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आठ साल की नौकरी में एसडीएम का नौंवी बार तबादला, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से जवाब तलब

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Published : Jun 27, 2022, 7:26 PM IST

शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल के एसडीएम सन्नी शर्मा की तबादला संबंधी अधिसूचना पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (High Court stayed the transfer of Rohru SDM Sunny Sharma) ने रोक लगाने के साथ ही सरकार से जवाब तलब भी किया है. एसडीएम सन्नी शर्मा ने रोहड़ू से मात्र एक माह की तैनाती के बाद उनका तबादला (HC stayed the transfer of Rohru SDM Sunny Sharma) किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

शिमला: जिला शिमला के रोहड़ू उपमंडल के एसडीएम सन्नी शर्मा (Rohru SDM Sunny Sharma) की तबादला संबंधी अधिसूचना पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने रोक लगा दी है. साथ ही अदलात ने सरकार से जवाब भी तलब किया है. यही नहीं, अदालत ने मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया है.

दरअसल, एसडीएम सन्नी शर्मा ने रोहड़ू से मात्र एक माह की तैनाती के बाद उनका तबादला (HC stayed the transfer of Rohru SDM Sunny Sharma) किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में एसडीएम ने आरोप लगाया है कि उनका तबादला भाजपा नेत्री शशिबाला के दबाव में आकर किया गया है. उन्होंने अपने तबादला आदेश को याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान (Justice Tarlok Singh Chauhan) की खंडपीठ ने की.

सुनवाई के बाद अदालत ने तैनाती के सिर्फ एक माह बाद ही एसडीएम रोहड़ू की स्थानांतरण अधिसूचना पर रोक लगा दी. यही नहीं, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित निजी तौर पर प्रतिवादी बनाए गए एसडीएम राजगढ़ को नोटिस जारी किए हैं. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने अभी रोहड़ू में कार्यभार संभाले हुए एक माह ही बिताया था कि उनके रोहड़ू से राजगढ़ के लिए ट्रांसफर आदेश पारित कर दिए गए.

प्रार्थी ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया है कि उनका तबादला हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक की चेयरपर्सन शशिबाला की सिफारिश पर किए गए हैं. याचिका में ये भी कहा गया है कि उनके आठ साल के कार्यकाल में अब तक नौ बार ट्रांसफर हो चुके हैं. एसडीएम सन्नी शर्मा ने याचिका में ये भी कहा कि अधिकांश तबादले राजनीतिक हस्तक्षेप से हुए हैं. इस पर खंडपीठ ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताई और हुए स्थानांतरण संबंधी अधिसूचना पर रोक लगा दी. यही नहीं, सरकार से इस पर जवाब भी मांगा है. अब मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल हाई कोर्ट की सख्ती, एलिमेंट्री एजुकेशन के निदेशक का रोका वेतन

शिमला: जिला शिमला के रोहड़ू उपमंडल के एसडीएम सन्नी शर्मा (Rohru SDM Sunny Sharma) की तबादला संबंधी अधिसूचना पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने रोक लगा दी है. साथ ही अदलात ने सरकार से जवाब भी तलब किया है. यही नहीं, अदालत ने मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया है.

दरअसल, एसडीएम सन्नी शर्मा ने रोहड़ू से मात्र एक माह की तैनाती के बाद उनका तबादला (HC stayed the transfer of Rohru SDM Sunny Sharma) किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में एसडीएम ने आरोप लगाया है कि उनका तबादला भाजपा नेत्री शशिबाला के दबाव में आकर किया गया है. उन्होंने अपने तबादला आदेश को याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान (Justice Tarlok Singh Chauhan) की खंडपीठ ने की.

सुनवाई के बाद अदालत ने तैनाती के सिर्फ एक माह बाद ही एसडीएम रोहड़ू की स्थानांतरण अधिसूचना पर रोक लगा दी. यही नहीं, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित निजी तौर पर प्रतिवादी बनाए गए एसडीएम राजगढ़ को नोटिस जारी किए हैं. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने अभी रोहड़ू में कार्यभार संभाले हुए एक माह ही बिताया था कि उनके रोहड़ू से राजगढ़ के लिए ट्रांसफर आदेश पारित कर दिए गए.

प्रार्थी ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया है कि उनका तबादला हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक की चेयरपर्सन शशिबाला की सिफारिश पर किए गए हैं. याचिका में ये भी कहा गया है कि उनके आठ साल के कार्यकाल में अब तक नौ बार ट्रांसफर हो चुके हैं. एसडीएम सन्नी शर्मा ने याचिका में ये भी कहा कि अधिकांश तबादले राजनीतिक हस्तक्षेप से हुए हैं. इस पर खंडपीठ ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताई और हुए स्थानांतरण संबंधी अधिसूचना पर रोक लगा दी. यही नहीं, सरकार से इस पर जवाब भी मांगा है. अब मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

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