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IPH विभाग किन्नौर पहुंचा काशंग कंडा, पानी के सारे स्त्रोत टूटने से लोगों की बढ़ी मुश्किलें

पानी की समस्याओं को देखते हुए आईपीएच विभाग रिकांगपिओ ने सोमवार को छह फीट बर्फबारी के बीच 3900 मीटर उचाई वाले काशंग कंडा जाकर पानी के मुख्य स्रोत को ठीक करने की कोशिश की.

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IPH विभाग किन्नौर पहुंचा काशंग कंड़ा
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Published : Feb 3, 2020, 8:54 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में बीते कई महीनों से पीने के पानी की भारी समस्या बनी हुई है जिससे लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पानी की समस्याओं को देखते हुए आईपीएच विभाग रिकांगपिओ ने सोमवार को छह फीट बर्फबारी के बीच 3900 मीटर उचाई वाले काशंग कंडा जाकर पानी के मुख्य स्त्रोत को ठीक करने की कोशिश की.

बता दें कि जेसीबी मशीनों से भी बर्फ हटाना काफी मुश्किल हुआ है .वहीं, अधिक बर्फबारी व ग्लेशियरों के आने से पानी के मुख्य स्रोत टूट चुके हैं जिसे ठीक करने में विभाग को महीने लग सकते हैं. वहीं, काशंग नाला से रिकांगपिओ व आठ अन्य पंचायतों को इस स्त्रोत से पीने का पानी सप्लाई होता है, ऐसे में इस मुख्य स्रोत पर ग्लेशियरों के गिरने से सारी मुख्य पाइपलाइन टूट कर बिखर गयी है.

वीडियो.

इससे आईपीएच विभाग को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. वहीं, आईपीएच विभाग एक्सईएन ने बताया कि काशंग नामक पानी के मुख्य स्रोत को ठीक करने में विभाग को काफी समय लग सकता है. यहां पर करीब 8 फीट के आसपास बर्फ व ग्लेशियर गिरा है जिसमें सारी पाइपलाइन दब गयी है.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर में 'पाकिस्तानी' गुब्बारे से बंधा मिला एल्मुनियम का सिक्का, पुलिस ने शुरू की जांच

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में बीते कई महीनों से पीने के पानी की भारी समस्या बनी हुई है जिससे लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पानी की समस्याओं को देखते हुए आईपीएच विभाग रिकांगपिओ ने सोमवार को छह फीट बर्फबारी के बीच 3900 मीटर उचाई वाले काशंग कंडा जाकर पानी के मुख्य स्त्रोत को ठीक करने की कोशिश की.

बता दें कि जेसीबी मशीनों से भी बर्फ हटाना काफी मुश्किल हुआ है .वहीं, अधिक बर्फबारी व ग्लेशियरों के आने से पानी के मुख्य स्रोत टूट चुके हैं जिसे ठीक करने में विभाग को महीने लग सकते हैं. वहीं, काशंग नाला से रिकांगपिओ व आठ अन्य पंचायतों को इस स्त्रोत से पीने का पानी सप्लाई होता है, ऐसे में इस मुख्य स्रोत पर ग्लेशियरों के गिरने से सारी मुख्य पाइपलाइन टूट कर बिखर गयी है.

वीडियो.

इससे आईपीएच विभाग को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. वहीं, आईपीएच विभाग एक्सईएन ने बताया कि काशंग नामक पानी के मुख्य स्रोत को ठीक करने में विभाग को काफी समय लग सकता है. यहां पर करीब 8 फीट के आसपास बर्फ व ग्लेशियर गिरा है जिसमें सारी पाइपलाइन दब गयी है.

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Intro:किन्नौर न्यूज़।

आईपीएच विभाग किन्नौर पहुँचा काशङ्ग कंडा,पानी के सारे स्त्रोत टूटे हुए ग्लेशियरों के आने से मचा हुआ तरहसनहस।

किन्नौर-जनजातीय जिला किन्नौर में बीते कई महीनों से पीने के पानी की भारी समस्या बनी हुई है जिसके बाद जिला में लोगो को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में पानी की समस्याओ को देखते हुए आईपीएच विभाग रिकांगपिओ ने आज छह फिट बर्फभारी के बीच 3900 मीटर उचाई वाले काशङ्ग कंडा जाकर पानी के मुख्य स्त्रोत को ठीक करने की कोशिश की और ऐसे में जेसीबी मशीनों से भी बर्फ हटाना काफी मुश्किल हुआ है वही ऊंचाई पर निचले क्षेत्रो से अधिक बर्फभारी व ग्लेशियरों के आने से पानी के मुख्य स्त्रोत टूट चुके है जिसे ठीक करने में विभाग को महीने लग सकते है।

Body:वही काशङ्ग नाला से रिकांगपिओ व आठ अन्य पंचायतों को इस स्त्रोत से पीने का पानी सप्लाई होता है ऐसे में इस मुख्य स्त्रोत पर ग्लेशियरों के गिरने से सारी मुख्य पाइपलाइने टूट कर बिखर गयी है जिससे आईपीएच विभाग को भी करोड़ो का नुकसान हुआ है वही आईपीएच विभाग एक्सईन ने बताया की काशङ्ग नामक पानी के मुख्य स्त्रोत को ठीक करने में विभाग को काफी समय लग सकता है क्यों की काशङ्ग कंडा में 8 फिट के आसपास बर्फ व ग्लेशियर गिरा है जिसमे सारी पाइपलाइन दब गयी है।


Conclusion:बता दे कि काशङ्ग नामक मुख्य जलस्त्रोत से पानी की पाइपलाइने प्रभावित होने के बाद रिकांगपिओ व आसपास के पंचायतों के हज़ारो लोगो को पीने के पानी की भारी समस्याए बनी हुई है लेकिन विभाग ने नालजो नामक वैकल्पिक जल्स से फिलहाल पीने के पानी की व्यवस्था की है जो केवल के ही वक्त के लिए सप्लाई किया जाता है।

वीडियो---रिकांगपिओ आईपीएच विभाग के एक्सईन उदय बोद्ध व अन्य कर्मचारी मुख्य पानी के मुख्यस्त्रोत पर पाइपलाइनो को देखते हुए
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