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जल जीवन मिशन में हिमाचल ने हासिल किया 94.57  प्रतिशत लक्ष्य, इस साल दिसंबर तक हर घर में लग जाएगा नल

हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन (jal jeevan mission) में शानदार काम किया है. अब तक हिमाचल ने 94.57 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. मंगलवार को जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल के चार जिलों के 25 खंडों की 2518 पंचायतों के 15,277 गांवों के सभी परिवारों के घरों में नल लगाए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 16,33,785 (94.57 प्रतिशत) घरों को कार्यशील नल प्रदान किए जा चुके हैं. प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2022 तक शेष कार्य को पूर्ण करने का संकल्प लिया है और इसे तेजी से पूरा किया जा रहा है.

jal jeevan mission
कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह
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Published : Aug 2, 2022, 6:28 PM IST

Updated : Aug 2, 2022, 6:37 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन (jal jeevan mission) में शानदार काम किया है. अब तक हिमाचल ने 94.57 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. राज्य में 1633786 नल लगाए जा चुके हैं. यही नहीं हिमाचल को शानदार काम करने के लिए केंद्र से इस साल वन 1344.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. हिमाचल के बेहतर कार्य को देखते हुए 3 साल में केंद्र से 1000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन राशि भी मिली है.

मंगलवार को जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल के चार जिलों के 25 खंडों की 2518 पंचायतों के 15,277 गांवों के सभी परिवारों के घरों में नल लगाए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 16,33,785 (94.57 प्रतिशत) घरों को कार्यशील नल प्रदान किए जा चुके हैं. प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2022 तक शेष कार्य को पूर्ण करने का संकल्प लिया है और इसे तेजी से पूरा किया जा रहा है.

जल शक्ति मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत न केवल नल लगाए जा रहे हैं, बल्कि दुर्गम क्षेत्रों में स्थायी स्रोतों से बड़ी-बड़ी योजनाएं भी तैयार की जा रही हैं तथा पुरानी योजनाओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में 63 प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं. जिनमें 55 प्रयोगशालाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता मिल चुकी है.

उन्होंने बताया कि जल गुणवत्ता में पारदर्शिता लाने के लिए प्रदेश की सभी प्रयोगशालाओं को आम जनमानस के लिए खोल दिया गया है, जिनमें न्यूनतम दरों पर जल नमूनों का परीक्षण किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी गांवों को फील्ड टेस्ट किट वितरित की गई हैं और इस किट के माध्यम से हर गांव की पांच महिलाओं को पेयजल जांच का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अभी तक 50,989 महिलाओं को यह प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

ये भी पढ़ें- गोबिंद सागर झील में फिर नहाने उतरे पर्यटक, 7 जिंदगियां जाने के बाद भी नहीं ले रहे सबक

शिमला: हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन (jal jeevan mission) में शानदार काम किया है. अब तक हिमाचल ने 94.57 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. राज्य में 1633786 नल लगाए जा चुके हैं. यही नहीं हिमाचल को शानदार काम करने के लिए केंद्र से इस साल वन 1344.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. हिमाचल के बेहतर कार्य को देखते हुए 3 साल में केंद्र से 1000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन राशि भी मिली है.

मंगलवार को जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल के चार जिलों के 25 खंडों की 2518 पंचायतों के 15,277 गांवों के सभी परिवारों के घरों में नल लगाए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 16,33,785 (94.57 प्रतिशत) घरों को कार्यशील नल प्रदान किए जा चुके हैं. प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2022 तक शेष कार्य को पूर्ण करने का संकल्प लिया है और इसे तेजी से पूरा किया जा रहा है.

जल शक्ति मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत न केवल नल लगाए जा रहे हैं, बल्कि दुर्गम क्षेत्रों में स्थायी स्रोतों से बड़ी-बड़ी योजनाएं भी तैयार की जा रही हैं तथा पुरानी योजनाओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में 63 प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं. जिनमें 55 प्रयोगशालाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता मिल चुकी है.

उन्होंने बताया कि जल गुणवत्ता में पारदर्शिता लाने के लिए प्रदेश की सभी प्रयोगशालाओं को आम जनमानस के लिए खोल दिया गया है, जिनमें न्यूनतम दरों पर जल नमूनों का परीक्षण किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी गांवों को फील्ड टेस्ट किट वितरित की गई हैं और इस किट के माध्यम से हर गांव की पांच महिलाओं को पेयजल जांच का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अभी तक 50,989 महिलाओं को यह प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

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Last Updated : Aug 2, 2022, 6:37 PM IST
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