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किन्नौर में भारी बर्फबारी से किसान-बागवान खुश, जिला की 80 फीसदी सड़कें बाधित

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Published : Jan 6, 2021, 2:32 PM IST

किन्नौर के समूचे क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई है. इसके अलवा जिला के पुरबनी झूला बन्द होने से भी जिला के ऊपरी क्षेत्रों में लोगों से सम्पर्क करना भी मुश्किल हैं बर्फबारी के बाद मोबाइल सिग्नल भी नहीं चल रहे है. इसके अलावा सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के भी कई कर्मचारी भारी बर्फबारी के कारण कार्यालयों तक नहीं पहुंच पाए हैं.

heavy snowfall in Kinnaur valley
किन्नौर में भारी बर्फबारी

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर के समूचे क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई है, जिसके चलते जिला के सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं. वहीं, जिला के दूरदराज क्षेत्रों में बिजली भी गुल है. जिला किन्नौर में लगातार बर्फबारी से जीवन अस्त व्यस्त चला हुआ है.

ऐसे में जिला में वाहनों की आवाजाही भी थम गई है. इसके अलवा जिला के पुरबनी झूला बन्द होने से भी जिला के ऊपरी क्षेत्रों में लोगों से सम्पर्क करना भी मुश्किल हैं बर्फबारी के बाद मोबाइल सिग्नल भी नहीं आ रहा.

वीडियो रिपोर्ट

बागवानों के बर्फबारी आवश्यक

जिला किन्नौर के रिकांगपिओ के बागवान भागरथ नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर में बर्फबारी अमृत के समान मानी जाती है, क्योंकि जिला में सेब के पेड़ों को चिलिंग आवर पूरा करने के लिए सबसे जरूरी बर्फबारी है. ऐसे में समय पर बर्फबारी के आना अति आवश्यक है.

सड़क अवरुद्ध होने से समस्या

उन्होंने कहा कि जिला में इस बार सर्दी काफी देरी से आई है. पिछले दो दिनों से लगातार बर्फबारी के कारण सेब के बागवानों को भी अपने सेब के बगीचों में चिलिंग आवर पूरा करने में भी समस्या नहीं आएगी. नेगी ने कहा कि इस बर्फबारी से जहां बागवानों को खुशी मिली है. वहीं, जिला में सड़क अवरुद्ध होने से लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि लोगो को सुविधा के साथ समस्या से भी गुजरना पड़ता है जो प्रकृति का नियम है.

बर्फबारी के कारण सम्पर्क मार्ग बंद

बता दें कि जिला में बर्फबारी के कारण अधिकतर सम्पर्क मार्ग बंद है. वहीं, जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में भी अभी तक सड़क बन्द होने से लोगों को पैदल चलकर अपने गंतव्यों तक जाना पड़ रहा है.

ग्लेशियर गिरने का खतरा बढ़ा

इसके अलावा सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के भी कई कर्मचारी भारी बर्फबारी के कारण कार्यालयों तक नहीं पहुंच पाए हैं. जिला में अभी भी ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद ग्लेशियर गिरने का खतरा भी बढ़ गया है.

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर के समूचे क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई है, जिसके चलते जिला के सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं. वहीं, जिला के दूरदराज क्षेत्रों में बिजली भी गुल है. जिला किन्नौर में लगातार बर्फबारी से जीवन अस्त व्यस्त चला हुआ है.

ऐसे में जिला में वाहनों की आवाजाही भी थम गई है. इसके अलवा जिला के पुरबनी झूला बन्द होने से भी जिला के ऊपरी क्षेत्रों में लोगों से सम्पर्क करना भी मुश्किल हैं बर्फबारी के बाद मोबाइल सिग्नल भी नहीं आ रहा.

वीडियो रिपोर्ट

बागवानों के बर्फबारी आवश्यक

जिला किन्नौर के रिकांगपिओ के बागवान भागरथ नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर में बर्फबारी अमृत के समान मानी जाती है, क्योंकि जिला में सेब के पेड़ों को चिलिंग आवर पूरा करने के लिए सबसे जरूरी बर्फबारी है. ऐसे में समय पर बर्फबारी के आना अति आवश्यक है.

सड़क अवरुद्ध होने से समस्या

उन्होंने कहा कि जिला में इस बार सर्दी काफी देरी से आई है. पिछले दो दिनों से लगातार बर्फबारी के कारण सेब के बागवानों को भी अपने सेब के बगीचों में चिलिंग आवर पूरा करने में भी समस्या नहीं आएगी. नेगी ने कहा कि इस बर्फबारी से जहां बागवानों को खुशी मिली है. वहीं, जिला में सड़क अवरुद्ध होने से लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि लोगो को सुविधा के साथ समस्या से भी गुजरना पड़ता है जो प्रकृति का नियम है.

बर्फबारी के कारण सम्पर्क मार्ग बंद

बता दें कि जिला में बर्फबारी के कारण अधिकतर सम्पर्क मार्ग बंद है. वहीं, जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में भी अभी तक सड़क बन्द होने से लोगों को पैदल चलकर अपने गंतव्यों तक जाना पड़ रहा है.

ग्लेशियर गिरने का खतरा बढ़ा

इसके अलावा सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के भी कई कर्मचारी भारी बर्फबारी के कारण कार्यालयों तक नहीं पहुंच पाए हैं. जिला में अभी भी ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद ग्लेशियर गिरने का खतरा भी बढ़ गया है.

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