शिमला: केंद्र सरकार ने मुश्किल हालात से लड़ रहे सीमांत व छोटे किसानों के लिए किसान सम्मान निधि ( Kisan Samman Nidhi in Himachal) का संबल दिया है. इस योजना में किसानों को छह हजार रुपए सालाना की आर्थिक सहायता दी जाती है. हिमाचल में किसानों को इस योजना से बड़ा लाभ मिला है, लेकिन प्रदेश में हजारों ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने पात्रता न होने के बावजूद किसान सम्मान निधि का पैसा ले लिया. बाद में खुलासा होने पर ऐसे लोगों से रिकवरी शुरू की गई है.
हिमाचल प्रदेश में 21367 लोग (Ineligible people got Kisan Samman Nidhi) ऐसे थे, जिन्होंने योजना शुरू होने के बाद ये लाभ लिया. इन किसानों के खाते में 21.62 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जमा हुई. अब इनसे रिकवरी की जा रही है. अभी तक सरकार ने 9 करोड़ रुपए से अधिक वसूल कर लिए हैं. बाकी 12 करोड़ से अधिक की रकम की वसूली की प्रक्रिया जारी है. कुल दो तरह की श्रेणी वाले लोगों ने पात्रता न होने के बावजूद लाभ लिया.
एक तो वे थे, जो आयकर देते हैं, दूसरे योजना की शर्तों को पूरा न करने के कारण अपात्र थे. इनमें से आयकर देने वाले 12528 लोगों ने किसान सम्मान निधि का पैसा लिया है. उनसे वसूली हो रही है. इसी तरह 8839 अपात्र लोगों ने भी ये लाभ लिया. आयकर देने वाले 12528 लोगों से सरकार ने 7.26 करोड़ रुपए से अधिक की रकम वसूल कर ली है. इसी तरह 8839 अपात्र लोगों से भी अब तक यानी मार्च 2022 तक 1.77 करोड़ रुपए से अधिक वसूल किए जा चुके हैं.
यहां इस खबर में विस्तार से बताएंगे कि आखिर हुआ क्या था. छोटे किसानों को आर्थिक सहारा देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दिसंबर 2018 में किसान सम्मान निधि योजना का ऐलान किया गया था. इस योजना में उन किसानों को लाभ दिया जाता है, जिनके पास दो हेक्टेयर तक जमीन है. हिमाचल में अब तक 9 लाख, 26 हजार 963 किसानों को इस योजना से लाभ मिल रहा है. आरंभ में जब योजना लागू हुई तो लोगों ने पंचायतों के माध्यम से अपना नाम लिखाया. इसी बीच, कई अपात्र लोगों के नाम भी लिस्ट में आ गए.
हालांकि ये सब जानबूझकर नहीं किया गया. अनेक लोगों को पात्रता के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी. बाद में ये खुलासा हुआ कि कई ऐसे लोग भी सूची में शामिल हो गए, जो आयकरदाता हैं. उसके बाद योजना में शामिल नामों और उनकी आय के बारे में छानबीन की गई तो पता चला कि हजारों अपात्र लोग भी योजना का लाभ ले रहे हैं. मार्च 2020 में लागू योजना के अनुसार लाभ उन्हीं को मिलेगा, जिनके पास दो हेक्टेयर तक भूमि है. इसके अलावा छह श्रेणियों को इस योजना के लिए अपात्र माना गया है.
ये पेशेवर डॉक्टर, सरकारी सेवा वाले, विधायक, मंत्री आदि, दस हजार से अधिक मासिक पेंशन वाले, ऐसे-ऐसे छह श्रेणी के तहत आने वाले अपात्र माने गए हैं. इसके अलावा आयकर देने वाले लोगों को भी इसका लाभ नहीं दिया गया है. हिमाचल प्रदेश में योजना शुरू होने से लेकर अब तक (3 मार्च 2022 तक) 1733 करोड़ रुपए से अधिक की रकम किसानों को दी जा चुकी है. हर चार महीने में दो हजार रुपए की किस्त किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है. साल में छह हजार रुपए मिलते हैं. हिमाचल में नौ लाख से अधिक किसानों को योजना से सहारा मिल रहा है. आयकर देने वाले इस योजना का लाभ नहीं ले सकते, लेकिन हिमाचल प्रदेश में 12528 आयकर दाताओं ने लाभ ले लिया. किस जिला में कितने आयकर दाताओं के खाते में आए पैसे
अब तक 7 करोड़, 26 लाख, 88 हजार रुपए वसूल किए जा चुके हैं. इसी तरह 8839 अपात्र लोगों ने 9.12 करोड़ से अधिक का लाभ ले लिया. इनमें से 1 करोड़, 77 लाख, 44 हजार रुपए वसूल किए जा चुके हैं. राज्य सरकार के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर के अनुसार योजना लागू होने के बाद कई ऐसे लोगों के नाम भी लिस्ट में आ गए थे, जो आयकरदाता थे या फिर योजना के लिए पात्र नहीं थे. ऐसे 21 हजार से अधिक लोगों से रिकवरी की जा रही है.
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