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छोटा शिमला में पीलिया की दस्तक, जानिए कैसे फैलती है ये बीमारी

आईजीएमसी में एक पीलिया का मरीज पहुंचा है जिसका इलाज चिकित्सकों ने शुरू कर दिया है.

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Published : Oct 4, 2019, 10:16 AM IST

शिमला: शहर में आईजीएमसी में एक पीलिया का मरीज पहुंचा है. इस मरीज को हेपेटाइटिस-ई टाइप का पीलिया पाया गया है. यह मरीज छोटा शिमला का रहने वाला है. मरीज का इलाज चिकित्सकों ने शुरू कर दिया है. हेपेटाइटिस-ई टाईप का मरीज पहुंचने से लोगों के बीच हड़कंप मच गया है.

बता दें कि यह एक ऐसा रोग है जिसमें बैक्टीरिया से इन्फेक्शन इसकी वजह होती है. ये सीधे लीवर में अटैक करके उसे नुकसान पहुंचाता है और कई बार यह रोग इतना अधिक बढ़ जाता है कि लीवर का रिकवरी करना मुश्किल हो जाता है. इसे जलजनित रोग कहा जाता है और यह मुख्य रूप से दूषित पानी पीने से फैलता है.

शिमला: शहर में आईजीएमसी में एक पीलिया का मरीज पहुंचा है. इस मरीज को हेपेटाइटिस-ई टाइप का पीलिया पाया गया है. यह मरीज छोटा शिमला का रहने वाला है. मरीज का इलाज चिकित्सकों ने शुरू कर दिया है. हेपेटाइटिस-ई टाईप का मरीज पहुंचने से लोगों के बीच हड़कंप मच गया है.

बता दें कि यह एक ऐसा रोग है जिसमें बैक्टीरिया से इन्फेक्शन इसकी वजह होती है. ये सीधे लीवर में अटैक करके उसे नुकसान पहुंचाता है और कई बार यह रोग इतना अधिक बढ़ जाता है कि लीवर का रिकवरी करना मुश्किल हो जाता है. इसे जलजनित रोग कहा जाता है और यह मुख्य रूप से दूषित पानी पीने से फैलता है.

Intro:शहर में पीलिया की दस्तक
छोटा शिमला का मरीज पहुंचा आईजीएमसी

शिमला।
शहर में पीलिया भी अब सक्रिय हो गया है। आई.जी.एम.सी. में एक मरीज पीलिया का पहुंचा है। इस मरीज को हेपेटाइटिस-इ टाईप का पीलिया पाया गया है। यह मरीज छोटा शिमला का रहने वाला है। चिकित्सक ने मरीज का उपचार करना शुरू कर दिया है। हेपेटाइटिस-इ टाईप का मरीज पहुंचने से लोगों के बीच हड़कंप मच गया है।
Body:यह एक ऐसा रोग है, जो बैक्टीरिया के इन्फेक्शन की वजह से होता है और ये सीधे लीवर में अटैक करके उसे नुकसान पहुचाता है और कई बार यह रोग इतना अधिक बढ़ जाता है की लीवर का रिकवरी करना मुश्किल हो जाता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसे जलजनित रोग कहा जाता है और यह मु य रूप से दूषित पानी पीने से फैलता है। कई बार जानवरों के समपर्क में आने से यह रोग होता है और जानवरों का अधपका मांस खाने भी से यह रोग हो सकता है।
Conclusion:इसके अलावा सूअर के संपर्क में आ जाना या किसी गंदे जानवर के आसपास रहना इसका मु य लक्षण है। हेपेटाइटिस-इ कुल मिलाकर यह साफ सफाई में ना रहने और गंदी चीजो के समपर्क में आने की वजह से होता है। चिकित्सक द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को सावधानी बरतनी होगी। हेपेटाइटिस-इ के लक्षण थकान, वजन में कमी, पेट में दर्द, बुखार आदि है। इस स्थिति में मरीजों को तुरंत अस्पताल आना चाहिए। चिकित्सक का कहना है कि आई.जी.एम.सी. में उपचार के पूरे साधन है।
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