शिमला: हिमाचल सरकार के लोक निर्माण विभाग के मुखिया और सीनियर आईएएस भरत खेड़ा (Senior IAS Bharat Khera) को कल यानी मंगलवार को हाईकोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा. वेतन विसंगतियों से जुड़े मामले में सोमवार को भरत खेड़ा को अदालत में पेश होना था, लेकिन वे गैर हाजिर रहे. इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने कड़ी टिप्पणी की है. न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने कहा कि भरत खेड़ा कोई साधारण ग्रामीण अथवा आम आदमी नहीं हैं. वे एक आईएएस अफसर हैं और उन्हें अदालत के आदेश की इंपोर्टेंस मालूम है.
भरत खेड़ा के पेश न होने पर हाईकोर्ट ने उन्हें मंगलवार को हर हाल में हाजिर होने के लिए कहा है. न्यायालय के आदेश की अवहेलना पर अब भरत खेड़ा को निजी तौर पर हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर के समक्ष पेश होना पड़ेगा. न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने अपने यह स्पष्ट किया कि न्यायालय के आदेश के बावजूद भरत खेड़ा हाईकोर्ट के समक्ष हाजिर रहने में विफल हो रहे हैं. न्यायालय ने आदेशों की अनुपालना के लिए मामला सोमवार के लिए रखा था. इस दौरान आईएएस भरत खेड़ा को छोडक़र सभी प्रतिवादी समक्ष हाजिर थे.
इस पर अदालत (Himachal High Court) ने नाराजगी जताई और कहा कि भरत खेड़ा कोई आम आदमी या ग्रामीण नहीं बल्कि राज्य के एक जिम्मेदार सीनियर आईएएस अधिकारी हैं और वे न्यायालय के आदेशों की भावना से भली भांति परिचित हैं. हाईकोर्ट का आदेश होने पर भी उन्होंने अपने आधिकारिक काम की व्यवस्था नहीं की. केस की सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि भरत खेड़ा 16 सितंबर को किन्नौर क्षेत्र का दौरा करने के लिए शिमला से चले गए थे और वह सोमवार के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.
उल्लेखनीय है कि वेतन विसंगति के एक मामले में हाईकोर्ट ने अपने 26 अगस्त को एक आदेश पारित किया था. हाईकोर्ट ने मामले में उचित कदम उठाने और सीनियर आईएएस भरत खेड़ा सहित अन्य प्रतिवादियों को सोमवार 19 सितंबर के लिए हाजिर होने के आदेश दिए थे. सभी प्रतिवादी कोर्ट में मौजूद थे, लेकिन खेड़ा नहीं आए थे. अपर महाधिवक्ता का निवेदन था कि सोमवार को ही एडवोकेट जनरल ऑफिस में भरत खेड़ा को सोमवार के लिए अदालत में उपस्थिति में छूट की मांग का आवेदन हासिल हुआ है. उक्त आवेदन अभी अंतिम रूप देकर दायर किया जाना है. इस पर न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने मंगलवार को केस लगाया और सख्त निर्देश दिए कि भरत खेड़ा हर हाल में अदालत के समक्ष पेश हों.
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