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हिमाचल के पर्यटन सेक्टर को संजीवनी देगी केंद्र सरकार, हवाई सेवाओं से पूरा होगा 2 करोड़ सैलानियों की आमद का लक्ष्य - हिमाचल को स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट

मंडी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के (International airport built in Nagchala) लिए वित्तायोग ने एक हजार करोड़ रुपए मंजूर किये हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि देश और विदेश से एयर कनेक्टिविटी होने पर हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार इस हवाई अड्डे के निर्माण के (International airport built in Nagchala) लिए भरसक प्रयास कर रही है. केंद्र का रुख भी इसके लिए सकारात्मक है. प्रदेश सरकार जल्द से जल्द इस हवाई अड्डे का निर्माण कार्य शुरू करने की कोशिश में है.

Himachal Tourism
हिमाचल पर्यटन सेक्टर
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Published : Dec 9, 2021, 7:20 PM IST

शिमला: वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को पर्यटन सेक्टर मजबूती दे सकता है. वित्तायोग के चेयरमैन एनके सिंह लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि छोटे पहाड़ी राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त करने में पर्यटन (Himachal Tourism) अहम भूमिका निभा सकता है. हिमाचल में हवाई सेवाएं (Air Services in Himachal) बढ़ने से और अधिक सैलानी यहां आ सकेंगे.

हाल ही में मंडी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के लिए वित्तायोग (International airport built in Nagchala) ने एक हजार करोड़ रुपए मंजूर किये हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि देश और विदेश से एयर कनेक्टिविटी होने पर हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. राज्य सरकार ने भी सालाना 2 करोड़ सैलानियों की आमद का लक्ष्य रखा है. हिमाचल में कोरोना काल में पर्यटन सेक्टर को भारी नुकसान हुआ है. अब हिमाचल सरकार ने केंद्र को टूरिज्म से जुड़े विभिन्न प्रस्ताव दिए हैं और केंद्र सरकार से भी हिमाचल को सकारात्मक रिस्पॉन्स मिला है.

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सेक्टर जीडीपी में सात फीसदी का योगदान देता है. 2019-20 में हिमाचल प्रदेश में 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार 107 सैलानी आए थे. कोरोना के कारण 2020-21 में यह संख्या घटकर 32 लाख 13 हजार 379 रह गई. पूर्व का आंकड़ा देखें तो 2019-20 में 1 करोड़ 68 लाख 29 हजार 231 देशी सैलानी और 3 लाख 82 हजार 876 विदेशी सैलानी हिमाचल आए थे. यदि शिमला का जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट (Jubbarhatti Airport of Shimla) पूरी तरह से फंक्शनल हो जाए तो सैलानियों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी. इसी तरह मंडी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से (International airport built in Nagchala) हिमाचल का पर्यटन सेक्टर बुलंदी पर जा सकता है. इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2936 बीघा भूमि चयनित की गई है और एमओयू भी साइन हो चुका है.

हिमाचल सरकार को जब से वित्तायोग के चेयरमैन एनके सिंह (NK Singh Chairman of Finance Commission) ने टूरिज्म सेक्टर पर फोकस करने के लिए कहा है तब से मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पर्यटन सेक्टर के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. एक सुझाव प्रमुखता से सामने आया कि हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूरिज्म इंफ्रास्कटर (International Tourism Infrastructure in Himachal) जरूरी है.

मंडी जिला के नागचला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे का निर्माण ( Green Field Airport in Mandi) इसी कड़ी की योजना है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री से भी इस प्रोजेक्ट में मदद का आग्रह किया है. राज्य सरकार ने टूरिज्म इंफ्रास्कटर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के (Himachal Tourism Infrastructure Development Project) तहत केंद्र सरकार को भेजे गए वित्त पोषण डॉक्यूमेंट को स्वीकृत करने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री ने भी इसके लिए हिमाचल को भरपूर मदद का भरोसा दिलाया है.

इससे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वित्तायोग के चेयरमैन के साथ मिलकर हिमाचल के लिए मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के (Green Field Airport in Mandi) लिए 1000 करोड़ रुपए स्वीकृत करवाने में सफल रहे हैं. उल्लेखनीय है कि वित्तायोग ने हिमाचल को स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट (State Specific Grant to Himachal) के तौर पर 1420 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. इस स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट के तहत मंजूर 1420 करोड़ रुपए में से एक्सपेंशन एंड अपग्रेडेशन ऑफ कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 400 करोड़, कंस्ट्रक्शन ऑफ मंडी एयरपोर्ट नागचला को 1000 करोड़ रुपए और अपग्रेडेशन एंड डेवलपमेंट ऑफ ज्वालामुखी मंदिर के लिए 20 करोड़ अलग से मिले हैं.

मंडी एयरपोर्ट के लिए (Green Field Airport in Mandi) 1000 करोड़ का फंड मिलने के बाद इस एयरपोर्ट के बनने की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है. हिमाचल सरकार ने इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण व अन्य मंत्रालयों की औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली हैं. स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट में मंजूर उपरोक्त रकम पूरी तरह से टूरिज्म सेक्टर को मजबूत करेगी.

वित्तायोग से हिमाचल को काफी सहायता मिली है. आकंड़ों को देखें तो हिमाचल को टैक्स शेयर के रूप में 35064 करोड़ रुपए, रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में 37199 करोड़ रुपए, लोकल बॉडी ग्रांट 3049 करोड़ रुपए, डिजास्टर मैनेजमेंट 2258 करोड़ रुपए, हेल्थ सेक्टर 377 करोड़ रुपए, पीएमजीएसवाई 2222 करोड़ रुपए, डाटा एंड स्टैस्टिक्स 21 करोड़ रुपए, ज्यूडिशियरी 50 करोड़ रुपए, उच्च शिक्षा 70 करोड़ रुपए, कृषि सेक्टर 247 करोड़ रुपए, स्टेट स्पेसेफिक ग्रांट 1420 करोड़ रुपए की सहायता मिली है.

ये भी पढे़ं :हमीरपुर बाजार में फल और सब्जियां बेच रहा है हॉकी का नेशनल खिलाड़ी सुनील कुमार, सरकार से मदद की आस

शिमला: वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को पर्यटन सेक्टर मजबूती दे सकता है. वित्तायोग के चेयरमैन एनके सिंह लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि छोटे पहाड़ी राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त करने में पर्यटन (Himachal Tourism) अहम भूमिका निभा सकता है. हिमाचल में हवाई सेवाएं (Air Services in Himachal) बढ़ने से और अधिक सैलानी यहां आ सकेंगे.

हाल ही में मंडी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के लिए वित्तायोग (International airport built in Nagchala) ने एक हजार करोड़ रुपए मंजूर किये हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि देश और विदेश से एयर कनेक्टिविटी होने पर हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. राज्य सरकार ने भी सालाना 2 करोड़ सैलानियों की आमद का लक्ष्य रखा है. हिमाचल में कोरोना काल में पर्यटन सेक्टर को भारी नुकसान हुआ है. अब हिमाचल सरकार ने केंद्र को टूरिज्म से जुड़े विभिन्न प्रस्ताव दिए हैं और केंद्र सरकार से भी हिमाचल को सकारात्मक रिस्पॉन्स मिला है.

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सेक्टर जीडीपी में सात फीसदी का योगदान देता है. 2019-20 में हिमाचल प्रदेश में 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार 107 सैलानी आए थे. कोरोना के कारण 2020-21 में यह संख्या घटकर 32 लाख 13 हजार 379 रह गई. पूर्व का आंकड़ा देखें तो 2019-20 में 1 करोड़ 68 लाख 29 हजार 231 देशी सैलानी और 3 लाख 82 हजार 876 विदेशी सैलानी हिमाचल आए थे. यदि शिमला का जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट (Jubbarhatti Airport of Shimla) पूरी तरह से फंक्शनल हो जाए तो सैलानियों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी. इसी तरह मंडी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से (International airport built in Nagchala) हिमाचल का पर्यटन सेक्टर बुलंदी पर जा सकता है. इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2936 बीघा भूमि चयनित की गई है और एमओयू भी साइन हो चुका है.

हिमाचल सरकार को जब से वित्तायोग के चेयरमैन एनके सिंह (NK Singh Chairman of Finance Commission) ने टूरिज्म सेक्टर पर फोकस करने के लिए कहा है तब से मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पर्यटन सेक्टर के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. एक सुझाव प्रमुखता से सामने आया कि हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूरिज्म इंफ्रास्कटर (International Tourism Infrastructure in Himachal) जरूरी है.

मंडी जिला के नागचला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे का निर्माण ( Green Field Airport in Mandi) इसी कड़ी की योजना है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री से भी इस प्रोजेक्ट में मदद का आग्रह किया है. राज्य सरकार ने टूरिज्म इंफ्रास्कटर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के (Himachal Tourism Infrastructure Development Project) तहत केंद्र सरकार को भेजे गए वित्त पोषण डॉक्यूमेंट को स्वीकृत करने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री ने भी इसके लिए हिमाचल को भरपूर मदद का भरोसा दिलाया है.

इससे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वित्तायोग के चेयरमैन के साथ मिलकर हिमाचल के लिए मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के (Green Field Airport in Mandi) लिए 1000 करोड़ रुपए स्वीकृत करवाने में सफल रहे हैं. उल्लेखनीय है कि वित्तायोग ने हिमाचल को स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट (State Specific Grant to Himachal) के तौर पर 1420 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. इस स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट के तहत मंजूर 1420 करोड़ रुपए में से एक्सपेंशन एंड अपग्रेडेशन ऑफ कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 400 करोड़, कंस्ट्रक्शन ऑफ मंडी एयरपोर्ट नागचला को 1000 करोड़ रुपए और अपग्रेडेशन एंड डेवलपमेंट ऑफ ज्वालामुखी मंदिर के लिए 20 करोड़ अलग से मिले हैं.

मंडी एयरपोर्ट के लिए (Green Field Airport in Mandi) 1000 करोड़ का फंड मिलने के बाद इस एयरपोर्ट के बनने की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है. हिमाचल सरकार ने इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण व अन्य मंत्रालयों की औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली हैं. स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट में मंजूर उपरोक्त रकम पूरी तरह से टूरिज्म सेक्टर को मजबूत करेगी.

वित्तायोग से हिमाचल को काफी सहायता मिली है. आकंड़ों को देखें तो हिमाचल को टैक्स शेयर के रूप में 35064 करोड़ रुपए, रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में 37199 करोड़ रुपए, लोकल बॉडी ग्रांट 3049 करोड़ रुपए, डिजास्टर मैनेजमेंट 2258 करोड़ रुपए, हेल्थ सेक्टर 377 करोड़ रुपए, पीएमजीएसवाई 2222 करोड़ रुपए, डाटा एंड स्टैस्टिक्स 21 करोड़ रुपए, ज्यूडिशियरी 50 करोड़ रुपए, उच्च शिक्षा 70 करोड़ रुपए, कृषि सेक्टर 247 करोड़ रुपए, स्टेट स्पेसेफिक ग्रांट 1420 करोड़ रुपए की सहायता मिली है.

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