शिमलाः विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि हमारे अस्तित्व के लिए भी महत्वपूर्ण है.
राज्यपाल ने कहा कि बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए सभी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसलिए हमें पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए. बंडारू दत्तात्रेय ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन्य जीवन पर्यटन पर ध्यान देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के बारे में जानने में लोगों की रूचि है इसलिए हमें दूरदराज के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए. इससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.
उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमें अपने पर्यावरण की रक्षा और पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करने का सबक दिया है. इस दौरान वन विभाग के पीसीसीएफ डॉ. अजय कुमार ने राज्यपाल को हिमाचल में जंगलों की रक्षा के लिए विभाग की ओर से किए जा रहे प्रयासों और प्रदूषण नियंत्रण के योगदान के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि विभाग का मुख्य ध्यान इको सिस्टम को समृद्ध करने के अलावा राज्य के हरित आवरण को बढ़ाने पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि कुल वन क्षेत्र 37,948 वर्ग किलोमीटर है जो 66 प्रतिशत है और वन क्षेत्र 15,433 वर्ग किलोमीटर है.
पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशक डीसी राणा ने पर्यावरण संरक्षण पर प्रस्तुति दी और चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विभाग ने स्मार्ट गांव विकसित करने की पहल की है, जो कार्बन तटस्थ और प्रदेश में हरित प्रौद्योगिकी को भी बढ़ावा देते हैं.
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