शिमला: नशा मुक्त भारत अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सभी संबंधित विभाग अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए जिले के युवाओं को नशे के कुप्रभावों से दूर रखने के लिए कार्य करें. यह बात उपायुक्त आदित्य नेगी ने आज बचत भवन में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. उन्होंने बताया कि अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सभी विभागों के जिम्मेदारी अहम है. उन्होंने बताया कि जिले में नशा मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्कूलों व कॉलेजों के विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों को जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे.
नशे का शिकार हुए व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें नशा मुक्ति केन्द्र में ले जाकर उनकी काउंसलिंग व उपचार किया जाएगा. शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर की दूरी के अंदर सिगरेट एवं अन्य नशे के संबंध में बिक्री पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए की बिना डॉक्टर के परामर्श के दवाईयां दुकान संचालक नहीं दे, दवाइयों की दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए, ताकि बच्चों में बढ़ते नशे की प्रवृति पर अंकुश लगाया जा सके.
आदित्य नेगी ने पुलिस विभाग को नशे में लिप्त व्यक्तियों, नशे के कारोबार करने वालों तथा उनके स्रोतों का पता लगाकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. शिक्षा विभाग को कोविड के दौर में वर्चुअल माध्यम से हो रही कक्षाओं में नशे के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने को कहा गया. उन्होंने जिले के समस्त उपमण्डलाधिकारियों को नशा मुक्त भारत के अंतर्गत उपमण्डल स्तरीय समिति का गठन करने के निर्देश दिए और जिला स्तर पर आयोजित होने वाली गतिविधियों के साथ-साथ उपमण्डल स्तर पर भी इसी प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए, ताकि अभियान को और अधिक प्रभावी बनाकर जिले को नशा मुक्त किया जा सके.
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