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कई राज्यों में फैला है पेपर लीक गिरोह का जाल, SIT की 6 टीमों ने जुटाए सबूत, अब स्कैम की तह तक पहुंचेगी CBI

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Published : May 18, 2022, 8:23 PM IST

हिमाचल पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम ने बनारस से दो शातिरों को दबोचा है. उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पेपर लीक करने वाले गिरोह देश के (Himachal Police Paper Leak Case) कई राज्यों में अपना नेटवर्क चला रहे हैं और शातिराना तरीके से अलग-अलग राज्यों में भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कर पैसा ऐंठ रहे हैं.

Himachal Police Paper Leak Case
हिमाचल पुलिस पेपर लीक मामला

शिमला: हिमाचल में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले में (Himachal Police Paper Leak Case) नित नए खुलासे हो रहे हैं. शातिर गिरोह का जाल देश भर में फैला है. हिमाचल पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम ने बनारस से दो शातिरों को दबोचा है. उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पेपर लीक करने वाले गिरोह (paper leak gang) देश के कई राज्यों में अपना नेटवर्क चला रहे हैं और शातिराना तरीके से अलग-अलग राज्यों में भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कर पैसा ऐंठ रहे हैं. हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने जांच के बाद से अनेक सबूत जुटाए हैं.

अब राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का फैसला लिया है. हाईकोर्ट में भी इस केस में 26 मई को सुनवाई होनी है. इससे पहले कि उच्च न्यायालय सरकार को फटकार लगाते हुए सीबीआई जांच के आदेश जारी करता, सरकार ने खुद ही पहल कर दी है. हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बेहतरीन जांच के लिए एसआईटी की पीठ थपथपाई है लेकिन जनता निरंतर यह सवाल कर रही है कि जिस महकमे से पेपर लीक हुआ वही इसकी जांच निष्पक्ष रुप से कैसे कर सकता है. फिलहाल अबतक की जांच का स्टेटस समझना जरूरी है.

हिमाचल सरकार ने 8 मई को एसआईटी को (Himachal Police Paper Leak Case) जांच सौंपी एसआईटी ने छह अलग अलग टीमें बनाई. इनमें जांच टीम के अलावा दस्तावेज तैयार करने वाली टीम, छापामारी टीम, साइबर इन्वेस्टिगेशन टीम, पूछताछ टीम और वित्तीय लेनदेन के सबूत जुटाने वाली टीम शामिल है. एसआईटी ने कुल 73 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें 12 परीक्षार्थी, 2 पेरेंटस, 19 एजेंट शामिल हैं. जो एजेंट गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें 11 हिमाचल और 8 अन्य राज्यों के हैं.

इस दौरान एसआईटी ने (SIT investigation paper leak case) तकनीकी आधार पर 38 परीक्षार्थियों को भी गिरफ्तार किया. एसआईटी ने 15 मोबाइल फोन और एक लैपटॉप भी पकड़ा है. संदिग्ध परीक्षार्थियों के मूल सर्टिविकेट भी कब्जे में लिए गए हैं. चूंकि इस मामले के तार अन्य राज्यों से जुड़े हैं ऐसे में सीबीआई जांच का फैसला किया गया. हालांकि सरकार पर सीबीआई जांच को लेकर लगातार दवाब भी बन रहा था. हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद एसआईटी ने तेजी दिखाते हुए बिहार से अमन नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है.

इसके अलावा बनारस से 2 लोग पकड़े गए हैं. अब सीबीआई जांच शुरू होने तक एसआईटी अपना काम करती रहेगी. सीबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती धांधली के मास्टर मांइड तक पहुंचना होगी. विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले में जोरदार तरीके से सरकार को घेर रहा है. नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने तो मुख्यमंत्री तक इसके तार जुड़े होने की बात कही है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस के उपर कोई एक्शन ना लेने से यह संदेह मजबूत हो रहा है कि राज्य सरकार किसी नेता विशेष को बचाना चाह रही है. हालांकि यह भी एक तथ्य है कि हिमाचल में कांग्रेस पेपर लीक मामले को लेकर भाजपा को घेर रही है, वहीं राजस्थान में गहलोत सरकार के कार्यकाल में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं.

ऐसे में यह प्रतीत हो रहा है कि पेपर लीक करने वाले गिरोह (paper leak gang) कई राज्यों में सक्रिय हैं और उनका मकसद पैसा कमाना है. इनके तार प्रभावशाली लोगों से जुड़े होने की आशंका को दर किनार नहीं किया जा सकता. वहीं, हिमाचल में सीबीआई का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो देश की यह नामी जांच एजेंसी हिमाचल में एडवोकेट छबील दास मर्डर केस, हर्ष बालजीज मर्डर केस और भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान से चोरी हुए बेशकीमती घंटे के केस को क्रैक नहीं कर पाई है.इससे पहले गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच भी सीबीआई के हवाले थी इस मामले में दोषी को सजा का इंतजार है.

फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह मर्डर केस की जांच भी अभी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. फिर भी प्रदेश की जनता को सीबीआई जांच पर भरोसा है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि राज्य सरकार की मंशा बिलकुल साफ है. यहां किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. हिमाचल सरकार ने किसी भी शंका को दूर करने के लिए सीबीआई जांच का सिफारिश करने का फैसला लिया है. वहीं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि सरकार प्रभावशाली लोगों को बचाना चाह रही है. अब सभी की निगाहें 26 मई को हाईकोर्ट की सुनवाई और फिर सीबीआई के हाथों जांच पहुंचने पर लगी टिकी हुई है.

ये भी पढ़ें: पेपर लीक मामला: यूपी STF और हिमाचल पुलिस ने दो और लोगों को वाराणसी से दबोचा

शिमला: हिमाचल में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले में (Himachal Police Paper Leak Case) नित नए खुलासे हो रहे हैं. शातिर गिरोह का जाल देश भर में फैला है. हिमाचल पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम ने बनारस से दो शातिरों को दबोचा है. उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पेपर लीक करने वाले गिरोह (paper leak gang) देश के कई राज्यों में अपना नेटवर्क चला रहे हैं और शातिराना तरीके से अलग-अलग राज्यों में भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कर पैसा ऐंठ रहे हैं. हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने जांच के बाद से अनेक सबूत जुटाए हैं.

अब राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का फैसला लिया है. हाईकोर्ट में भी इस केस में 26 मई को सुनवाई होनी है. इससे पहले कि उच्च न्यायालय सरकार को फटकार लगाते हुए सीबीआई जांच के आदेश जारी करता, सरकार ने खुद ही पहल कर दी है. हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बेहतरीन जांच के लिए एसआईटी की पीठ थपथपाई है लेकिन जनता निरंतर यह सवाल कर रही है कि जिस महकमे से पेपर लीक हुआ वही इसकी जांच निष्पक्ष रुप से कैसे कर सकता है. फिलहाल अबतक की जांच का स्टेटस समझना जरूरी है.

हिमाचल सरकार ने 8 मई को एसआईटी को (Himachal Police Paper Leak Case) जांच सौंपी एसआईटी ने छह अलग अलग टीमें बनाई. इनमें जांच टीम के अलावा दस्तावेज तैयार करने वाली टीम, छापामारी टीम, साइबर इन्वेस्टिगेशन टीम, पूछताछ टीम और वित्तीय लेनदेन के सबूत जुटाने वाली टीम शामिल है. एसआईटी ने कुल 73 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें 12 परीक्षार्थी, 2 पेरेंटस, 19 एजेंट शामिल हैं. जो एजेंट गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें 11 हिमाचल और 8 अन्य राज्यों के हैं.

इस दौरान एसआईटी ने (SIT investigation paper leak case) तकनीकी आधार पर 38 परीक्षार्थियों को भी गिरफ्तार किया. एसआईटी ने 15 मोबाइल फोन और एक लैपटॉप भी पकड़ा है. संदिग्ध परीक्षार्थियों के मूल सर्टिविकेट भी कब्जे में लिए गए हैं. चूंकि इस मामले के तार अन्य राज्यों से जुड़े हैं ऐसे में सीबीआई जांच का फैसला किया गया. हालांकि सरकार पर सीबीआई जांच को लेकर लगातार दवाब भी बन रहा था. हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद एसआईटी ने तेजी दिखाते हुए बिहार से अमन नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है.

इसके अलावा बनारस से 2 लोग पकड़े गए हैं. अब सीबीआई जांच शुरू होने तक एसआईटी अपना काम करती रहेगी. सीबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती धांधली के मास्टर मांइड तक पहुंचना होगी. विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले में जोरदार तरीके से सरकार को घेर रहा है. नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने तो मुख्यमंत्री तक इसके तार जुड़े होने की बात कही है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस के उपर कोई एक्शन ना लेने से यह संदेह मजबूत हो रहा है कि राज्य सरकार किसी नेता विशेष को बचाना चाह रही है. हालांकि यह भी एक तथ्य है कि हिमाचल में कांग्रेस पेपर लीक मामले को लेकर भाजपा को घेर रही है, वहीं राजस्थान में गहलोत सरकार के कार्यकाल में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं.

ऐसे में यह प्रतीत हो रहा है कि पेपर लीक करने वाले गिरोह (paper leak gang) कई राज्यों में सक्रिय हैं और उनका मकसद पैसा कमाना है. इनके तार प्रभावशाली लोगों से जुड़े होने की आशंका को दर किनार नहीं किया जा सकता. वहीं, हिमाचल में सीबीआई का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो देश की यह नामी जांच एजेंसी हिमाचल में एडवोकेट छबील दास मर्डर केस, हर्ष बालजीज मर्डर केस और भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान से चोरी हुए बेशकीमती घंटे के केस को क्रैक नहीं कर पाई है.इससे पहले गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच भी सीबीआई के हवाले थी इस मामले में दोषी को सजा का इंतजार है.

फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह मर्डर केस की जांच भी अभी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. फिर भी प्रदेश की जनता को सीबीआई जांच पर भरोसा है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि राज्य सरकार की मंशा बिलकुल साफ है. यहां किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. हिमाचल सरकार ने किसी भी शंका को दूर करने के लिए सीबीआई जांच का सिफारिश करने का फैसला लिया है. वहीं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि सरकार प्रभावशाली लोगों को बचाना चाह रही है. अब सभी की निगाहें 26 मई को हाईकोर्ट की सुनवाई और फिर सीबीआई के हाथों जांच पहुंचने पर लगी टिकी हुई है.

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