शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानूसन सत्र के पहले ही दिन गहमागहमी देखने को मिली. सदन में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. मानसून सत्र की कार्यवाही के पहले दिन विपक्ष की ओर से शोकोद्गार के बाद नियम 278 के तहत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा मांगी. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया. इस बीच सदन को 15 मिनट तक स्थगित करना पड़ा. इसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बहुमत के लिए बोला जिसमें विपक्ष के 23 विधायकों ने हामी भरी जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार दोपहर सुबह 11 बजे से 3 बजे तक का समय तय किया है.
सदन से बाहर आने के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri on jairam goverment) ने कहा कि सरकार को अविश्वास प्रस्ताव आते ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है. आज हर वर्ग सरकार से परेशान है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन के बाहर हर वर्ग के कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार विकास के झूठे दावे कर रही है.विपक्ष कीओर से नियम 278 के (no confidence motion in himachal) तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया गया.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने (himachal vidhansabha monsoon session) कहा कि हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. आज प्रदेश भर में वन माफिया और भूमाफिया बुरी तरह दनदना रहा है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के संरक्षण में माफियाओं को बचाने का काम किया जा रहा है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का अधिकारियों पर भी कोई नियंत्रण नहीं है. सरकार को जल्दबाजी में पहले मुख्य सचिव हटाना पड़ा. अब सरकार के कई अधिकारी अलग-अलग विभागों में प्रतिनियुक्ति की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है. ऐसे में सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
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