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Himachal High Court: चरस के साथ पकड़े व्यक्ति को स्पेशल जज ने सुनाई थी 10 साल की सजा, हाईकोर्ट ने किया दोषमुक्त

हिमाचल हाई कोर्ट ने (Himachal High Court) कथित तौर पर 4 किलो 9 सौ ग्राम चरस के साथ पकड़े नेपाली मूल के नंदा बहादुर को दोष से मुक्त करते हुए उसे सुनाई दस साल कठोर कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा को खारिज कर दिया. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal High Court
हिमाचल हाई कोर्ट
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Published : Jul 29, 2022, 10:38 PM IST

शिमला: हिमाचल हाई कोर्ट ने (Himachal High Court) कथित तौर पर 4 किलो 9 सौ ग्राम चरस के साथ पकड़े नेपाली मूल के नंदा बहादुर को दोष से मुक्त करते हुए उसे सुनाई दस साल कठोर कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा को खारिज (Nanda Bahadur acquitted) कर दिया. न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने विशेष न्यायाधीश शिमला के 30 दिसम्बर 2017 के फैसले को पलटते हुए आरोपी को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए.

मामले के अनुसार 15 फरवरी 2016 को आधी रात टूटीकंडी बस अड्डे पर करीब साढ़े 12 बजे पुलिस कर्मी गश्त व ट्रेफिक ड्यूटी पर थे. उन्होंने आरोपी व उसकी पत्नी को को संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए रोका. तलाशी लेने पर आरोपी नंदा बहादुर के बैग में 4 किलो 9 सौ ग्राम चरस पाई गई और पुलिस ने दोनों पति पत्नी को आरोपी बनाया. 13 गवाहों को कोर्ट में पेश करने के बाद अभियोजन पक्ष निचली अदालत में आरोपी पति को दोषी ठहराने में कामयाब हो गया. जबकि उसकी पत्नी को विशेष अदालत ने निर्दोष ठहराया.

आरोपी ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में अपील के माध्यम से चुनौती दी थी. जिसे स्वीकारते हुए हाईकोर्ट ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त ठहराते हुए कहा कि मादक पदार्थ अधिनियम के तहत कठोर सजा का प्रावधान है. नतीजतन अभियोजन पक्ष पर स्पष्ट व सीधे साक्ष्य जुटा कर आरोप सिद्ध करने का दायित्व बहुत बढ़ जाता है. कोर्ट ने जांच में खामियां पाते हुए आरोपी को दोषमुक्त ठहराया और उसे तुरंत रिहा करने के आदेश दिए.

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट का आदेश, PET की बैचवाइज आधार पर नियुक्ति के आरएंड पी नियमों में छूट पर विचार करे सरकार

शिमला: हिमाचल हाई कोर्ट ने (Himachal High Court) कथित तौर पर 4 किलो 9 सौ ग्राम चरस के साथ पकड़े नेपाली मूल के नंदा बहादुर को दोष से मुक्त करते हुए उसे सुनाई दस साल कठोर कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा को खारिज (Nanda Bahadur acquitted) कर दिया. न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने विशेष न्यायाधीश शिमला के 30 दिसम्बर 2017 के फैसले को पलटते हुए आरोपी को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए.

मामले के अनुसार 15 फरवरी 2016 को आधी रात टूटीकंडी बस अड्डे पर करीब साढ़े 12 बजे पुलिस कर्मी गश्त व ट्रेफिक ड्यूटी पर थे. उन्होंने आरोपी व उसकी पत्नी को को संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए रोका. तलाशी लेने पर आरोपी नंदा बहादुर के बैग में 4 किलो 9 सौ ग्राम चरस पाई गई और पुलिस ने दोनों पति पत्नी को आरोपी बनाया. 13 गवाहों को कोर्ट में पेश करने के बाद अभियोजन पक्ष निचली अदालत में आरोपी पति को दोषी ठहराने में कामयाब हो गया. जबकि उसकी पत्नी को विशेष अदालत ने निर्दोष ठहराया.

आरोपी ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में अपील के माध्यम से चुनौती दी थी. जिसे स्वीकारते हुए हाईकोर्ट ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त ठहराते हुए कहा कि मादक पदार्थ अधिनियम के तहत कठोर सजा का प्रावधान है. नतीजतन अभियोजन पक्ष पर स्पष्ट व सीधे साक्ष्य जुटा कर आरोप सिद्ध करने का दायित्व बहुत बढ़ जाता है. कोर्ट ने जांच में खामियां पाते हुए आरोपी को दोषमुक्त ठहराया और उसे तुरंत रिहा करने के आदेश दिए.

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