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टाउन हॉल में सदन बनाने के लिए SC जाएगा MC शिमला, बैठक में हुआ फैसला

शिमला में नगर निगम द्वारा बचत भवन में मासिक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में फैसला लिया गया कि अगर ऐतिहासिक भवन टाउन हॉल में सदन और पार्षदों के बैठने के लिए कमरे बनाने की मंजूरी हाईकोर्ट नहीं देता है, तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जाएगा.

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Published : Jan 31, 2020, 8:17 PM IST

meeting organised by municipal corporation in shimla
बचत भवन में MC की बैठक

शिमला: ऐतिहासिक भवन टाउन हॉल में सदन और पार्षदों के बैठने के लिए कमरे बनाने को लेकर नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना लिया है. हाई कोर्ट ने टाउन हॉल में महापौर और उप महापौर के अलावा कोई और गतिविधि ना करने के निर्देश जारी किए हैं. जिससे नगर निगम के ई-विधान को लागू करने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

नगर निगम टाउन हॉल में ही ई-विधान के लिए अलग से सदन बनाने जा रहा था, लेकिन हाई कोर्ट ने नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. अब नगर निगम के पास सदन बनाने के लिए कही और जगह नहीं है. शुक्रवार को नगर निगम की मासिक बैठक में पार्षदों ने ये मामला उठाया और महापौर से सरकार के समक्ष इस मामले को प्रमुखता से उठाने की मांग की.

वीडियो

पार्षदों का कहना है कि टाउन हॉल नगर निगम की अपनी जमीन है और निगम ही यहां अपना सदन नहीं बना पा रहा है. जिससे नगर निगम को हर माह बचत भवन में मासिक बैठक करनी पड़ रही है. सदन में ये फैसला लिया गया कि हाईकोर्ट से अगर राहत नहीं मिलती है तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जाएगा.

पार्षद राकेश चौहान और इंद्रजीत सिंह ने बताया कि नगर निगम ई-विधान प्रणाली लागू करने जा रहा है और पार्षदों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिलवाया गया. उन्होंने बताया कि नगर निगम ने टाउन हॉल में बैठक आयोजित करने का दावा किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. ऐसे में पार्षदों ने निगम प्रशासन से इस मामले को सरकार के समक्ष उठाने की मांग की है.

नगर निगम महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि टाउन हॉल नगर निगम की जमीन है, लेकिन निगम यहां अपना सदन नहीं बना पा रहा है. उन्होंने कहा कि टाउन हॉल में निगम ई-विधान के लिए सदन बनाने जा रहा था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी और अब इसको लेकर नगर निगम सुप्रीम कोर्ट जाएगा.

ये भी पढ़ें: आत्महत्या के लिए उकसाने पर हेड कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज

शिमला: ऐतिहासिक भवन टाउन हॉल में सदन और पार्षदों के बैठने के लिए कमरे बनाने को लेकर नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना लिया है. हाई कोर्ट ने टाउन हॉल में महापौर और उप महापौर के अलावा कोई और गतिविधि ना करने के निर्देश जारी किए हैं. जिससे नगर निगम के ई-विधान को लागू करने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

नगर निगम टाउन हॉल में ही ई-विधान के लिए अलग से सदन बनाने जा रहा था, लेकिन हाई कोर्ट ने नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. अब नगर निगम के पास सदन बनाने के लिए कही और जगह नहीं है. शुक्रवार को नगर निगम की मासिक बैठक में पार्षदों ने ये मामला उठाया और महापौर से सरकार के समक्ष इस मामले को प्रमुखता से उठाने की मांग की.

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पार्षदों का कहना है कि टाउन हॉल नगर निगम की अपनी जमीन है और निगम ही यहां अपना सदन नहीं बना पा रहा है. जिससे नगर निगम को हर माह बचत भवन में मासिक बैठक करनी पड़ रही है. सदन में ये फैसला लिया गया कि हाईकोर्ट से अगर राहत नहीं मिलती है तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जाएगा.

पार्षद राकेश चौहान और इंद्रजीत सिंह ने बताया कि नगर निगम ई-विधान प्रणाली लागू करने जा रहा है और पार्षदों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिलवाया गया. उन्होंने बताया कि नगर निगम ने टाउन हॉल में बैठक आयोजित करने का दावा किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. ऐसे में पार्षदों ने निगम प्रशासन से इस मामले को सरकार के समक्ष उठाने की मांग की है.

नगर निगम महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि टाउन हॉल नगर निगम की जमीन है, लेकिन निगम यहां अपना सदन नहीं बना पा रहा है. उन्होंने कहा कि टाउन हॉल में निगम ई-विधान के लिए सदन बनाने जा रहा था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी और अब इसको लेकर नगर निगम सुप्रीम कोर्ट जाएगा.

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Intro: ऐतिहासिक भवन टाउनहाल में सदन ओर पार्षदो के बेठने के लिए रूम बनाने के लिए अब नगर निगम सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना लिया है। हाई कोर्ट ने टाउन हॉल में महापौर ओर उप महापौर के अलावा कोई और कोई गतिविधि न करने के निर्देश जारी किए है। जिसके बाद नगर निगम के ई विधान को लागू करने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। नगर निगम को ई विधान के लिए अलग से सदन बनाने जा रहा था और टाउनहाल में ही सदन बनना था लेकिन हाई कोर्ट ने नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अब नगर निगम के पास सदन बनाने के लिए कही और जगह नही है।


Body:शुक्रवार को नगर निगम की मासिक बैठक में पार्षदो ने ये मामला उठाया और महापौर से सरकार के समक्ष इस मामले को प्रमुखता से उठाने की मांग की। पार्षदो का कहना है कि टाउनहाल नगर की अपनी सम्पति है और निगम ही यहां अपना सदन नही बना पा रहा है। और नगर निगम को हर माह बचत भवन में मासिक बैठक करनी पड़ रही है।वही सदन में ये फैसला लिया गया कि हाई कोर्ट से यदि राहत नही मिलती है तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जाए। पार्षद राकेश चौहान और इंद्रजीत सिंह कहना है कि नगर निगम ई विधान प्रणाली लागू करने जा रहा है पार्षदों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिलवाया गया और नगर निगम ने टाउनहाल में बैठक आयोजित करने का दावा किया था लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। उन्होंने निगम प्रशासन से इस मामले को सरकार के समक्ष उठाने की मांग की।


Conclusion:वही नगर निगम की महापौर सत्या कोडैल ने कहा कि टाउनहॉल नगर निगम की संम्पति है लेकिन निगम ही यहां अपना सदन नही बना पा रहा है। टाउनहाल में निगम ई विधान के लिए सदन बनाने जा रहा था लेकिन कोर्ट ने इसकी अनुमति नही दी है और अब इसको लेकर नगर निगम सुप्रीम कोर्ट जाएगा।
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