शिमला: कोरोना के इस संकट के बीच में डॉक्टर, पेरामेडिकल स्टॉफ, पुलिस और सफाई कर्मचारी कोरोना योद्धाओं की भूमिका निभा रहे है. वहीं, अब एनसीसी कैडेट्स भी कोरोना योद्धाओं की तरह ही इस संकट की घड़ी में अपनी सेवाएं देश हित के लिए दे रहे हैं.
कोरोना के खतरे के बीच लोगों को सुरक्षा चक्र में रखने के लिए जब पुलिस जवान कम पड़ गए तो हिमाचल प्रदेश में एनसीसी के कैडेट्स की सहायता ली जा रही है. इन्हीं कैडेट्स में से एक कैडेट है 'जैनब' जो कोरोना के इस संकट में अपनी भूख प्यास को भुलाकर अपनी ड्यूटी को बखूबी निभा रही है.
संजौली कॉलेज में फर्स्ट सेमेस्टर में पढ़ने वाली जैनब ठियोग में ड्यूटी दे रही है. रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और ऐसे में जैनब के लिए भी यह महीना खास है और वह रोजे भी कर रही है. जैनब में देश भक्ति का ऐसा जज्बा भरा पड़ा है कि जो वर्दी उन्होंने पहनी है वह उसे अपने फर्ज पर डटे रहने की वो ताकत दे रही है कि दिन में धूप हो या बारिश किसी भी हालात में वह अपनी ड्यूटी करती है लेकिन उसे भूख प्यास की सुध तक नहीं.
अपनी तय ड्यूटी पर निकलने से पहले जैनब रात को 2 बजे उठकर सहरी की तैयारी करती है और 4 बजे तक सहरी खाकर कुरान पढ़ने के बाद अपनी ड्यूटी के लिए तैयार होती है. वह 7 बजे घर से निकल जाती है. 24 घंटे में एक बार खाना खाकर दिनभर अपनी ड्यूटी सड़कों पर देती है.
सड़कों पर आने जाने वाले वाहनों की चेकिंग के साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर जागरूक करती है. वह लोगों को मास्क लगाने और सभी तरह के नियमों का पालन करने को लेकर जागरूक कर रही है.
शिमला जिला में ठियोग में जैनब अपनी ड्यूटी अपने अन्य साथियों के साथ पुलिस प्रशासन को सहयोग करने के लिए दे रही है. जैनब का कहना है कि उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि वह इस संकट के समय में देश के लिए अपनी सेवाएं दे रही है.
उन्होंने कहा कि वह देश भक्त होने के नाते यहां आई हैं भले ही रोजे चल रहे हैं लेकिन और देश के लिए काम करना सर्वप्रथम है. अल्लाह भी मेरा साथ इस काम में दे रहा है और यह वजह है कि मैं रोजे रखने के साथ ही अपना काम पूरी लगन और निष्ठा के साथ कर पा रही हूं.
जैनब इस संकट के समय में कोरोना के डर को पीछे छोड़ कर देश की सेवा में जुट गई हैं. वहीं, उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से भी यही अपील की है कि वह भी कोरोना के संकट की घड़ी में सब का साथ दें. उन्होंने एक बड़ी बात कहीं कि खुदा दिल में होना चाहिए और जब खुदा दिल में है तो मस्जिद जाने की जरूरत नहीं है.
ऐसे में जैनब का मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए एक ही संदेश है कि वह इस संकट की घड़ी में जब रमजान का महीना चल रहा है तो घरों में ही अपनी मस्जिद बना ले और वहीं बैठ कर अपनी नमाज अदा करें. खुदा की इबादत करे तो भी खुदा उनकी हर एक इबादत को कबूल करेगा. उन्होंने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है.
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