शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Shekhawat) और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जल जीवन मिशन के तहत धर्मपुर विधानसभा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चोलथरा में कल होने वाले कार्यक्रम को सशर्त आयोजित करने की इजाजत (Gajendra Shekhawat program in Dharampur) दे दी है. कोर्ट के आदेशानुसार स्कूल परिसर के मैदान में कोई राजनैतिक भाषण नहीं होगा. कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए स्कूल परिसर को कार्यक्रम के पश्चात ज्यों का त्यों प्रधानाचार्य को सौंपना होगा.
मुख्य न्यायाधीश ए.ए सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार के आवेदन को स्वीकारते हुए यह आदेश दिए. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उक्त सभा स्थल में केवल जल जीवन मिशन के लाभार्थियों से वार्तालाप ही किया जाएगा. मामले के अनुसार केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर धर्मपुर विस के दौरे पर रहेंगे और इनके साथ प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी होंगे. कार्यक्रम के अनुसार केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और मुख्यमंत्री धर्मपुर क्षेत्र में करोड़ों रुपए की विकास योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे.
वह प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष (75 Years Of Formation Of Himachal Pradesh) के कार्यक्रमों की शृंखला में सिद्धपुर में आयोजित होने वाले समारोह में भी शामिल होंगे. इसके अलावा चोलथरा में होने वाले एक कार्यक्रम में भी सम्मिलित होंगे. इस जल जीवन मिशन के तहत केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 148 करोड़ रुपए की कमलाह-मंडप पेयजल योजना, 115 करोड़ रुपए लागत की संधोल-बरच्छवाड़ पेयजल योजना और 109 करोड़ की टौरखोला पेयजल योजना को समर्पित करेंगे.
इसके अलावा 100 करोड़ रुपए की कांढापत्तन से बरोटी-मंडप-जोढन उठाऊ सिंचाई योजना का लोकार्पण और 100 करोड़ की उठाऊ सिंचाई योजना टिहरा और 100 करोड़ की उठाऊ सिंचाई योजना बसंतपुर का शिलान्यास भी किया जाएगा. इस कार्यक्रम (HP High court on Gajendra Shekhawat program) को देखते हुए राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि यह कार्यक्रम सरकारी कार्यक्रम है. उल्लेखनीय है कि प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में गैर संस्थागत कार्यक्रमों के आयोजनों पर रोक लगा रखी है.
इन संस्थानों में शांतिमय शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलाधीशों, पुलिस अधीक्षकों, उपमंडल दण्डाधिकारियो व प्रधानाचार्यों को यह आदेश दिए गए हैं कि वह यह सुनिश्चित करें कि शैक्षणीक स्थानों में अनुशासन बनाये रखने के लिए उचित कदम उठाए व आदेशों की अवेहलना करने वालो के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाए. कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हुए हैं कि प्रदेश के सभी छोटे बड़े शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थी संगठनों द्वारा किसी भी तरह के गैर संस्थागत कार्यक्रमों का आयोजन न किया जाए.ट
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