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वन विभाग से अपना ही मिनिस्ट्रीयल स्टाफ नाराज, चहेतों को अवार्ड देने का आरोप, अनशन की दी चेतावनी - चहेतों को अवार्ड देने का आरोप

राज्यस्तरीय 'वन महोत्सव' पर दिए (Van Mahotsav in Chamba) गए पुरस्कार अब सवालों के घेरे में है. हिमाचल प्रदेश फारेस्ट डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने इन पुरस्कारों को लेकर विभाग द्वारा अपनाई गई चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं और अपने चहेतों के नाम सूची में शामिल करने का आरोप लगाया है. उन्होंने चेतावनी दी की अगर अवार्ड को लेकर हुई बंदरबांट ठीक नहीं की गई तो 9 अगस्त से वर्किंग आवर्स के बाद कर्मचारी अनशन पर बैठेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

फारेस्ट डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन
फारेस्ट डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन
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Published : Aug 3, 2022, 4:01 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर उनका अपना मिनिस्ट्रियल स्टाफ मुखर हो गया है. मामला वन विभाग के राज्यस्तरीय अवार्ड वितरण से जुड़ा है, जो बीती 2 अगस्त को चंबा में (Van Mahotsav in Chamba) दिए गए. हिमाचल फारेस्ट डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन (Forest Department Ministerial Staff Association) ने आरोप लगाया है कि वन महोत्सव के दौरान विभाग ने अपने चहेतों को अवार्ड दिए है. जिन्होंने सच में काम किया है, उन्हें इस बारे में बताया तक नहीं गया.

एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने कहा कि कोरोना काल के चलते बीते दो साल के अवार्ड एक साथ दिए गए. इसमें उन लोगों को भी अवार्ड मिले जो इसके हकदार नहीं थे. उन्होंने आरोप लगाया कि अवार्ड को लेकर धांधली हुई है. स्टेट लेवल की इस अवार्ड सेरेमनी की जानकारी बकायदा प्रेस कान्फ्रेंस कर दी जानी चाहिए थी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया. एसोसिएशन ने जब विभाग से इस बाबत पूछा तो बताया गया कि यह अवार्ड पौधारोपण करने के लिए दिए गए हैं.

मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन ने लगाया चहेतों को अवार्ड देने का आरोप.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जंगलों को बचाने के लिए अपनी जान तक दे दी, जो घायल हुए उन्हें इस अवार्ड सुची में शामिल नहीं किया गया. यह अवार्ड सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए दिए जाते हैं, लेकिन जो अपनी जान को जोखिम में डालकर पौधे और जंगलों की रक्षा कर रहे हैं, उनके नाम सूची से गायब हैं. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन जल्द इस बारे में मुख्य्मंत्री, वन मंत्री समेत अन्य आला अधिकारियों से मिलेगा. यदि फिर भी अवार्ड को लेकर हुई बंदरबांट ठीक नहीं की गई तो 9 अगस्त से वर्किंग आवर्स के बाद कर्मचारी रिज मैदान पर अनशन पर बैठेंगे.

ये भी पढ़ें: वन महोत्सव पर दिए जाने वाले पुरस्कारों पर उठे सवाल, चहेतों के नाम सूची में शामिल करने का आरोप

शिमला: हिमाचल प्रदेश वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर उनका अपना मिनिस्ट्रियल स्टाफ मुखर हो गया है. मामला वन विभाग के राज्यस्तरीय अवार्ड वितरण से जुड़ा है, जो बीती 2 अगस्त को चंबा में (Van Mahotsav in Chamba) दिए गए. हिमाचल फारेस्ट डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन (Forest Department Ministerial Staff Association) ने आरोप लगाया है कि वन महोत्सव के दौरान विभाग ने अपने चहेतों को अवार्ड दिए है. जिन्होंने सच में काम किया है, उन्हें इस बारे में बताया तक नहीं गया.

एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने कहा कि कोरोना काल के चलते बीते दो साल के अवार्ड एक साथ दिए गए. इसमें उन लोगों को भी अवार्ड मिले जो इसके हकदार नहीं थे. उन्होंने आरोप लगाया कि अवार्ड को लेकर धांधली हुई है. स्टेट लेवल की इस अवार्ड सेरेमनी की जानकारी बकायदा प्रेस कान्फ्रेंस कर दी जानी चाहिए थी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया. एसोसिएशन ने जब विभाग से इस बाबत पूछा तो बताया गया कि यह अवार्ड पौधारोपण करने के लिए दिए गए हैं.

मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन ने लगाया चहेतों को अवार्ड देने का आरोप.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जंगलों को बचाने के लिए अपनी जान तक दे दी, जो घायल हुए उन्हें इस अवार्ड सुची में शामिल नहीं किया गया. यह अवार्ड सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए दिए जाते हैं, लेकिन जो अपनी जान को जोखिम में डालकर पौधे और जंगलों की रक्षा कर रहे हैं, उनके नाम सूची से गायब हैं. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन जल्द इस बारे में मुख्य्मंत्री, वन मंत्री समेत अन्य आला अधिकारियों से मिलेगा. यदि फिर भी अवार्ड को लेकर हुई बंदरबांट ठीक नहीं की गई तो 9 अगस्त से वर्किंग आवर्स के बाद कर्मचारी रिज मैदान पर अनशन पर बैठेंगे.

ये भी पढ़ें: वन महोत्सव पर दिए जाने वाले पुरस्कारों पर उठे सवाल, चहेतों के नाम सूची में शामिल करने का आरोप

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