शिमलाः कोरोना वायरस परिवहन क्षेत्र पर कहर बनकर टूटा है. कोरोना काल में सैकड़ों टैक्सी मालिक व चालक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. इसी को लेकर ज्वाइंट टैक्सी यूनियन वेलफेयर कमेटी शिमला ने वीरवार को आरटीओ कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान टैक्सी यूनियन ने अपनी मांगों से जुड़ा से एक मांग पत्र परिवहन निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा.
साथ ही यूनियन ने प्रदर्शन के दौरान बिलासपुर टैक्सी चालक की हत्या मामले में इंसाफ और मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग उठाई. ज्वाइंट वेलफेयर कमेटी के प्रवक्ता सुखलाल भारद्वाज ने कहा कि कोरोना काल में टैक्सी कारोबार ठप हो गया है.
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स को दो साल के लिए माफ किया जाए. यूनियन प्रवक्ता ने कहा कि उत्तराखंड और यूपी राज्यों की तरह हिमाचल में भी टैक्स माफ कर टैक्सी चालकों को राहत दी जानी चाहिए.
साथ ही यूनियन का कहना है कि पूरे प्रदेश में प्राइवेट गाड़ियां धड़ल्ले से सवारियां ढोने का काम कर रही हैं. उन पर लगाम लगाई जाए ताकि उनका कारोबार भी चल सके. उन्होंने पैसेंजर टैक्स को सिंगल विंडो किए जाने की मांग उठाई.
यूनियन ने कहा कि ग्रीन टैक्स जो हर साल पासिंग पर लिया जाता है, उसे खत्म किया जाए. यूनियन ने टैक्सी स्टैंड्स में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग भी की है और उन्हें सम्बंधित पुलिस थाने से जोड़ा जाए ताकि प्रत्येक गतिविधि पर प्रशासन की नजर बनी रहे.
प्रदर्शन के दौरान टैक्सी गाड़ियों में लगने ब्याज को माफ करने और एक साल तक इंश्योरेंस को बढ़ाया जाने की भी मांग उठाई गई. यूनियन का कहना है कि टैक्सी मालिक कारोबार ठप होने से रोजी-रोटी पर आफत के साथ किस्त नहीं जमा होने से चिंता से जूझ रहें हैं. प्रदेश सरकार की तरफ से टैक्सी व्यवसाय को कोई पैकेज या सहायता नहीं दी गई है. कई टैक्सी चालक तो इस व्यवसाय को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
वहीं, उन्होंने धर्मशाला-शिमला नेशनल हाईवे पर बिलासपुर के कंदरौर के पास हुई टैक्सी चालक की हत्या के बाद प्रदेश के टैक्सी चालक सदमें में हैं. यूनियन ने मांग करते हुए कहा कि मृतक टैक्सी चालक के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए.
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