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हिमाचल सरकार का फैसला: IAS अफसरों के प्रमोशन चैनल को लेकर बड़ा बदलाव, एसीएस के तीन पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट

हिमाचल में आईएएस अफसरों के प्रमोशन (IAS officers in Himachal) चैनल को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है. हिमाचल की जयराम सरकार ने एसीएस के तीन पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट (posts of ACS converted into principal advisor) कर दिए हैं. अब प्रदेश में एसीएस के लिए कोई पदोन्नति (प्रमोशन) नहीं होगी.

Himachal government converted three posts of ACS
हिमाचल में एसीएस के तीन पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट
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Published : Aug 1, 2022, 6:59 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार ने एसीएस के तीन पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट (Himachal government converted three posts of ACS) कर दिए हैं. अब जब तक नए पद सृजित नहीं होते या प्रिंसिपल एडवाइजर रिटायर नहीं होते, तब तक कोई अन्य प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी एसीएस के रैंक तक नहीं आ पाएगा. इसके अलावा वर्तमान में कोई भी अधिकारी इस पद के लिए पात्रता नहीं रखता. प्रबोध सक्सेना के बाद केके पंत इस पद के लिए पात्र हो सकते हैं, लेकिन वह भारत सरकार पर डेपुटेशन पर हैं. इसलिए उन्हें प्रोफार्मा प्रमोशन की जरूरत नहीं है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव बनने के लिए आईएएस में ही 30 साल की सर्विस चाहिए होती है. राज्य में जब अतिरिक्त मुख्य सचिव के तीन अतिरिक्त पद क्रिएट किए गए थे, तब भी काफी विवाद हुआ था, लेकिन अब मुख्य सचिव के पद पर हुए बदलाव के कारण यह प्रमोशन पोस्ट भी फिलहाल खत्म (Big decision of Himachal Government) हो गई हैं.

दरअसल एसीएस रैंक के अधिकारी को मुख्य सचिव के बराबर ही वेतन मिलता है. यह अपेक्स स्केल है, इसीलिए अफसरशाही में इस पद तक पहुंचने की एक रेस रहती है. यदि कानूनी रूप से भी देखें, तो अतिरिक्त मुख्य सचिव बनने के लिए विजिलेंस क्लीयरेंस से लेकर सारी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है, जबकि मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति के लिए इसकी जरूरत नहीं होती.

प्रदेश में आईएएस अफसरों के प्रमोशन चैनल को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है. राज्य में अब अतिरिक्त मुख्य सचिव यानी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पद के लिए कोई प्रमोशन नहीं होगी. इसका कारण यह है कि राज्य सरकार ने एसीएस के 3 पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट कर दिए हैं. गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई है. गौरतलब है कि हाल ही में मुख्य सचिव पद पर हुए बदलाव के कारण तीन सीनियर आईएएस अफसरों को प्रिंसिपल एडवाइजर लगाना पड़ा था.

आरडी धीमान नए मुख्य सचिव बने, तो पूर्व मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, निशा सिंह और संजय गुप्ता को प्रधान सलाहकार बनाना पड़ा, जबकि काम कुछ नहीं है. क्योंकि राज्य में प्रधान सलाहकार अलग से कोई क्रिएटिव पोस्ट नहीं है, इसलिए अतिरिक्त मुख्य सचिव के तीन पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट किए गए हैं. इस कारण राज्य में अतिरिक्त मुख्य सचिव का सिर्फ एक ही पद रह गया है, क्योंकि तीन एक्स कैडर पोस्ट प्रिंसिपल एडवाइजर में बदल दी गई हैं. वर्तमान में चीफ सेक्रेटरी आरडी धीमान (Chief Secretary RD Dhiman) के बाद एकमात्र अतिरिक्त मुख्य सचिव अब प्रबोध सक्सेना हैं.

ये भी पढ़ें: GST Collection in Himachal: पिछले वर्ष की तुलना में इस बार जीएसटी जीएसटी कलेक्शन में 44 फीसदी की बढ़ोतरी

शिमला: हिमाचल सरकार ने एसीएस के तीन पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट (Himachal government converted three posts of ACS) कर दिए हैं. अब जब तक नए पद सृजित नहीं होते या प्रिंसिपल एडवाइजर रिटायर नहीं होते, तब तक कोई अन्य प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी एसीएस के रैंक तक नहीं आ पाएगा. इसके अलावा वर्तमान में कोई भी अधिकारी इस पद के लिए पात्रता नहीं रखता. प्रबोध सक्सेना के बाद केके पंत इस पद के लिए पात्र हो सकते हैं, लेकिन वह भारत सरकार पर डेपुटेशन पर हैं. इसलिए उन्हें प्रोफार्मा प्रमोशन की जरूरत नहीं है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव बनने के लिए आईएएस में ही 30 साल की सर्विस चाहिए होती है. राज्य में जब अतिरिक्त मुख्य सचिव के तीन अतिरिक्त पद क्रिएट किए गए थे, तब भी काफी विवाद हुआ था, लेकिन अब मुख्य सचिव के पद पर हुए बदलाव के कारण यह प्रमोशन पोस्ट भी फिलहाल खत्म (Big decision of Himachal Government) हो गई हैं.

दरअसल एसीएस रैंक के अधिकारी को मुख्य सचिव के बराबर ही वेतन मिलता है. यह अपेक्स स्केल है, इसीलिए अफसरशाही में इस पद तक पहुंचने की एक रेस रहती है. यदि कानूनी रूप से भी देखें, तो अतिरिक्त मुख्य सचिव बनने के लिए विजिलेंस क्लीयरेंस से लेकर सारी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है, जबकि मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति के लिए इसकी जरूरत नहीं होती.

प्रदेश में आईएएस अफसरों के प्रमोशन चैनल को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है. राज्य में अब अतिरिक्त मुख्य सचिव यानी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पद के लिए कोई प्रमोशन नहीं होगी. इसका कारण यह है कि राज्य सरकार ने एसीएस के 3 पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट कर दिए हैं. गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई है. गौरतलब है कि हाल ही में मुख्य सचिव पद पर हुए बदलाव के कारण तीन सीनियर आईएएस अफसरों को प्रिंसिपल एडवाइजर लगाना पड़ा था.

आरडी धीमान नए मुख्य सचिव बने, तो पूर्व मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, निशा सिंह और संजय गुप्ता को प्रधान सलाहकार बनाना पड़ा, जबकि काम कुछ नहीं है. क्योंकि राज्य में प्रधान सलाहकार अलग से कोई क्रिएटिव पोस्ट नहीं है, इसलिए अतिरिक्त मुख्य सचिव के तीन पद प्रिंसिपल एडवाइजर में कन्वर्ट किए गए हैं. इस कारण राज्य में अतिरिक्त मुख्य सचिव का सिर्फ एक ही पद रह गया है, क्योंकि तीन एक्स कैडर पोस्ट प्रिंसिपल एडवाइजर में बदल दी गई हैं. वर्तमान में चीफ सेक्रेटरी आरडी धीमान (Chief Secretary RD Dhiman) के बाद एकमात्र अतिरिक्त मुख्य सचिव अब प्रबोध सक्सेना हैं.

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