रामपुर/शिमला: रामपुर उपमंडल के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुहल में बागवान परेशान (Growers facing problem in rampur) हैं. बागवानों का कहना है कि तलाई में हिमफेड ने अपना सेंटर खोला, लेकिन 7 दिनों से यह सेंटर बागवानों के सी ग्रेड का सेब नहीं लिया और इसे अधिकारियों की मिली भगत से बंद कर दिया गया (Himfed center in Talai Closed) है. जिससे उन्हें सी ग्रेड का सेब बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
उनका कहना है कि सरकार बागवानों की सुविधा के लिए बेहतरीन प्रयास तो करती है, लेकिन दूसरी और विभाग में बैठे अधिकारी और स्थानीय नेता उनके नियमों को दरकिनार करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. बागवानों का कहना है कि उनके क्षेत्र में लगभग 1500 के करीब सेब की बोरियां बागवानों ने तैयार की है, लेकिन हिमफेड के सेंटर बंद करने से क्षेत्र के बागवानों को परेशान करने का कार्य हिमफेड के अधिकारी कर रहे हैं.
बागवानों का कहना है कि उनकी आर्थिक सेब पर ही निर्भर करती है जिसके लिए वे पूरा साल मेहनत करते हैं. ऐसे में हिमफेड का सेंटर बंद करने से बोरियां में रखा सेब खराब होने लगा है. इस मामले को लेकर ग्राम सभा में भी चर्चा की गई. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ दिन पूर्व कुछ बागवानों की कर्मचारियों से बहस हुई थी. इसका तर्क देकर ही यह सेंटर बंद किया गया है. जिसका खामियाजा सभी बागवानों को भुगतना पर रहा है.
ऐसे में पंचायत के बागवानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनका सेब जल्द लिया जाए. बागवानों का कहना है कि यह उनकी पूरे साल की कमाई है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में करीब 1500 सेब की बोरियां बागवानों ने तैयार की है जो रखे-रखे सड़ रही हैं. बागवानों ने जल्द सरकार से इन बोरियों को उठाने का आग्रह किया है, ताकि बागवानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.
हिमफेड के एमडी ज्ञान सागर नेगी ने बताया कि कुछ दिन पहले कर्मचारियों के साथ बागवानों की बहसबाजी हुई थी. इसी के साथ बागवान भी अपना सेब सेंटर में नहीं पहुंचा रहे (Himfed center in Talai) थे, जिसको लेकर उनका सेंटर बंद कर दिया गया. आगामी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है. कमेटी का निर्णय आने के बाद ही सेंटर खोलने पर आगामी निर्णय लिया जाएगा.
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