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प्रदेश में शिक्षा की बढ़ेगी गुणवत्ता, HRD ने मंजूर किया 859 करोड़ का बजट

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Published : May 12, 2020, 9:04 PM IST

Updated : May 12, 2020, 9:09 PM IST

समग्र शिक्षा के लिए केंद्र से 859 करोड़ का बजट मंजूर किया है और खास बात यह है कि हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जिसने कोविड-19 के इस संकट के बीच में भी सबसे पहले अपना बजट प्रपोजल तैयार किया, जिसके बाद देश का पहला राज्य हिमाचल ही बना जिसके साथ पैब की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एमएचआरडी ने की.

Ashish Kohli, समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक
Ashish Kohli, समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक

शिमला: प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से समग्र शिक्षा को करोड़ों का बजट मिला है. करोड़ों के बजट से जहां प्री प्राइमरी के कक्षाओं में बढ़ोत्तरी की जाएगी. वहीं, छात्रों को रोजगार परक शिक्षा देने में भी इस बजट से प्रदेश के शिक्षा विभाग को मदद मिलेगी.

समग्र शिक्षा के लिए केंद्र से 859 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है और खास बात यह है कि हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जिसने कोविड-19 के इस संकट के बीच में भी सबसे पहले अपना बजट प्रपोजल तैयार किया जिसके बाद देश का पहला राज्य हिमाचल ही बना जिसके साथ पैब की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एमएचआरडी ने की.

एमएचआरडी ने वर्ष 2020-21 के लिए जो बजट समग्र शिक्षा के लिए मंजूर किया है, उसमें खास यह है कि प्रदेश में प्री प्राइमरी कक्षाओं का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही ट्रेंड टीचर प्री प्राइमरी के छात्रों को मिल पाएंगे. अभी तक जेबीटी शिक्षकों से ही काम शिक्षा विभाग चला रहा था, वहीं अब इन बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेंड टीचर हायर किए जाएंगे और उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा.

वीडियो

प्रदेश में छात्रों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़कर उनके लिए रोजगार प्राप्त करने के अवसर दिलवाने के लिए 50 अन्य स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने की मंजूरी भी दी गई है. केंद्र से मिले बजट से शिक्षा में किस तरह से गुणवत्ता लाई जाएगी और क्या कुछ नया किया जाएगा. ईटीवी से बातचीत में समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सबसे अधिक स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा शुरू करने में हिमाचल का देश भर में दूसरा स्थान है.

वोकेशनल शिक्षा में बेहतर कार्य को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने 50 और स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने को लेकर मंजूरी दी है. इसके साथ ही इस बार बजट में प्रदेश के स्कूलों में ईको क्लब बनाने का भी प्रावधान किया गया है. इन ईको क्लब के जरिए बच्चों को अलग-अलग गतिविधियों में शामिल किया जाएगा. जिससे कि जो युवा नशे जैसी बुरी लत में फंसते जा रहे है, उन्हें उससे दूर किया जाएगा.

ईको क्लब के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण से संबंधित गतिविधियों में जोड़ा जाएगा और इसके लिए प्राइमरी स्कूलों को 5 हजार और माध्यमिक स्कूलों के लिए 15 हजार और उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के लिए 25 हजार का बजट मिलेगा. यह नई योजना है जो इस बार बजट में मंजूर की गई है. इसके साथ ही प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके इसके लिए 218 स्कूलों में आईसीटी लैब्स बनाने को लेकर भी मंजूरी बजट में दी गई है.

अभी तक जहां प्रदेश के 2300 स्कूलों में आईसीटी लैब और 200 अन्य स्कूलों में इन्हें बनाने का काम चल रहा है. वहीं, 218 लैब और स्कूलों में बनाई जाएगी. इसके साथ ही हिमाचल के हर स्कूल में लाइब्रेरी बनाने के लिए भी बजट जारी किया गया है. हर स्कूल को 5 हजार से 20 हजार रुपये तक की ग्रांट मिलेगी जिससे नई किताबें खरीदी जाएंगी और यह लाइब्रेरी स्कूल की छुट्टी के बाद भी खुली रखी जाएगी.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के मौके पर सिस्टर रंजना से ETV भारत की खास बातचीत

शिमला: प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से समग्र शिक्षा को करोड़ों का बजट मिला है. करोड़ों के बजट से जहां प्री प्राइमरी के कक्षाओं में बढ़ोत्तरी की जाएगी. वहीं, छात्रों को रोजगार परक शिक्षा देने में भी इस बजट से प्रदेश के शिक्षा विभाग को मदद मिलेगी.

समग्र शिक्षा के लिए केंद्र से 859 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है और खास बात यह है कि हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जिसने कोविड-19 के इस संकट के बीच में भी सबसे पहले अपना बजट प्रपोजल तैयार किया जिसके बाद देश का पहला राज्य हिमाचल ही बना जिसके साथ पैब की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एमएचआरडी ने की.

एमएचआरडी ने वर्ष 2020-21 के लिए जो बजट समग्र शिक्षा के लिए मंजूर किया है, उसमें खास यह है कि प्रदेश में प्री प्राइमरी कक्षाओं का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही ट्रेंड टीचर प्री प्राइमरी के छात्रों को मिल पाएंगे. अभी तक जेबीटी शिक्षकों से ही काम शिक्षा विभाग चला रहा था, वहीं अब इन बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेंड टीचर हायर किए जाएंगे और उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा.

वीडियो

प्रदेश में छात्रों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़कर उनके लिए रोजगार प्राप्त करने के अवसर दिलवाने के लिए 50 अन्य स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने की मंजूरी भी दी गई है. केंद्र से मिले बजट से शिक्षा में किस तरह से गुणवत्ता लाई जाएगी और क्या कुछ नया किया जाएगा. ईटीवी से बातचीत में समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सबसे अधिक स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा शुरू करने में हिमाचल का देश भर में दूसरा स्थान है.

वोकेशनल शिक्षा में बेहतर कार्य को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने 50 और स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने को लेकर मंजूरी दी है. इसके साथ ही इस बार बजट में प्रदेश के स्कूलों में ईको क्लब बनाने का भी प्रावधान किया गया है. इन ईको क्लब के जरिए बच्चों को अलग-अलग गतिविधियों में शामिल किया जाएगा. जिससे कि जो युवा नशे जैसी बुरी लत में फंसते जा रहे है, उन्हें उससे दूर किया जाएगा.

ईको क्लब के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण से संबंधित गतिविधियों में जोड़ा जाएगा और इसके लिए प्राइमरी स्कूलों को 5 हजार और माध्यमिक स्कूलों के लिए 15 हजार और उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के लिए 25 हजार का बजट मिलेगा. यह नई योजना है जो इस बार बजट में मंजूर की गई है. इसके साथ ही प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके इसके लिए 218 स्कूलों में आईसीटी लैब्स बनाने को लेकर भी मंजूरी बजट में दी गई है.

अभी तक जहां प्रदेश के 2300 स्कूलों में आईसीटी लैब और 200 अन्य स्कूलों में इन्हें बनाने का काम चल रहा है. वहीं, 218 लैब और स्कूलों में बनाई जाएगी. इसके साथ ही हिमाचल के हर स्कूल में लाइब्रेरी बनाने के लिए भी बजट जारी किया गया है. हर स्कूल को 5 हजार से 20 हजार रुपये तक की ग्रांट मिलेगी जिससे नई किताबें खरीदी जाएंगी और यह लाइब्रेरी स्कूल की छुट्टी के बाद भी खुली रखी जाएगी.

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Last Updated : May 12, 2020, 9:09 PM IST
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