शिमला: कांग्रेस नेताओं द्वारा बल्क ड्रग पार्क की तुलना टॉयलेट से करने वाले बयान पर भाजपा मुखर हो गई है. भाजपा महामंत्री त्रिलोक जम्वाल (Himachal BJP General Secretary Trilok Jamwal) ने कहा कि बल्क ड्रग फार्मा पार्क (Bulk Drug Park in Himachal) को लेकर मुकेश अग्निहोत्री का बार-बार यह कहना कि दो महीने में टॉयलेट नहीं बनता, दिखाता है कि उनकी सोच कैसी है. हो सकता है कि वह अभी भी तथाकथित वीरभद्र विकास मॉडल की बात कर रहे हों, जहां हर काम कई सालों तक लटका रहता था. मगर आज डबल इंजन की सरकार में प्रॉजेक्ट भी तुरंत मंजूर होते हैं और तुरंत धरातल पर भी उतरते हैं.
जामवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश में 60 वर्षों तक सत्ता में रही लेकिन गरीब लोगों के लिए टॉयलट तक नहीं बना सकी. इसलिए उसके नेता यही कह सकते हैं कि दो महीने में तो टॉयलेट नहीं बन सकता. सतपाल सत्ती ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने टॉयलेट निर्माण का बीड़ा उठाया. नरेंद्र मोदी सरकार ने केवल पहले कार्यकाल में ही देश में 9.5 करोड़ से ज्यादा टॉयलेट बना दिए. यह काम कांग्रेस 60 सालों में नहीं कर पाई. जामवाल ने कहा कि जो कांग्रेस पार्टी 60 सालों में कम खर्च पर बनने वाले टॉयलेट तक नहीं बना पाई. उसके नेताओं को टॉयलेट और 1200 करोड़ रुपये के बल्क ड्रग पार्क का फर्क कहां पता होगा. इसलिए मुकेश अग्निहोत्री बल्क ड्रग पार्क और टॉयलेट की तुलना कर (Trilok Jamwal on Mukesh Agnihotri) रहे हैं.
जामवाल ने कहा कि गलती मुकेश की नहीं है, क्योंकि उन्होंने हिमाचल में तथाकथित वीरभद्र सिंह विकास मॉडल देखा है. उस विकास मॉडल का सच यह है कि जो 6 बार मुख्यमंत्री रहे लेकिन आम जनता के लिए न तो कोई जनकल्याणकारी योजना ला सके और न ही हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट केंद्र से लाए. जामवाल ने कहा कि 2003 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी ने हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज दिया. आज उसकी बदौलत हिमाचल के लाखों लोगों को रोजगार मिला है.
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश को 1200 करोड़ रुपये का बल्क ड्रग पार्क दिया है. बल्क ड्रग पार्क के पूरे होने पर करीब 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 20 से 30 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. मुकेश अग्निहोत्री विरोध की राजनीति में इतने अंध विरोधी हो चुके हैं कि उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र को मिले इतने बड़े प्रोजेक्ट पर ओछी टिप्पणियां कर रहे हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि इस पार्क के हरोली में आने से उन्हें अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती महसूस हो रही है. तभी वह पहले दिन से प्रॉजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. ताकि उनके क्षेत्र को किसी तरह का लाभ मिलने पर उनका अपनी पूछ न कम हो जाए. लेकिन अब वह दौर गया, जब जनता को गुमराह करके वोट लिए जाते थे. प्रदेश के साथ-साथ हरोली की जनता ने भी ठान लिया है कि इस बार रिवाज बदलना है और फिर से भाजपा की सरकार (Himachal assembly election 2022) बनानी है.
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