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कोविड-19: 'लीव नो वन हंगरी इन शिमला कैंपेन' शुरु, राशन के साथ महिलाओं को बांटे सेनेटरी नैपकिन

'लीव नो वन हंगरी इन शिमला कैंपेन' के तहत प्रवासी मजदूरों को राशन के साथ ही प्रवासी महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन भी मुहैया करवाए जा रहे हैं. ताकि शिमला में कर्फ्यू के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे.

leave no one hungry in shimla
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Published : Apr 5, 2020, 8:20 PM IST

शिमलाः कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाया गया है. इस दौरान मजदूरों को भारी कामकाज ठप होने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में शिमला में रह रहे प्रवासी मजदूरों को किसी तरह की दिक्कतें ना हो इसके लिए एक संस्था की ओर से 'लीव नो वन हंगरी इन शिमला कैंपेन' के तहत प्रवासी मजदूरों को राशन मुहैया करवा रही हैं.

संस्था की ओर से प्रवासी मजदूरों को राशन के साथ ही प्रवासी महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन भी मुहैया करवाए जा रहे हैं. यह पहली बार है कि किसी संस्था में कोरोना के संकट के समय में महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाई है और महिलाओं की मदद भी की है.

वीडियो.

संस्था की ओर से अभी तक शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में 219 से अधिक परिवारों को राशन मुहैया करवाया है. इसके साथ ही महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन भी बांटे गए हैं. संस्था की ओर से इस काम के लिए आम लोगों से फंड जुटाया जा रहा है.

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से जब सभी और संकट है तो ऐसे में कर्फ्यू और लॉक डाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कतें झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि सस्था की ओर से 'लीव नो वन हंगरी इन शिमला कैंपेन' की शुरुआत की गई है. जिसके लिए संस्था आम लोगों से फंड जुटा रही है.

ये भी पढ़ें- आग की भेंट चढ़ा चार कमरों का मकान, लाखों का नुकसान

शिमलाः कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाया गया है. इस दौरान मजदूरों को भारी कामकाज ठप होने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में शिमला में रह रहे प्रवासी मजदूरों को किसी तरह की दिक्कतें ना हो इसके लिए एक संस्था की ओर से 'लीव नो वन हंगरी इन शिमला कैंपेन' के तहत प्रवासी मजदूरों को राशन मुहैया करवा रही हैं.

संस्था की ओर से प्रवासी मजदूरों को राशन के साथ ही प्रवासी महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन भी मुहैया करवाए जा रहे हैं. यह पहली बार है कि किसी संस्था में कोरोना के संकट के समय में महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाई है और महिलाओं की मदद भी की है.

वीडियो.

संस्था की ओर से अभी तक शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में 219 से अधिक परिवारों को राशन मुहैया करवाया है. इसके साथ ही महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन भी बांटे गए हैं. संस्था की ओर से इस काम के लिए आम लोगों से फंड जुटाया जा रहा है.

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से जब सभी और संकट है तो ऐसे में कर्फ्यू और लॉक डाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कतें झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि सस्था की ओर से 'लीव नो वन हंगरी इन शिमला कैंपेन' की शुरुआत की गई है. जिसके लिए संस्था आम लोगों से फंड जुटा रही है.

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