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हिमाचल अकादमी सम्मान विजेता विख्यात कवि अवतार एनगिल का देहांत, लेखन जगत में शोक की लहर - एनगिल की एक चर्चित कविता

कवि अवतार एनगिल का देहांत (poet avtar engill passes away) हो गया है. अवतार एनगिल के निधन पर हिमाचल कला संस्कृति व भाषा अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह प्रदेश भर के लेखकों ने दुख जताया है. दो बार अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हिमाचल के विख्यात कवि अवतार एनगिल ने किसान आंदोलन के समर्थन में हिमाचल कला अकादमी पुरस्कार लौटा दिया था.

poet avtar engill passes away
कवि अवतार एनगिल का निधन
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Published : Apr 6, 2022, 1:43 PM IST

Updated : Apr 6, 2022, 2:03 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के विख्यात कवि (Himachal Academy Awardee poet avtar engill) अवतार एनगिल का निधन (poet avtar engill passes away) हो गया है. अवतार एनगिल कुछ समय से बीमार चल रहे थे. वे कनाडा में अपने परिवार संग रह रहे थे. वहीं मंगलवार को उनका देहांत हुआ. एनगिल शिमला के कोटशेरा कॉलेज में अंग्रेजी के प्राध्यापक थे. उनके कविता संग्रह सूर्य से सूर्य तक और तीन डग कविता को हिमाचल प्रदेश साहित्य अकादमी सम्मान (Himachal Pradesh Sahitya Akademi Award) मिला था. सेवानिवृति के बाद वे अधिकांश समय कनाडा में निवास करते थे. बीच-बीच में वे शिमला आते रहते थे. अवतार एनगिल के निधन पर हिमाचल कला संस्कृति व भाषा अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह प्रदेश भर के लेखकों ने दुख जताया है.

अवातर एनगिल ने विभाजन का दंश झेला था. वे अविभाजित भारत के पेशावर में 14 अप्रैल 1940 को पैदा हुए थे. बाद में वे भारत आए. अवतार एनगिल ने बड़े संघर्ष से अपनी पढ़ाई पूरी की. वे अंग्रेजी में एमए एमफिल के साथ जर्मन भाषा में भी डिप्लोमा धारक थे. कॉलेज में अध्यापन से पहले उन्होंने शिमला पब्लिक स्कूल में प्रिंसिपल थे. उन्होंने कसौली इंटरनेशनल स्कूल सनावर में भी अध्यापन किया. अवतार एनगिल उस स्कूल के फाउंडर प्रिंसिपल रहे. बाद में वे कॉलेज में पढ़ाने लगे। शिमला के कोटशेरा कॉलेज से वे अंग्रेजी के प्राध्यापक पद से सेवानिवृत हुए थे.

सूर्य से सूर्य तक और तीन डग कविता संग्रह के लिए उन्हें क्रमश: 1986 व 2001 में हिमाचल अकादमी सम्मान मिला. उनकी रचनाओं में इक सी परी पंजाबी कहानी संग्रह, सूर्य से सूर्य तक, मनखान आएगा, अंधे कहार, तीन डग कविता, एक और दिन तथा बाघ की वापिसी कविता संग्रह शामिल हैं. उन्होंने सआदत हसन मंटो, ख्वाजा अहमद अब्बास, रांगेय राघव सहित कई हिंदी लघु कथाकारों की रचनाओं का पंजाबी में अनुवाद भी किया. दूरदर्शन व आकाशवाणी से भी उनकी कविताएं प्रसारित हुई हैं.

डट कर विरोध में हो जाते थे खड़े: अवतार एनगिल ने किसान आंदोलन के समय विरोध स्वरूप अकादमी सम्मान वापिस करने का ऐलान किया था. हालांकि उनके इस ऐलान पर सीएम जयराम ठाकुर ने बात को संभालते हुए संतुलित प्रतिक्रिया दी थी. अवतार एनगिल का शिमला में सिंह सभा के साथ भी विवाद चर्चित रहा. वे कुछ मसलों पर सिंह सभा के खिलाफ मुखर हो गए थे. अवतार एनगिल लेखकीय आयोजनों में भी खरी बात कहने से चूकते नहीं थे. चर्चित कवि आत्मा रंजन का कहना है कि अवतार एनगिल के निधन से लेखन जगत में बड़ा शून्य पैदा हुआ है.

एनगिल की एक चर्चित कविता

(चलकर जाते हैं बच्चे स्कूल)

नन्हें बच्चे

चलकर पहुंचते हैं स्कूल

मगर

छुट्टी होते ही

घर के लिए भागते हैं

आओ

हम कोई ऐसा खेल रचें

कि बच्चे भागते हुए स्कूल आएं

और घर

चलकर जाएं...

शिमला: हिमाचल प्रदेश के विख्यात कवि (Himachal Academy Awardee poet avtar engill) अवतार एनगिल का निधन (poet avtar engill passes away) हो गया है. अवतार एनगिल कुछ समय से बीमार चल रहे थे. वे कनाडा में अपने परिवार संग रह रहे थे. वहीं मंगलवार को उनका देहांत हुआ. एनगिल शिमला के कोटशेरा कॉलेज में अंग्रेजी के प्राध्यापक थे. उनके कविता संग्रह सूर्य से सूर्य तक और तीन डग कविता को हिमाचल प्रदेश साहित्य अकादमी सम्मान (Himachal Pradesh Sahitya Akademi Award) मिला था. सेवानिवृति के बाद वे अधिकांश समय कनाडा में निवास करते थे. बीच-बीच में वे शिमला आते रहते थे. अवतार एनगिल के निधन पर हिमाचल कला संस्कृति व भाषा अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह प्रदेश भर के लेखकों ने दुख जताया है.

अवातर एनगिल ने विभाजन का दंश झेला था. वे अविभाजित भारत के पेशावर में 14 अप्रैल 1940 को पैदा हुए थे. बाद में वे भारत आए. अवतार एनगिल ने बड़े संघर्ष से अपनी पढ़ाई पूरी की. वे अंग्रेजी में एमए एमफिल के साथ जर्मन भाषा में भी डिप्लोमा धारक थे. कॉलेज में अध्यापन से पहले उन्होंने शिमला पब्लिक स्कूल में प्रिंसिपल थे. उन्होंने कसौली इंटरनेशनल स्कूल सनावर में भी अध्यापन किया. अवतार एनगिल उस स्कूल के फाउंडर प्रिंसिपल रहे. बाद में वे कॉलेज में पढ़ाने लगे। शिमला के कोटशेरा कॉलेज से वे अंग्रेजी के प्राध्यापक पद से सेवानिवृत हुए थे.

सूर्य से सूर्य तक और तीन डग कविता संग्रह के लिए उन्हें क्रमश: 1986 व 2001 में हिमाचल अकादमी सम्मान मिला. उनकी रचनाओं में इक सी परी पंजाबी कहानी संग्रह, सूर्य से सूर्य तक, मनखान आएगा, अंधे कहार, तीन डग कविता, एक और दिन तथा बाघ की वापिसी कविता संग्रह शामिल हैं. उन्होंने सआदत हसन मंटो, ख्वाजा अहमद अब्बास, रांगेय राघव सहित कई हिंदी लघु कथाकारों की रचनाओं का पंजाबी में अनुवाद भी किया. दूरदर्शन व आकाशवाणी से भी उनकी कविताएं प्रसारित हुई हैं.

डट कर विरोध में हो जाते थे खड़े: अवतार एनगिल ने किसान आंदोलन के समय विरोध स्वरूप अकादमी सम्मान वापिस करने का ऐलान किया था. हालांकि उनके इस ऐलान पर सीएम जयराम ठाकुर ने बात को संभालते हुए संतुलित प्रतिक्रिया दी थी. अवतार एनगिल का शिमला में सिंह सभा के साथ भी विवाद चर्चित रहा. वे कुछ मसलों पर सिंह सभा के खिलाफ मुखर हो गए थे. अवतार एनगिल लेखकीय आयोजनों में भी खरी बात कहने से चूकते नहीं थे. चर्चित कवि आत्मा रंजन का कहना है कि अवतार एनगिल के निधन से लेखन जगत में बड़ा शून्य पैदा हुआ है.

एनगिल की एक चर्चित कविता

(चलकर जाते हैं बच्चे स्कूल)

नन्हें बच्चे

चलकर पहुंचते हैं स्कूल

मगर

छुट्टी होते ही

घर के लिए भागते हैं

आओ

हम कोई ऐसा खेल रचें

कि बच्चे भागते हुए स्कूल आएं

और घर

चलकर जाएं...

Last Updated : Apr 6, 2022, 2:03 PM IST
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