शिमला: जिला परिषद कर्मचारी और अधिकारियों की हड़ताल पर सरकार के निर्णय को लेकर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं हैं. उन्होंने (Mukesh Agnihotri on BJP government) सरकार को जल्द मसला सुलझाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो निर्णय लिए है उससे उनकी बुद्धिमता पर सवाल खड़ा होते हैं. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हड़ताल पर चल रहे पंचायत सचिवों के कारण पंचायतों का सारा कारोबार ठप हो गया है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पंचायत सचिवों की मांग है कि उनका पंचायती राज विभाग या रूरल डेवलपमेंट विभाग में विलय कर दिया जाए. वहीं, हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की मांग पर प्रदेश सरकार कह रही है कि अगर उनके अधिकारी व कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं तो उनका काम पंचायत रोजगार सेवक व सिलाई अध्यापिका को दे दो अगर इनमें से कोई भी उपलब्ध नहीं है तो यह कार्य पंचायत चौकीदार को सौंप दिया जाए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे सरकार की बुद्धिमता झलक रही है कि सरकार क्या फैसले कर सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. 1984 में भी हुआ है. 2019 में भी हुआ है. उस समय समिति के मुलाजिमों को सरकारी नौकरी पर ले लिया गया. कई दफा ऐसे काम हुए हैं इसलिए सरकार को चाहिए कि इस मसले को जल्द से जल्द हल करे, क्योंकि पंचायतों के सारे कार्य ठप हो गए हैं. उन्होंने कहा कि पहले ही एक सचिव के पास दो से तीन पंचायतों का काम हैं. बैठकों में केवल समय देने की बात कही जाती है अब समय देने की बात नहीं है.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि (mukesh agnihotri on strike of panchayat secretaries) एचआरटीसी कंडक्टर की वेतन विसंगतियों पर बोलते हुए कहा कि आज 7 तारीख तक एचआरटीसी परिचालकों को वेतन नही नहीं मिला है और ऊपर से परिचालकों का वेतन घटा दिया है. जो वेतनमान रिवाइज हुआ है उसमें कंडक्टर का ग्रेड पे 2400 से घटाकर 1900 कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब पे स्केल रिवाइज होता है तो उस समय देखा (Mukesh Agnihotri on HRTC pay discrepancies) जाता है कि किसी का वेतन कम तो नहीं हो रहा है. कम से कम जो वेतन मिल रहा है उसे बरकरार रखा जाए. उनकी वेतनमान इक्वेट किया जाना चाहिए. ऐसा न हो कि कंडक्टर आने वाले दिनों में अल्टीमेटम दें और बसों से उतर जाएं फिर कोई विकल्प नहीं बचेगा. उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि समय रहते पंचायत सचिवों और एचआरटीसी के मसले को हल करें नहीं विकास कार्य ठप हो जाएंगे और पहिए थम जाएंगे.
ये भी पढे़ं- नाहन नगर परिषद डीजल घोटाले में जेई-चालक बर्खास्त, 4 पर लटकी कार्रवाई की तलवार