शिमला: भाजपा नेता खुशीराम बालनाहटा द्वारा कांग्रेस नेतृत्व को लेकर उठाए सवाल पर कांग्रेस ने पलटवार (Naresh Chauhan counterattack on khushiram balnatah) किया है और भाजपा को अपनी पार्टी में झांकने की नसीहत दी है. कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा अपनी पार्टी के अंदर झांके, उसके बाद कांग्रेस के बारे में कोई टिप्पणी करे. भाजपा के नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं और कई नेता संपर्क में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र है और कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने नेता के पास अपनी बात रख सकते हैं.
कांग्रेस पार्टी के अंदर लोकतंत्र: राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष नेता अपनी बात रख रहे हैं और उनका समाधान भी किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी के अंदर लोकतंत्र है, लेकिन भाजपा बताए की उनकी पार्टी के अंदर बोलने की कितनी आजादी है. वहां लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है. उन्होंने प्रश्न किया कि क्या भाजपा के कार्यकर्ता या नेता पीएम मोदी या अमित शाह से सवाल कर सकता है. नरेश चौहान ने कहा कि नितिन गडकरी भाजपा में साफ छवि के नेता हैं, भाजपा बताए संसदीय बोर्ड से उन्हें क्यों हटाया गया. वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिव राज चौहान को भी हटा दिया गया.
भाजपा में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं: इसके अलावा लाल कृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं को पिछले दस साल से हाशिए पर रखा गया है. ये कैसा भाजपा का मॉडल है. भाजपा में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है, कोई नेता सवाल नहीं पूछ सकता और न सुझाव दे सकता है. देश और भाजपा को दो ही लोग मोदी और शाह चला रहे हैं. ऐसे में भाजपा नेताओं को ऐसी बातें शोभा नहीं देती है. नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में एकजुट है और एकजुटता से चुनाव में उतर रही है. प्रदेश में भाजपा सरकार से जनता दुखी है और अब जनता उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी.
क्या बोले थे खुशीराम बालनाहटा: बता दें कि भाजपा नेता खुशीराम बालनाहटा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था. खुशीराम बालनाहटा ने कहा था कि कांग्रेस में इतनी तेजी से टूटफूट हो रही है कि इसको देखते हुए लगता है मानों सोनिया गांधी कांग्रेस के विघटन की अध्यक्षता कर रही हों. उन्होंने (khushiram balnatah target congress) कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी मानी जाने वाली कांग्रेस में आज ना अच्छे नेता हैं, ना नीति है और ना ही नीयत. परिवारवाद और भ्रष्टाचार की वजह से आज देश की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर नेताओं की लंबी लिस्ट है. जो कांग्रेस को हाथ जोड़कर अलविदा कह रहे हैं. गुलाम नबी आजाद ही नहीं, हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले सभी नेताओं ने राहुल गांधी को अक्षम और चापलूसों से घिरा रहने वाला नेता बताया है.
भाजपा नेता खुशीराम बालनाहटा ने ये भी कहा था कि कांग्रेस से लोग टूट कर दूसरे दलों से अपना नाता जोड़ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस का कुनबा बिखर रहा है. कांग्रेस पार्टी के अंदर एकजुटता कहीं नहीं दिख रही. अपने ही नेता पार्टी पर विश्वास नहीं जता पा रहे हैं. दिल्ली के समान ही हिमाचल में भी कांग्रेस पार्टी मां-बेटे के हाथ की कठपुतली बनकर रह गई है. यह सभी नेता परिवारवाद की राजनीति से परेशान हैं. हिमाचल कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी चरम पर है. कांग्रेस का हर नेता अपने आप को अध्यक्ष मानता है और हर नेता अपने आप को मुख्यमंत्री के रूप में देखता है. भाजपा नेता खुशीराम बालनाहटा ने कहा कि कांग्रेस को अपनी सात ब्लॉक कार्यकारणी भंग करनी पड़ी हैं.जब इलेक्शन का दौर होता है तो पूरी पार्टी एकसाथ चलकर तैयारी करती है, लेकिन कांग्रेस का एक नेता पूर्व की ओर जा रहा है तो दूसरा पश्चिम की ओर. पार्टी के अंदर ही कांग्रेस के नेताओं के अलग-अलग दल बने हुए हैं. मुकेश अग्निहोत्री अलग दिशा में चले हुए हैं तो सुक्खू अलग दिशा में. पार्टी के अंदर कोई तारतम्य नहीं है.
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