया था और लीलावती अस्पताल में भर्ती था. इस दौरान लता जी का फोन आया और उनका हाल-चाल जाना. उनकी बांतों में आत्मियता रहती, वो बहुत मार्मिक इंसान थी. आज मुझे लगता है कि वो दुनिया में ऐसी अलग शख्सियत थी, उनके जैसा कोई और नहीं हो सकता, वो रिप्लेसेबल थी. मुझे उन्होंने एक बार अपने अवॉर्ड शो में बुलाया और लाइफ टाइम अचीवमेंट दिया, उन पलों को मैं भूल नहीं सकता. ये देश के लिए अपूरणीय क्षति है.

ये भी पढ़ें: स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन

30 हजार से ज्यादा गानों का रिकॉर्ड : अपनी सुरीली आवाज से देश-दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन (Lata Mangeshkar Passed Away) हो गया. 'भारत रत्‍न' से सम्‍मानित वेटरन गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली. वो वह 92 वर्ष की थीं. 'भारत की नाइटिंगेल' के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्‍लेबैक सिंगिंग में एक छत्र राज किया है.

उन्होंने1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं. उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

नई दिल्ली: ''लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जब भी वो फोन करती तो मैं नमस्कार कहता, लेकिन उससे पहले ही वो कहती कि 'लता...लता मंगेशकर नाम है मेरा...मेरी हंसी फूट पड़ती...फिर मैं भी कहता प्रेम, प्रेम चोपड़ा नाम है मेरा...इसके बाद ही हमारी दूसरी कोई बातचीत होती". फिल्म अभिनेता प्रेम चोपड़ा ने स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपनी भावनाएं व्यक्त की.

ईटीवी भारत, दिल्ली एडिटर विशाल सूर्यकांत से हुई बातचीत में प्रेम चोपड़ा ने लता मंगेशकर के निधन को देश की अपूरणीय क्षति बताया. अपने साथ लताजी के संबंधों को याद कर प्रेम चोपड़ा ने कहा कि हाल ही में मुझे कोविड हुआ था, लीलावती अस्पताल में भर्ती था. तब उनका मेरे पास फोन आया था और पूरी आत्मियता से उन्होंने मेरा हाल-चाल जाना.

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प्रेम चोपड़ा ने कहा कि जब भी फोन पर हमारी बातचीत शुरू होती उससे पहले ही वो कहती - लता…लता मंगेशकर नाम है मेरा... फिर मुझे कहना होता था. प्रेम, प्रेम चोपड़ा नाम है मेरा... इसके बाद ही हमारी बातचीत आगे बढ़ती. प्रेम चोपड़ा ने ईटीवी भारत से हुई बातचीत में कहा कि लता मंगेशकर जी को मैं वैसे भी पर्सनली जानता था. वो एक कमाल की आर्टिस्ट के साथ एक मार्मिक इंसान भी थी. मुझे बहुत अफसोस हुआ है. ये मानना मुश्किल हैं कि अब लताजी हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका नाम सदियों के लिए अमर हो गया. उनका अपना गाना है मेरी आवाज ही मेरी पहचान है. वो ताउम्र इसे साबित करती रहीं और अब जब वो दुनिया में नहीं है. वाकई उनकी आवाज ही उनकी पहचान के रूप में जानी चाहिए. उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता.

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दुनिया में कहीं भी रह रहे न सिर्फ भारतीय, पाकिस्तानी, मॉरिशस समेत भारतीय उपमहाद्वीप देशों में लता जी की आवाज का ऐसा जादू था कि लोगों के घरों में, उनकी गाड़ियों में लता जी के गानों की एक सीरीज जरूर रहती. लोग अपनी जिंदगी के सफर को लताजी की आवाज में सुनते हैं. उनके सुरों में अपनी भावनाओं का इजहार पाते हैं.

प्रेम चोपड़ा ने कहा कि लताजी से आखिरी बार तब बात हुई थी जब उन्हें कोविड हो गया था और लीलावती अस्पताल में भर्ती था. इस दौरान लता जी का फोन आया और उनका हाल-चाल जाना. उनकी बांतों में आत्मियता रहती, वो बहुत मार्मिक इंसान थी. आज मुझे लगता है कि वो दुनिया में ऐसी अलग शख्सियत थी, उनके जैसा कोई और नहीं हो सकता, वो रिप्लेसेबल थी. मुझे उन्होंने एक बार अपने अवॉर्ड शो में बुलाया और लाइफ टाइम अचीवमेंट दिया, उन पलों को मैं भूल नहीं सकता. ये देश के लिए अपूरणीय क्षति है.

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30 हजार से ज्यादा गानों का रिकॉर्ड : अपनी सुरीली आवाज से देश-दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन (Lata Mangeshkar Passed Away) हो गया. 'भारत रत्‍न' से सम्‍मानित वेटरन गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली. वो वह 92 वर्ष की थीं. 'भारत की नाइटिंगेल' के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्‍लेबैक सिंगिंग में एक छत्र राज किया है.

उन्होंने1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं. उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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