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आर्मी के तर्ज पर मिले पैरामिलिट्री को भी अपनी पहचान, अर्ध सैनिक बोर्ड बनाने की मांग

अखिल भारतीय पूर्व अर्ध सैनिक कल्याण एवं समन्वय संघ के चीफ एसएल जनारथा ने कहा कि पैरामिलिट्री शुरू से ही अपनी पहचान खोता जा रहा है. उन्होंने सरकार से सभी जिलों में अर्ध सैनिक बल के जवानों के लिए अस्प्ताल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है.

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Published : Oct 25, 2019, 3:43 PM IST

Paramilitary forces present their demands in front of govt

शिमला: अखिल भारतीय पूर्व अर्ध सैनिक कल्याण एवं समन्वय संघ के चीफ एसएल जनारथा ने कहा कि सेना की तर्ज पर पैरामिलिट्री फोर्स को भी अपनी पहचान व सुविधाएं मिलनी चाहिए.

एसएल जनारथा ने कहा कि पैरामिलिट्री शुरू से ही अपनी पहचान खोता जा रहा है. उनका कहना था कि बॉर्डर पर पैरामिलिट्री जवान लड़ाई में अपनी जान देता है तो पहले दिन उसे शहीद कहते हैं, लेकिन बाद में पैरामिलिट्री कह कर कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है.

वीडियो.

एसएल जनारथा ने कहा कि सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए प्रदेश भर के पूर्व अर्ध सैनिक चंडीगढ़ में चक्कर काटते हैं और फिर शिमला में इलाज करवाना पड़ता है. उन्होंने सरकार से सभी जिलों में अर्ध सैनिक बल के जवानों के लिए अस्प्ताल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है.

जनारथा ने कहा कि 2004 से पूर्व अर्ध सैनिक को पेंशन का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. सभी जिलों में अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना की जानी चाहिए जिससे अर्ध सैनिकों को अपने काम के लिए भटकना ना पड़े है.

शिमला: अखिल भारतीय पूर्व अर्ध सैनिक कल्याण एवं समन्वय संघ के चीफ एसएल जनारथा ने कहा कि सेना की तर्ज पर पैरामिलिट्री फोर्स को भी अपनी पहचान व सुविधाएं मिलनी चाहिए.

एसएल जनारथा ने कहा कि पैरामिलिट्री शुरू से ही अपनी पहचान खोता जा रहा है. उनका कहना था कि बॉर्डर पर पैरामिलिट्री जवान लड़ाई में अपनी जान देता है तो पहले दिन उसे शहीद कहते हैं, लेकिन बाद में पैरामिलिट्री कह कर कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है.

वीडियो.

एसएल जनारथा ने कहा कि सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए प्रदेश भर के पूर्व अर्ध सैनिक चंडीगढ़ में चक्कर काटते हैं और फिर शिमला में इलाज करवाना पड़ता है. उन्होंने सरकार से सभी जिलों में अर्ध सैनिक बल के जवानों के लिए अस्प्ताल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है.

जनारथा ने कहा कि 2004 से पूर्व अर्ध सैनिक को पेंशन का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. सभी जिलों में अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना की जानी चाहिए जिससे अर्ध सैनिकों को अपने काम के लिए भटकना ना पड़े है.

Intro:आर्मी के तर्ज पर मिले पैरामिलिट्री को भी अपनी पहचान
जिला स्तर पर अर्ध सैनिक बोर्ड बनाने की मांग
शिमला
सेना की तर्ज पर पैरामिलिट्री फोर्स को भी अपनी पहचान व सुबिधाये मिलनी चाहिए।। सुबिधा के नाम पर पैरामिलिट्री को कोई सुबिधा नही मिल पाती है। यह बात गुरुवार को शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय पूर्व अर्ध सैनिक कल्याण एवम समन्वय संघ के चीफ पैटर्न एसएल जनारथा ने कही ।
उन्होंने कहा।कि पैरामिलिट्री शुरू से ही अपनी पहचान खोता जा रहा है ।उनका कहना था कि शरहद पर जब कोई पैरामिलिट्री जवान लड़ाई में अपनी जान देता है तो पहले दिन तो उसे शहीद कहते है लेकिन बाद में पैरामिलिट्री कह कर कोई भी सुबिधा सेना के तर्ज पर नही मिलती।



Body:उन्होंने कहा कि यही नही सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए प्रदेश भर के पूर्व अर्ध सैनिक चंडीगढ़ में चक्कर काटते है और फिर शिमला में आकर उन्हें ईलाज मिलता है ।
उनका कहना था कि हिमाचल के किसी भी कोने से अर्ध से सैनिक को ईलाज करवाने शिमला आना पड़ता है जबकि सरकार को चाहिए कि सभी जिलों में अर्ध सैनिक अस्प्ताल उपलब्ध करवाए जहाँ सुबिधा मिल सके।
जनारथा ने कहा कि 2004 से पूर्व अर्ध सैनिक को पेंशन का पूरा लाभ नही मिल पा रहा है ।


Conclusion:उनका कहना था कि वर्तमान मे जो पेंशन दी जाती है उससे अर्ध सैनिक को नुकसान उठाना पड़ता है ऊपर से उन्हें इस पर इनकम टैक्स देना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि सेनिको को अपना काम करवाने के लिए डीआईजी के पास जाना पड़ता है वह भी दिल्ही में ।उन्होंने कहा कि सभी जिलों में अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना की जानी चाहिए जिससे अर्ध सेनिको को विकासात्मक कार्य के लिए भटकना ना पड़े। संघ ने सरकार से मांग की है कि उनकी मांगे पूरी की जानी चाहिए
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