शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम (Himachal Road Transport Corporation) में तैनात चालक और परिचालक यदि ऑन ड्यूटी दुर्घटना का शिकार होते हैं तो उनके परिजनों को तीन माह के भीतर करुणामूलक आधार पर नौकरी दी जाएगी. शिमला में एचआरटीसी की निदेशक (HRTC Board meeting in Shimla) मंडल की बैठक के बाद परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने मीडिया से बात करते (Minister Thakur press conference in Shimla) हुए कहा कि फैटल और नॉन फैटल मामलों में आश्रितों को तीन महीने के भीतर उचित नौकरी दी जाएगी.
बीओडी की बैठक में कई अन्य फैसले भी लिए गए. करुणामूलक नौकरी में कोई आय का मापदंड नहीं होगा. यह करुणामूलक नौकरी के संदर्भ में बड़ा घटनाक्रम है. इसके अलावा बीओडी की बैठक में लंबे अरसे से सेवाएं दे रहे पीस मील वर्करों को बड़ी राहत दी (Peace meal workers relief in Himachal) गई .बैठक में पीस मील वर्करों को अनुबंध पर लाने का फैसला लिया गया. ये वैकेंसी के हिसाब से अनुबंध पर लिए जाएंगे. अभी निगम में 663 पदों की वैकेंसी है, जबकि पात्र 755 हैं. पात्र वर्करों में जनवरी 2022 की पहली तारीख से 663 वर्कर अनुबंध पर आएंगे.
इसके बाद और पद भी खाली होंगे. 161 कर्मी 31 सितंबर तक अनुबंध में आएंगे. निगम कर्मी कहलाने के लिए पात्रता तय की गई ,जो कर्मी आईटीआई पास हैं, वे पांच साल के अनुभव के साथ ही पात्र माने जाएंगे. नॉन आईटीआई यानी जिनके पास आईटीआई का डिप्लोमा नहीं ,वे छह साल के अनुभव के आधार पर पात्र माने जाएंगे. पीस मील वर्करों को छह साल से लेकर दस साल का अनुभव हो गया ,इसलिए सभी पात्रता की शर्तों को पूरा करेंगे.
परिवहन मंत्री ने कहा कि वैकेंसी के हिसाब से पीस मील वर्कर अनुबंध पर आएंगे. सरकार ने इनके हितों की चिंता की है. मंत्री ने हड़ताली कर्मियों से आग्रह किया कि वे अब आंदोलन छोड़ कामकाज पर लौट जाए और फिर से नई ऊर्जा के साथ कार्य करें. उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन अपने कर्मचारियों के हितों की पूरी तरह से रक्षा कर रहा. हितों पर किसी प्रकार की आंच नहीं आने दी जाएगी. परिवहन मंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण परिवहन निगम को 840 करोड़ का घाटा हुआ, लेकिन सरकार ने 940 करोड़ की मदद भी की.
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