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लवी मेले में ऊन से बने 'दोड़ू' की खूब है डिमांड, बिक रहे हाथोंहाथ

रामपुर के लवी मेले में ऊन से बना कंबल जिसे स्थानीय भाषा में दोड़ू की खूब बिकरी हो रही है. प्रदेश के अधिक ठंड वाले इलाकों में अभी भी लोग ऊन से बने वस्त्रों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में इसकी अच्छी बिक्री देखने को मिल रही है.

lavi mela rampur
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Published : Nov 20, 2020, 4:57 PM IST

रामपुरः उपमंडल रामपुर बुशहर में ऊन से बने कंबल, ऊनी पट्टी, टोपी व अन्य सामान से सजी दुकानें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. हर बार की तरह इस बार भी व्यापारी ऊन से बने सामान लेकर लवी मेले में पहुंचे हैं.

ऊन से बना कंबल जिसे स्थानीय भाषा में दोड़ू की खूब बिकरी हो रही है. प्रदेश के अधिक ठंड वाले इलाकों में अभी भी लोग ऊन से बने वस्त्रों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में इसकी अच्छी बिक्री देखने को मिल रही है.

वीडियो.

वहीं, लवी मेले में किन्नौर से आए व्यापारियों ने बताया कि वे हर साल मेले में ऊन से बना सामान लेकर पहुंचते हैं. लवी मेले में आए व्यपारियों का कहना है कि ऊन से बने वस्तुओं की मांग पहले अधिक रहती थी, लेकिन अब समय के साथ इसमें कुछ कमी देखने को मिल रही है. इस बार भी कोरोना वायरस के चलते व्यापार ज्यादा नहीं हो पाया है.

व्यपारियों का कहना है कि दोड़ू की डिमांड की जा रही है. इस कंबल की कीमत एक जोड़ी 8 हजार रुपये के आसपास बताई जा रही है. व्यपारियों ने बताया कि यह कंबल हर जगह पर उपलब्ध नहीं होते हैं. यह कंबल किन्नौर में ही तैयार किए जाते हैं.

इनकी मार्केट में काफी डिमांड रहती है. व्यापारी ने बताया जहां यह कंबल अधिक ठंड से बचाव करता है. वहीं, इस कंबल को स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है. इस कंबल से शरीर को अधिक गरमाहट मिलती है.

ये भी पढ़ें- किन्नौर में ड्राई फ्रूट्स के कारोबार में मंदी, व्यापारियों ने GST में छूट की उठाई मांग

ये भी पढ़ें- हाईटेक तरीके से होगी शिमला की सड़कों की सफाई, इटली से पहुंची दो स्वीपिंग मशीनें

रामपुरः उपमंडल रामपुर बुशहर में ऊन से बने कंबल, ऊनी पट्टी, टोपी व अन्य सामान से सजी दुकानें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. हर बार की तरह इस बार भी व्यापारी ऊन से बने सामान लेकर लवी मेले में पहुंचे हैं.

ऊन से बना कंबल जिसे स्थानीय भाषा में दोड़ू की खूब बिकरी हो रही है. प्रदेश के अधिक ठंड वाले इलाकों में अभी भी लोग ऊन से बने वस्त्रों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में इसकी अच्छी बिक्री देखने को मिल रही है.

वीडियो.

वहीं, लवी मेले में किन्नौर से आए व्यापारियों ने बताया कि वे हर साल मेले में ऊन से बना सामान लेकर पहुंचते हैं. लवी मेले में आए व्यपारियों का कहना है कि ऊन से बने वस्तुओं की मांग पहले अधिक रहती थी, लेकिन अब समय के साथ इसमें कुछ कमी देखने को मिल रही है. इस बार भी कोरोना वायरस के चलते व्यापार ज्यादा नहीं हो पाया है.

व्यपारियों का कहना है कि दोड़ू की डिमांड की जा रही है. इस कंबल की कीमत एक जोड़ी 8 हजार रुपये के आसपास बताई जा रही है. व्यपारियों ने बताया कि यह कंबल हर जगह पर उपलब्ध नहीं होते हैं. यह कंबल किन्नौर में ही तैयार किए जाते हैं.

इनकी मार्केट में काफी डिमांड रहती है. व्यापारी ने बताया जहां यह कंबल अधिक ठंड से बचाव करता है. वहीं, इस कंबल को स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है. इस कंबल से शरीर को अधिक गरमाहट मिलती है.

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