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एनजीटी के आदेश को चुनौती देने वाली हिमाचल सरकार की याचिका पर सुनवाई 14 मार्च के लिए टली - construction in secretariat premises

सचिवालय परिसर में निर्माण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका (Himachal government petition challenging NGT order) पर सुनवाई हिमाचल हाई कोर्ट में 14 मार्च के लिए टल गई. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.

Himachal High Court
हिमाचल हाईकोर्ट एनजीटी मामले में सुनवाई.
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Published : Feb 22, 2022, 8:34 PM IST

शिमला: सचिवालय परिसर में निर्माण (construction in secretariat premises) को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका (Himachal government petition challenging NGT order) पर सुनवाई हिमाचल हाई कोर्ट में 14 मार्च के लिए टल गई. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.

राज्य सरकार ने एनजीटी के उन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसके तहत सचिवालय भवन के एलर्सली भवन में शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट और रैंप के निर्माण सहित मुख्य भवन, मुख्यमंत्री कार्यालय में आगंतुक प्रतीक्षालय और कार पार्किंग और बहुमंजिला पार्किंग और कार्यालय का विस्तार करने की अनुमति के आवेदन को खारिज कर दिया था.

मामले पर सुनवाई न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष हुई. राज्य सरकार का कहना है कि एनजीटी के पास भवन निर्माण को नियंत्रित करने के आदेश पारित करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि ऐसे मामले वन, पानी और पर्यावरण संरक्षण अधिनियमों के दायरे में नहीं आते हैं. मामले पर अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.

ये भी पढ़ें: ऊना पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामला: अनुराग ठाकुर और सुरेश कश्यप ने हादसे पर किया शोक व्यक्त

शिमला: सचिवालय परिसर में निर्माण (construction in secretariat premises) को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका (Himachal government petition challenging NGT order) पर सुनवाई हिमाचल हाई कोर्ट में 14 मार्च के लिए टल गई. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.

राज्य सरकार ने एनजीटी के उन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसके तहत सचिवालय भवन के एलर्सली भवन में शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट और रैंप के निर्माण सहित मुख्य भवन, मुख्यमंत्री कार्यालय में आगंतुक प्रतीक्षालय और कार पार्किंग और बहुमंजिला पार्किंग और कार्यालय का विस्तार करने की अनुमति के आवेदन को खारिज कर दिया था.

मामले पर सुनवाई न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष हुई. राज्य सरकार का कहना है कि एनजीटी के पास भवन निर्माण को नियंत्रित करने के आदेश पारित करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि ऐसे मामले वन, पानी और पर्यावरण संरक्षण अधिनियमों के दायरे में नहीं आते हैं. मामले पर अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.

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