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फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा देने की मांग, प्रदेश सरकार को याद दिलाया वादा - shimla latest news

राजधानी शिमला में फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा देने की मांग को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान किसान नेता कुलदीप तंवर ने कहा कि किसानों के पास सीमित जमीन है. सरकार ने वादा किया था मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन उतना नहीं दिया जा रहा जितना वादा किया था.

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Published : Aug 21, 2021, 3:28 PM IST

Updated : Aug 21, 2021, 4:44 PM IST

शिमला: फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा देने की मांग भूमि अधिग्रहण मंच ने की है. फोरलेन प्रभावितों के साथ मंच ने शनिवार को डीसी के माध्यम मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. जिसमें फोरलेन में किसानों की भूमि अधिग्रहण करने पर मार्केट रेट से चार गुना अधिक मुआवजा देने की मांग की गई.

शोघी ढली फोरलेन में करीब दस पंचायतों के 500 किसान परिवार प्रभावित हो रहे हैं, जिनकी जमीनें फोरलेन के लिए अधिकृत की जा रही है. किसान नेता कुलदीप तंवर ने बताया प्रदेश में दस लाख किसानों के पास सीमित जमीन है. सरकार द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए किसानों की जमीन अधिकृत की जा रही है. किसानों को सही मुआवजा मिले उसके लिए भूमि अधिग्रहण मंच का गठन किया गया है.

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इसके माध्यम से लैंड एकुजेशन एक्ट 2013 बनाया गया है और हिमाचल में भी 2015 में इसे लागू किया गया है. इसके तहत फोरलेन, रेलवे लाइन, बिजली के खंभे लगाने के लिए अधिकृत किया जा रहा, जिसके बदले बहुत कम मुआवजा किसानों को दिया जा रहा है. जबकि फैक्टर-2 के आधार पर सर्कल रेट के चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाना चाहिए. अभी केवल एक गुना ही मुआवजा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले चार गुना मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:सोलन: खाई में गिरी सवारियों से भरी HRTC की बस, 31 घायल

ये भी पढ़ें: कालका-शिमला हाईवे पर जरा ध्यान से, पहाड़ी से गिर रहे हैं पत्थर

शिमला: फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा देने की मांग भूमि अधिग्रहण मंच ने की है. फोरलेन प्रभावितों के साथ मंच ने शनिवार को डीसी के माध्यम मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. जिसमें फोरलेन में किसानों की भूमि अधिग्रहण करने पर मार्केट रेट से चार गुना अधिक मुआवजा देने की मांग की गई.

शोघी ढली फोरलेन में करीब दस पंचायतों के 500 किसान परिवार प्रभावित हो रहे हैं, जिनकी जमीनें फोरलेन के लिए अधिकृत की जा रही है. किसान नेता कुलदीप तंवर ने बताया प्रदेश में दस लाख किसानों के पास सीमित जमीन है. सरकार द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए किसानों की जमीन अधिकृत की जा रही है. किसानों को सही मुआवजा मिले उसके लिए भूमि अधिग्रहण मंच का गठन किया गया है.

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इसके माध्यम से लैंड एकुजेशन एक्ट 2013 बनाया गया है और हिमाचल में भी 2015 में इसे लागू किया गया है. इसके तहत फोरलेन, रेलवे लाइन, बिजली के खंभे लगाने के लिए अधिकृत किया जा रहा, जिसके बदले बहुत कम मुआवजा किसानों को दिया जा रहा है. जबकि फैक्टर-2 के आधार पर सर्कल रेट के चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाना चाहिए. अभी केवल एक गुना ही मुआवजा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले चार गुना मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.

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Last Updated : Aug 21, 2021, 4:44 PM IST
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