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HC ने राज्य सरकार से प्राइमरी और मिडिल सरकारी स्कूलों का ब्योरा मांगा - Chief Justice Mohammad Rafiq

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश सबीना ने राज्य सरकार से प्रदेश के प्राइमरी और मिडिल सरकारी स्कूलों का ब्योरा मांगा है. स्कूलों की इमारतों की सुचारू रूप से मरम्मत व स्कूलों के उचित रख रखाव के आग्रह को लेकर हाई कोर्ट के समक्ष जनहित याचिका पर उपरोक्त आदेश पारित किए गए हैं. प्रदेश उच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

HC asks state government for details of primary and middle government schools
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Published : Oct 27, 2021, 10:20 PM IST

शिमला: उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से प्राइमरी और मिडिल सरकारी स्कूलों का ब्योरा मांगा है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश सबीना ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश में कितने प्राथमिक और मिडिल स्कूल हैं? क्या उन्हें किसी प्रकार की छोटी बड़ी मरम्मत की आवश्यकता है? क्या ऐसे स्कूलों में बिजली कनेक्शन हैं? क्या ऐसे स्कूलों में शौचालय हैं और क्या स्कूल को-एड होने पर पुरुष और महिला छात्रों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं?

स्कूलों के रखरखाव के लिए वार्षिक बजट का आवंटन क्या है? क्या सरकार के पास छात्रों के अनुपात और उपलब्ध कक्षाओं की संख्या के आधार पर अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की योजना है और पिछले पांच वर्षों के दौरान कितने नए स्कूल भवनों का निर्माण किया गया है? क्या भारत सरकार की 'स्वच्छ विद्यालय योजना' के नाम से जानी जाने वाली योजना राज्य में सभी सरकारी स्कूलों के लिए लागू की गई है और यदि हां, तो कितने स्थानों पर. तमाम ब्योरा शपथ पत्र के माध्यम से न्यायालय से समक्ष दाखिल करने के आदेश जारी किए गए हैं.

स्कूलों की इमारतों की सुचारू रूप से मरम्मत व स्कूलों के उचित रख रखाव के आग्रह को लेकर हाई कोर्ट के समक्ष जनहित याचिका पर उपरोक्त आदेश पारित किए गए हैं. प्रदेश उच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

ये भी पढ़ें: मंडी में दाव पर साख, किला बचाने को मंत्रियों सहित अधिकांश समय तक डटे रहे जयराम

शिमला: उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से प्राइमरी और मिडिल सरकारी स्कूलों का ब्योरा मांगा है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश सबीना ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश में कितने प्राथमिक और मिडिल स्कूल हैं? क्या उन्हें किसी प्रकार की छोटी बड़ी मरम्मत की आवश्यकता है? क्या ऐसे स्कूलों में बिजली कनेक्शन हैं? क्या ऐसे स्कूलों में शौचालय हैं और क्या स्कूल को-एड होने पर पुरुष और महिला छात्रों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं?

स्कूलों के रखरखाव के लिए वार्षिक बजट का आवंटन क्या है? क्या सरकार के पास छात्रों के अनुपात और उपलब्ध कक्षाओं की संख्या के आधार पर अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की योजना है और पिछले पांच वर्षों के दौरान कितने नए स्कूल भवनों का निर्माण किया गया है? क्या भारत सरकार की 'स्वच्छ विद्यालय योजना' के नाम से जानी जाने वाली योजना राज्य में सभी सरकारी स्कूलों के लिए लागू की गई है और यदि हां, तो कितने स्थानों पर. तमाम ब्योरा शपथ पत्र के माध्यम से न्यायालय से समक्ष दाखिल करने के आदेश जारी किए गए हैं.

स्कूलों की इमारतों की सुचारू रूप से मरम्मत व स्कूलों के उचित रख रखाव के आग्रह को लेकर हाई कोर्ट के समक्ष जनहित याचिका पर उपरोक्त आदेश पारित किए गए हैं. प्रदेश उच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

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