शिमला: वार्षिक परीक्षाएं व कक्षाएं ऑनलाइन करने के लिए लोरेटो स्कूल तारा हॉल और दयानंद पब्लिक स्कूल (Tara Hall and Dayanand School) शिमला के अभिभावक छात्र अभिभावक मंच शिमला (Student Parent Forum Shimla) के बैनर तले अतिरिक्त निदेशक (Additional Director) उच्चतर शिक्षा से मिले. उन्होंने स्कूलों में कक्षाएं व वार्षिक परीक्षाएं ऑनलाइन करवाने की 13 नवंबर 2021 की उच्चतर शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश की अधिसूचना को स्कूल में लागू करने की मांग की.
अतिरिक्त निदेशक से अभिभावकों की दो घंटे बातचीत चली. जिसमें अतिरिक्त निदेशक ने प्रदेश सरकार की अधिसूचना (State Government Notification) को स्कूल में लागू करवाने के लिए आदेश जारी करने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में छात्र अभिभावक मंच शिमला (Student Parent Forum Shimla) संयोजक विजेंद्र मेहरा, बलबीर पराशर, संदीप वर्मा, राम प्रकाश, ऋचा गांगटा, कंचन कुकरेजा, मलिका शर्मा, महेश ठाकुर, आशीष मल्होत्रा, सन्नी खन्ना, रजत, रिंकू, राधिका, डेजी, किरण, प्रीति, मयंक, तरवीन, संदीप शर्मा, रमेश, रिमिका सहित दर्जनों अभिभावक मौजूद रहे.
छात्र अभिभावक मंच शिमला (Student Parent Forum Shimla) संयोजक विजेंद्र मेहरा ने शिक्षा अधिकारियों से तारा हॉल और दयानंद पब्लिक स्कूल में नौवीं कक्षा तक की कक्षाएं व वार्षिक परीक्षाएं ऑनलाइन करवाने की मांग की है. उन्होंने तारा हॉल व दयानंद पब्लिक स्कूल प्रबंधन से प्रदेश सरकार की ऑनलाइन कक्षाओं व परीक्षाओं के संदर्भ में अधिसूचना को सख्ती से लागू करने की मांग की है.
उन्होंने कहा है कि अगर यह आदेश लागू न हुआ तो तारा हॉल और दयानंद स्कूल में अभिभावकों का आंदोलन तेज होगा. उन्होंने कहा कि इस आदेश में साफ लिखा है कि छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं व परीक्षाओं की मिश्रित सुविधा उपलब्ध करवाई जाए परन्तु तारा हॉल और दयानंद स्कूल (Tara Hall and Dayanand School) छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का प्रबंध नहीं कर रहे हैं. इस से छात्र रोजमर्रा की पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं व मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं.
उन्होंने सिर्फ दस से पन्द्रह दिन के लिए स्कूल खोलने के निर्णय का कड़ा विरोध किया है और सरकारी आदेश के अनुसार ऑनलाइन कक्षाएं व परीक्षाएं करवाने की मांग की है. उन्होंने स्कूल को केवल दस से पन्द्रह दिन के लिए खोलने के निर्णय को स्कूल प्रबंधन की अपरिपक्वता व संवेदनहीनता करार दिया है.
उन्होंने कहा कि जब पूरा वर्ष ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से ही बच्चों ने पढ़ाई की है तो फिर वार्षिक परीक्षाएं व कक्षाएं ऑनलाइन करने में क्या दिक्कत है. इन दस दिनों के बाद स्कूल तीन महीने के लिए बंद रहेगा तो फिर स्कूल सिर्फ वार्षिक परीक्षाओं व दस दिन की कक्षाओं के लिए खोलने का क्या तुक बनता है.
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