ठियोग/शिमलाः हिमाचल प्रदेश में मौसम के करवट बदलते ही तापमान में जंहा भारी गिरावट के आई, वहीं ठियोग के कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि ने किसानों और बागवानों पर कहर ढाया है. ओलावृष्टि की वजह से किसान-बागवानों को काफी नुकसान हुआ है.
ठियोग की भराणा पंचायत के कई गांव, गडली, थाच, कंडा, बछलोन, डाकलु और केलवी पंचायत के गड़ाकुफर, रौनी, काथला गांव में ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान हुआ है. बागवानों का कहना है कि लगातार आधे घंटे तक बरसी इस आसमानी आफत ने सेब की फसल को तबाह कर दिया है.
यही नहीं ओलावृष्टि से मटर और गोभी की फसल भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है. जिससे किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है. किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि का कहर हर साल ऐसे ही आफत के रूप में आता है और सरकार का इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं जाता.
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यंहा तक कि पटवारी ने आज तक कभी किसानों की नष्ट फसलों का जायजा नहीं लिया. वहीं, जो बीमा कंपनी हैं वो किश्ते काटती रहती हैं. किसी भी किसान-बागवान को आज तक किसी भी तरह का मुआवजा नहीं मिला है.
आपको बता दें कि हिमाचल में मौसम विभाग ने आगामी दो से तीन दिन तक बारिश और तूफान के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है. विभाग की इस चेतावनी के बाद एक बार फिर किसानों और बागवानों में मौसम की इस बेरूखी को लेकर चिंता बढ़ गई है.
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