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Himachal Fully Vaccinated State: नीति आयोग के सदस्य डॉ. पॉल ने वैक्सीनेशन को लेकर थपथपाई हिमाचल की पीठ - Himachal Fully Vaccinated State

कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज (Second dose of covid vaccine) के संदर्भ में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल (Himachal as a fully vaccinated state) करने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने हिमाचल की पीठ थपथपाई है. डॉ. पॉल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं (Health Facilities in Himachal Pradesh) देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर हैं.

NITI Aayog member congratulated himachal government
नीति आयोग के सदस्य ने वैक्सीनेशन को लेकर हिमाचल की तारीफ की.
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Published : Dec 7, 2021, 7:31 PM IST

शिमला: विश्व विख्यात बाल रोग विशेषज्ञ और कोविड से लड़ाई के खिलाफ भारत की रणनीति तैयार करने वाले नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज (Second dose of covid vaccine) के संदर्भ में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल (Himachal as a fully vaccinated state) करने के लिए हिमाचल की पीठ थपथपाई है. यही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत हिमाचल की उपलब्धियों को सराहा है. मंगलवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जब हैंडबुक ऑन पर्सनल मैटर्ज-2021 का संस्करण जारी किया, उस दौरान डॉ. पॉल ने पोषण से जुड़े विषय पर प्रस्तुति दी.

डॉ. पॉल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं (Health Facilities in Himachal Pradesh) देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन फोलिक एसिड को दोगुना करने से प्रदेश में महिलाओं में खून की कमी की समस्या दूर करने में मदद मिली है. उन्होंने मातृ वंदना योजना के तहत राज्य सरकार की उपलब्धियों की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्य ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रगति की है, लेकिन हिमाचल में एनीमिया की समस्या (problem of anemia in himachal) चिंता का विषय बनी हुई है.

डॉ. पॉल ने कम वजन वाले शिशुओं पर विशेष अभियान शुरू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक ओआरएस और जिंक द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को शून्य करना है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरक आहार के लिए जन आंदोलन और एनीमिया मुक्त हिमाचल मिशन (anemia free himachal mission) को तेज करना समय की आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 2023-24 तक राज्य को टीबी मुक्त बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की लगभग 2 की पॉजिटिव दर को देखते हुए जिले और निचले स्तर पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: kullu Atal Tunnel: अटल टनल में टूटा 1 साल का ट्रैफिक रिकॉर्ड, नवंबर माह में गुजरे 1 लाख 2 हजार 920 वाहन

बता दें कि डॉ. पॉल पूर्व में एम्स दिल्ली में बाल रोग विभाग के प्रमुख रहे हैं और उन्हें हेल्थ साइंस रिसर्च में देश का सबसे बड़ा सम्मान डॉ. बीआर अंबेडकर सेंटेनरी अवार्ड (BR Ambedkar Centenary Award) मिल चुका है. कोविड के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर देश की रणनीति बनाने पर भी डॉ. पॉल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इस अवसर पर नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव डाॅ. राकेश सरवाल ने देश और हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संकेतकों के संबंध में एक प्रस्तुति दी. आयोजन में नीति आयोग के फेलो अरविंद मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता के साथ सीएचआरडी के प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें: Himachal Weather Update: 8 दिसंबर को बारिश-बर्फबारी की संभावाना, इन इलाकों में रहेगा मौसम साफ

शिमला: विश्व विख्यात बाल रोग विशेषज्ञ और कोविड से लड़ाई के खिलाफ भारत की रणनीति तैयार करने वाले नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज (Second dose of covid vaccine) के संदर्भ में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल (Himachal as a fully vaccinated state) करने के लिए हिमाचल की पीठ थपथपाई है. यही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत हिमाचल की उपलब्धियों को सराहा है. मंगलवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जब हैंडबुक ऑन पर्सनल मैटर्ज-2021 का संस्करण जारी किया, उस दौरान डॉ. पॉल ने पोषण से जुड़े विषय पर प्रस्तुति दी.

डॉ. पॉल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं (Health Facilities in Himachal Pradesh) देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन फोलिक एसिड को दोगुना करने से प्रदेश में महिलाओं में खून की कमी की समस्या दूर करने में मदद मिली है. उन्होंने मातृ वंदना योजना के तहत राज्य सरकार की उपलब्धियों की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्य ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रगति की है, लेकिन हिमाचल में एनीमिया की समस्या (problem of anemia in himachal) चिंता का विषय बनी हुई है.

डॉ. पॉल ने कम वजन वाले शिशुओं पर विशेष अभियान शुरू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक ओआरएस और जिंक द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को शून्य करना है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरक आहार के लिए जन आंदोलन और एनीमिया मुक्त हिमाचल मिशन (anemia free himachal mission) को तेज करना समय की आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 2023-24 तक राज्य को टीबी मुक्त बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की लगभग 2 की पॉजिटिव दर को देखते हुए जिले और निचले स्तर पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है.

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बता दें कि डॉ. पॉल पूर्व में एम्स दिल्ली में बाल रोग विभाग के प्रमुख रहे हैं और उन्हें हेल्थ साइंस रिसर्च में देश का सबसे बड़ा सम्मान डॉ. बीआर अंबेडकर सेंटेनरी अवार्ड (BR Ambedkar Centenary Award) मिल चुका है. कोविड के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर देश की रणनीति बनाने पर भी डॉ. पॉल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इस अवसर पर नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव डाॅ. राकेश सरवाल ने देश और हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संकेतकों के संबंध में एक प्रस्तुति दी. आयोजन में नीति आयोग के फेलो अरविंद मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता के साथ सीएचआरडी के प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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