शिमलाः कोरोना की दूसरी लहर ने देश के साथ-साथ छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी बेहद भयावह तरीके से दस्तक दी है. पूरे प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू के दौरान मिनी लॉकडाउन जैसे हालात हैं. बढ़ते कोरोना के मरीज और सरकार की पांबदी का सीधा असर होटल इंडस्ट्री पर पड़ा है. हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद होटल के मालिकों को एक बार फिर गंभीर आर्थिक नुकसान का अंदेशा होने लगा है. प्रदेश में ज्यादातर होटल में ताला लटका हुआ है और जो होटल खुले भी हैं वहां पर्यटकों की संख्या न के बराबर है.
देशभर में कोरोना महामारी का असर होटल इंडस्ट्री पर देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय होटल इंडस्ट्री को 1.30 लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की राज्य के आर्थिक विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में पहचान बनी है. पर्यटन को भविष्य में आर्थिक विकास के प्रमुख स्रोत के रूप में देखा जा रहा है और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 7 फीसदी है, जो बेहद महत्वपूर्ण है.
पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को ज्यादा नुकसान
हिमाचल प्रदेश विशाल पहाड़ियां, खूबसूरत घाटी और लोकप्रिय पहाड़ी इलाकों के लिए मशहूर है. हिमाचल में ज्यादातर युवा रॉक क्लाइंबिंग, माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, राफ्टिंग और स्केटिंग के जरिए अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं. लेकिन कोरोना महामारी के बीच तमाम रोजगार से जुड़े लोगों को भारी नुकसान हुआ है.
होटल कारोबारियों के सामने मुसीबत
हिमाचल प्रदेश में कोरोना की वजह से पर्यटन कारोबारियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. मनाली में 2000 होटल और गेस्ट हाउस है, जिनमें 90 फीसदी लीज पर दिए गए हैं. लीज पर होटल लेने वालों में पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोग शामिल हैं. कोरोना ने पर्यटन कारोबार से जुड़े इन कारोबारियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. कई कारोबारी होटल छोड़ चुके हैं. यही नहीं, कुछ लोगों ने पर्यटन कारोबार को छोड़ अलग धंधा भी शुरू कर दिया है, क्योंकि आने वाले समय में भी पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटता हुआ नजर नहीं आ रहा है.
लीज पर लिए होटल छोड़ रहे कारोबारी
राजधानी शिमला में 533 होटल रजिस्टर है. इनमें 40 फीसदी होटल लीज पर चल रहे हैं. कोरोना की वजह से होटल में ताला लटका दिए हैं. इक्का-दुक्का खुले होटल में भी ग्राहक देखने को नहीं मिल रहे हैं. कोरोना ने होटल से जुड़े कारोबारियों को बुरी तरह प्रभावित किया है. आने वाले समय में भी हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में कई होटल कारोबारी लीज पर लिए होटल को छोड़ रहे हैं.
सकंट की घड़ी में सरकार से नहीं मिल रही मदद
पर्यटन कारोबारियों को भारी नुकसान के बारे में टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि बताया कि कोरोना की वजह से पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पर्यटन कारोबार से जुड़े बड़े और छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उनका मानना है कि आने वाले समय में भी पर्यटन कारोबार पटरी पर नहीं आएगा. नवीन पॉल ने कहा कि सरकार की ओर से संकट के समय में उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है.
बैंक से नहीं मिल रहा लोन
पर्यटन कारोबार से जुड़े टैक्सी चालक, फोटोग्राफर, घोड़ा संचालक और गाइड जैसे सभी लोगों पर कोरोना का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. कई लोगों को मजबूर होकर पर्यटन कारोबार छोड़कर अन्य धंधों में जाना पड़ा है. नवीन पॉल ने कहा कि सरकार ने उन्हें लोन उपलब्ध करवाने की बात कही थी, लेकिन जब वह बैंक में लोन के लिए जाते हैं तो बैंक कर्मचारी इस तरह की किसी भी नोटिफिकेशन से इनकार करते हैं.
कोरोना ने पर्यटन कारोबार की तोड़ी कमर
शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद का कहना है कि पर्यटन कारोबार की बुरी तरह कमर टूट चुकी है. पर्यटन कारोबार से जुड़े छोटे बड़े व्यापारियों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. होटल मालिक अपने कर्मचारियों की तनख्वाह देने में भी सक्षम नहीं है. संजय सूद ने भी सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई राहत न देने की बात कही है.
कोरोना की वजह से घटी पर्यटकों की संख्या
साल 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण पर्यटकों की आमद में भारी गिरावट देखने को मिली है. 2019-20 में 1 करोड़ 72 लाख 12 हजार 107 पर्यटक हिमाचल आए, जिसमें 1 करोड़ 68 लाख 29 हजार 231 भारतीय और 3 लाख 82 हजार 870 विदेशी मूल के थे. साल 2020-21 में यह संख्या 32 लाख 13 हजार 379 ही रह गई. इनमें का 30 लाख 70 हजार 714 भारतीय और 42 हजार 665 विदेशी भी शामिल थे.