शिमला: प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (self help group women) द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए नाबार्ड बैंक वरदान साबित हो रहा है. इससे महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर हुई हैं, बल्कि उन्हें अच्छा रोजगार भी मिल रहा है. ग्रामीण महिलाओं का हुनर अब शहरों तक पहुंचने लगा है और लोग महिलाओं द्वारा खुद घर पर बनाए गए उत्पादों को हाथों हाथ खरीद रहे हैं. राजधानी शिमला में भी नाबार्ड द्वारा एक मेले का आयोजन किया (NABARD fair at Ridge Shimla) जा रहा है, जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों बेचे जा रहा हैं.
ये उत्पाद हाथों से बनाए गए हैं और लोग बड़े चाव से इन उत्पादों को खरीद भी रहे हैं. मेले में आई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि नबार्ड द्वारा उनके उत्पादों को पहचान मिल रही है और शहर के लोग इन उत्पादों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. महिलाओं ने बताया कि गांव में उनके द्वारा बनाए गए उत्पाद ज्यादा नहीं बिकते हैं. क्योंकि लोग के पास इतने पैसे नहीं होता. लेकिन सरकार द्वारा उनके लिए नाबार्ड के माध्यम से जो मेले आयोजित किए जा रहे हैं, उससे उन्हें बहुता फायदा हुआ है.
महिलाओं ने बताया कि सरकार ने उन्हें ये प्लेटफॉर्म देकर आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने बताया कि यदि सरकार गांव में भी इस तरह के मेलों का आयोजन करे और उनके उत्पादों को बाहर बेचने में उनकी सहायता करे, तो उन्हें और अच्छा रोजगार मिल सकता है. जिससे गांव में रहने वाली महिलाओं की दशा सुधर सकती है.