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शिक्षा के क्षेत्र में 50 साल में कितना हुआ विकास...प्रदर्शनी में दिखाया गया अब तक का सफर - हिमाचल में प्राइमरी स्कूल

हिमाचल के राजत्व के 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इस 50 सालों के सफर की झलक शिमला के रिज मैदान पर आयोजित की गई प्रदर्शनी में देखने को मिल रही है. साल 1948 में जहां 386 ही प्राइमरी स्कूल थे उनका आंकड़ा अब 10716 पहुंच गया है. शिक्षा विभाग की ओर से रिज पर लगाई गई प्रदर्शन...शिक्षा के क्षेत्र में 50 सालों में हुए विकास से रूबरू हो रहे लोग

Journey of himachal education department
हिमाचल शिक्षा विभाग प्रदर्शनी
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Published : Jan 26, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Jan 26, 2021, 5:21 PM IST

शिमला: हिमाचल के राजत्व के 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं. हिमाचल ने इन 50 सालों में हर एक क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं और कई उपलब्धियां हासिल की है. ऐसा ही विकास शिक्षा के क्षेत्र में भी हुआ है, जिसमें 50 सालों में प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक में नए आयाम प्रदेश में स्थापित हुए हैं.

प्रदेश में 4835 माध्यमिक विद्यालय

साल 1948 में जहां 386 ही प्राइमरी स्कूल थे उनका आंकड़ा अब 10716 पहुंच गया है. इसी तरह से माध्यमिक विद्यालयों की संख्या का आंकड़ा 105 से 4835 पहुंच गया है. वहीं, शिक्षकों की बात की जाए तो 1948 में टीजीटी/सीएंडवी शिक्षकों का आंकड़ा 313 था जो अब 28109 पहुंच चुका है.

Journey  of himachal education department
शिमला में शिक्षा विभाग की प्रदर्शनी

शिक्षा विभाग का 50 सालों का सफर प्रदर्शन में दर्शाया

इसी तरह से उच्च शिक्षा के साथ ही विश्वविद्यालय, तकनीकी शिक्षा, पॉलटेक्निक कॉलेज, आईटीआई का विस्तार भी इन 50 सालों में हिमाचल में हुआ है. इस 50 सालों के सफर की झलक शिमला के रिज मैदान पर आयोजित की गई प्रदर्शनी में देखने को मिल रही है.

स्मार्ट क्लास के बारे में दी जानकारी

शिक्षा विभाग की ओर से प्रदर्शनी में समग्र शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा, विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. इसमें बताया गया है कि किस तरह से सामान्य क्लासरूम अब स्मार्ट क्लासरूम का रूप ले चुके हैं और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए किस तरह से बच्चे कोविड 19 के बीच भी घर बैठकर ही अपनी पढ़ाई को जारी रख रहे हैं.

छात्रों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी

शिक्षा विभाग ने अपनी प्रदर्शनी में बताया है कि किस तरह के प्रयास शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं और बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए विभाग किस तरह के प्रबंध कर रहा है. विभाग ने शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी प्रदर्शनी में दी है. इसमें बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें, निशुल्क वर्दी योजना, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, समावेशी शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षा, छात्रवृत्ति ओर निशुल्क बस यात्रा सुविधा, दोपहर का भोजन, ई संवाद ऐप और एटीएम के बारे में भी बताया है.

वीडियो रिपोर्ट

'हर घर पाठशाला' के बारे में प्रदर्शनी

हर घर पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से छात्र किस तरह से घर पर बैठकर मोबाइल के माध्यम से ही शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं. इसके बारे में भी प्रदर्शनी में मॉडल के माध्यम से जानकारी दी गई है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही पहले कुलपति नियुक्ति और छात्रों की संख्या के बारे में भी प्रदर्शनी में बताया गया है.

शिक्षा विभाग का 50 साल का सफर

वहीं, वर्तमान समय में विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में कितना विकास हुआ है, इसके बारे में जानकारी इस प्रदर्शनी में दी गई है. इसके साथ ही तकनीकी विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई मंडी के साथ ही डाइट केंद्रों के बारे में भी प्रदर्शनी में जानकारी मुहैया करवाई जा रही है. शिक्षा विभाग ने बताया है कि किस तरह से 50 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम प्रदेश में स्थापित किए गए हैं और यही वजह है कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल केरल के बाद दूसरे स्थान पर आता है.

ये भी पढ़ें: शिमला में राज्‍य स्‍तरीय गणतंत्र दिवस समारोह, आकर्षण का केंद्र रही सेना की मॉक ड्रिल

शिमला: हिमाचल के राजत्व के 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं. हिमाचल ने इन 50 सालों में हर एक क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं और कई उपलब्धियां हासिल की है. ऐसा ही विकास शिक्षा के क्षेत्र में भी हुआ है, जिसमें 50 सालों में प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक में नए आयाम प्रदेश में स्थापित हुए हैं.

प्रदेश में 4835 माध्यमिक विद्यालय

साल 1948 में जहां 386 ही प्राइमरी स्कूल थे उनका आंकड़ा अब 10716 पहुंच गया है. इसी तरह से माध्यमिक विद्यालयों की संख्या का आंकड़ा 105 से 4835 पहुंच गया है. वहीं, शिक्षकों की बात की जाए तो 1948 में टीजीटी/सीएंडवी शिक्षकों का आंकड़ा 313 था जो अब 28109 पहुंच चुका है.

Journey  of himachal education department
शिमला में शिक्षा विभाग की प्रदर्शनी

शिक्षा विभाग का 50 सालों का सफर प्रदर्शन में दर्शाया

इसी तरह से उच्च शिक्षा के साथ ही विश्वविद्यालय, तकनीकी शिक्षा, पॉलटेक्निक कॉलेज, आईटीआई का विस्तार भी इन 50 सालों में हिमाचल में हुआ है. इस 50 सालों के सफर की झलक शिमला के रिज मैदान पर आयोजित की गई प्रदर्शनी में देखने को मिल रही है.

स्मार्ट क्लास के बारे में दी जानकारी

शिक्षा विभाग की ओर से प्रदर्शनी में समग्र शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही उच्च शिक्षा, विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. इसमें बताया गया है कि किस तरह से सामान्य क्लासरूम अब स्मार्ट क्लासरूम का रूप ले चुके हैं और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए किस तरह से बच्चे कोविड 19 के बीच भी घर बैठकर ही अपनी पढ़ाई को जारी रख रहे हैं.

छात्रों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी

शिक्षा विभाग ने अपनी प्रदर्शनी में बताया है कि किस तरह के प्रयास शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं और बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए विभाग किस तरह के प्रबंध कर रहा है. विभाग ने शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी प्रदर्शनी में दी है. इसमें बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें, निशुल्क वर्दी योजना, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, समावेशी शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षा, छात्रवृत्ति ओर निशुल्क बस यात्रा सुविधा, दोपहर का भोजन, ई संवाद ऐप और एटीएम के बारे में भी बताया है.

वीडियो रिपोर्ट

'हर घर पाठशाला' के बारे में प्रदर्शनी

हर घर पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से छात्र किस तरह से घर पर बैठकर मोबाइल के माध्यम से ही शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं. इसके बारे में भी प्रदर्शनी में मॉडल के माध्यम से जानकारी दी गई है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही पहले कुलपति नियुक्ति और छात्रों की संख्या के बारे में भी प्रदर्शनी में बताया गया है.

शिक्षा विभाग का 50 साल का सफर

वहीं, वर्तमान समय में विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में कितना विकास हुआ है, इसके बारे में जानकारी इस प्रदर्शनी में दी गई है. इसके साथ ही तकनीकी विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आईटीआई मंडी के साथ ही डाइट केंद्रों के बारे में भी प्रदर्शनी में जानकारी मुहैया करवाई जा रही है. शिक्षा विभाग ने बताया है कि किस तरह से 50 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम प्रदेश में स्थापित किए गए हैं और यही वजह है कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल केरल के बाद दूसरे स्थान पर आता है.

ये भी पढ़ें: शिमला में राज्‍य स्‍तरीय गणतंत्र दिवस समारोह, आकर्षण का केंद्र रही सेना की मॉक ड्रिल

Last Updated : Jan 26, 2021, 5:21 PM IST
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