शिमला: पहाड़ी सब्जियों की देश के कोने कोने में मांग है. फाइव स्टार होटलों की भी पहाड़ी सब्जी पहली पसंद है. वहीं, राजधानी शिमला के सेब देश-विदेश में मशहूर हैं, लेकिन उसके साथ पहाड़ की सब्जियां भी देश के कोने कोने में रहने वाले लोग पसंद करते हैं. इसका मुख्य कारण पहाड़ों में ऑर्गेनिक खेती (organic farming) है. इसके तहत उगाई गई हरी सब्जियां काफी स्वादिष्ट होती हैं. इसीलिए देश के कोने कोने में इसकी अधिक मांग है.
राजधानी शिमला के ढली में फल सब्जी मंडी से पहाड़ की सब्जियां असम से लेकर गुजरात, पश्चिम बंगाल, कोलकाता और आंध्र प्रदेश तक जाती हैं. वहां के लोग हिमाचल की सब्जियों की बहुत डिमांड करते हैं. सब्जी मंडी से सब्जियों को दूसरे राज्यों में भेजने के लिये विशेष व्यवस्था की जाती है. ट्रकों में विशेष रूप से सब्जियों को लोड किया जाता है जिससे कि सब्जियां खराब ना हों और उसकी गुणवत्ता बनी रहे.
शिमला के पहाड़ी इलाकों में किसानों द्वारा तैयार की गई हरी सब्जियां देश के कोने कोने तक पहुंचे. इसके लिए ढली सब्जी मंडी में व्यवस्था रहती है. जब यहां पर किसान अपनी सब्जियां लेकर आते हैं तो उन्हें अच्छे दाम मिले और आढ़तियों द्वारा ठगी न हो, इसके लिये उचित व्यवस्था रहती है. पहाड़ के फ्रेंच बीन, मटर, आलू यह पश्चिम बंगाल, असम, कोलकाता तक जाती है. वहीं, पंजाब ,दिल्ली और चंडीगढ़ में फूल गोभी, पत्ता गोभी, मशरूम, टमाटर, लंपु विशेष रूप से सप्लाई होते हैं.
पहाड़ों पर लगाए जाने वाली कागजी नींबू की भी विशेष मांग है. इसकी मांग देश के कोने कोने में रहती है. 5 स्टार होटलों में पहाड़ी सब्जियों की विशेष मांग होती है. पहाड़ी किसान भी यह सब्जियां बड़ी उत्सुकता से उगाते हैं. किसानों को बाहरी राज्यों में सब्जियां जाने से उन्हें उनके अच्छे दाम मिल जाते हैं क्योंकि यहां की सब्जियां बड़े-बड़े होटलों के साथ घरों में भी बड़े चाव के साथ खाई जाती हैं.
इस संबंध में ढली सब्जी मंडी के सचिव ओम प्रकाश बंसल से कहा कि यहां पर पहाड़ों से किसान अपनी सब्जियां लेकर बेचने आते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान ढली सब्जी मंडी में विशेष ध्यान रखा गया है. उनका कहना था कि यहां पर मास्क, सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है जिससे बीमारी फैलने का डर न रहे. उन्होंने कहा कि ढली सब्जी मंडी में किसानों के रहने की भी व्यवस्था की गई है जिसमें 20 से 25 किसान रात में रह सकते हैं. ओम प्रकाश बंसल ने कहा कि यहां से सब्जियां देश के कोने कोने में जाती हैं. अभी मटर और फ्रेंच बीन कोलकाता और पश्चिम बंगाल को भेजी गई है. उन्होंने बताया कि असम, गुजरात को भी सब्जियां भेजी जाती हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ों में ऑर्गेनिक खेती की जाती है जिससे सब्जियों का स्वाद बना रहता है.
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