शिमलाः प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए हिमाचल सरकार 'हिम सुरक्षा अभियान' शुरू कर रही है. इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर प्रदेशवासियों में कोविड-19 सहित विभिन्न रोगों के लक्षणों की जानकारी इकट्ठी करेंगे. आज से शुरू हो रहा हिम सुरक्षा अभियान 27 दिसंबर तक चलेगा.
8,000 टीमों का हुआ गठन
इस अभियान के तहत कोरोना वायरस, तपेदिक, कुष्ठ रोग, शुगर और उच्च रक्तचाप के रोगियों की पहचान करने के लिए घर-घर सर्वेक्षण किया जाएगा. प्रदेश सरकार ने इसके लिए 8,000 टीमों का गठन किया है. टीम में दो सदस्य होंगे जो घर-घर जाकर कोरोना मरीजों की पहचान करेंगे.
24 नवंबर को शुरू हुआ अभियान
अभियान का शुभारंभ 24 नवंबर को शिमला के रिज मैदान में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया है. सीएम ने लोगों से अपील की है कि इस अभियान में शामिल हो कर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जानकारी देने में सहयोग करें. ताकि कोरोना और अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को घर द्वार पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराई जा सके. कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल समेत कई अन्य मंत्री और अधिकारी भी मौजूद रहे.
प्रदेश में बढ़ाई गई जांच क्षमता
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार सभी आवश्यक निवारक और उपचारात्मक कदम उठा रही है और अब प्रदेश में जांच क्षमता बढ़ाई गई है. अब कोरोना वायरस की जांच के लिए हिम सुरक्षा अभियान शुरू किया जा रहा है.
सभी की होगी स्क्रीनिंग
इस अभियान में सभी की स्क्रीनिंग की जाएगी. इसमें कोविड के सस्पेक्ट का टेस्ट टीबी के लिए और टीबी के सस्पेक्ट्स का टेस्ट कोविड के लिए किया जाएगा. इसके साथ हाई रिस्क ग्रुप, पॉपुलेशन की मुख्य रूप से इस अभियान में टीबी और कोरोना के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी.
इस तरह से काम करेंगी टीमें
स्वास्थ्य एवं परिव कल्याण सचिव ने बताया कि हिम सुरक्षा अभियान में सभी ब्लॉक के खंड चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभाग आयुर्वेद, आईसीडीएस विभाग और पंचायती राज विभाग एक टीम के रूप में काम करेगा. ये टीम सभी घरों, गांव और शहरों में रहने वाले मजदूर और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच करेगी.
लक्षण नजर आने पर फौरन कराएं जांच
अमिताभ अवस्थी ने कहा कि लोगों से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि नियमित सुरक्षित व्यवहार को अपनाने और कोई भी लक्षण सामने आने पर घबराए बगैर कोविड-19 की जल्द जांच करवाएं, ताकि संक्रमण की संभावनाओं को नियंत्रित किया जा सके और जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने की स्थिति में स्वयं को आइसोलेट किया जा सके. उन्होंने बुखार, खांसी, जुकाम या सांस की समस्या में हेल्पलाइन नम्बर 104 से संपर्क करने या ई-संजीवनी ओपीडी सेवा का लाभ उठाने के लिए कहा.
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